अडाणी प्रकरण में नियामक संस्थाओं की मजबूती को विशेषज्ञ समिति को तैयार है सरकार

अडानी मामले में कमेटी बनाने को केंद्र राजी, सीलबंद लिफाफे में नाम देने की कही बात
अडानी मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसे नियामक तंत्र को मजबूत करने को लेकर एक्सपर्ट कमेटी बनाने के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है। केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि सेबी, अन्य नियामक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

हाइलाइट्स
+नियामक तंत्र को मजबूत करने को लेकर एक्सपर्ट कमेटी बनाने पर आपत्ति नहीं
+केंद्र ने कहा – सीलबंद लिफाफे में प्रस्तावित समिति के लिए देंगे एक्सपर्ट के नाम
+सरकार ने कोर्ट से कहा कि सेबी, अन्य नियामक स्थिति से निपटने के लिए तैयार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शेयर बाजार के लिए नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए एक्सपर्ट्स की समिति गठित करने प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट के मामले की सुनवाई कर रहा था। केंद्र सरकार ने हालांकि चीफ जस्टिस (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है।

केंद्र सरकार और सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक इकाइयां हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को समिति बनाने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों के नामों का सुझाव हम दे सकते हैं। हम सीलबंद लिफाफे में नाम सुझा सकते हैं। मेहता ने आशंका जताई कि पैनल की स्थापना पर किसी भी ‘अनजाने’ संदेश का धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

शीर्ष अदालत ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाने और अडाणी समूह के शेयरों को कृत्रिम तरीके से गिराने संबंधी दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) की शुक्रवार सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने अडाणी समूह के शेयर बाजारों में गिरावट की पृष्ठभूमि में 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा की जरूरत है। न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विचार करने के लिए कहा था।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *