पंजाब में दूसरा भिंडरावाले नहीं पैदा होने देगी सरकार
Punjab And Haryana Chandigarh Amritpal Singh Was Isi Agent Preparing Human Bomb Like Dilawar Singh
गुरुद्वारे में हथियार जमा कर मानव बम तैयार कर रहा था अमृतपाल, दिलावर सिंह बनने के लिए कहता था- खुफिया सूत्र
अमृतपाल सिंह को लेकर सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। अमृतपाल के बारे में ताजा जानकारी यह आई है कि वह गुरुद्वारे और नशा मुक्ति केंद्रों में हथियार जमा कर रहा था। वह आत्मघाती हमले के लिए युवाओं को तैयार कर रहा था।
हाइलाइट्स
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर मिल रही सनसनीखेज जानकारी
अमृतपाल सिंह गुरुद्वारे और नशा मुक्ति केंद्रों में हथियार जमा कर रहा था
अमृतपाल सिंह आत्मघाती हमले के लिए भी युवाओं को तैयार कर रहा था
चंडीगढ़ 18 मार्च: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। खुफिया सूचना में कहा गया है कि अमृतपाल सिंह हथियारों को जमा करने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों और एक गुरुद्वारे का इस्तेमाल कर रहा था। यही नहीं वह आत्मघाती हमले के लिए युवाओं को तैयार कर रहा था। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक डोजियर (ऐसी फाइल जिसमें किसी व्यक्ति, घटना या विषय पर विस्तृत जानकारी हो) तैयार किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि अमृतपाल सिंह युवाओं को ‘खाड़कू’ या मानव बम बनाने के वास्ते उन्हें तैयार करने में मुख्य रूप से शामिल था। अमृतपाल पिछले साल कथित रूप से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों में रहने वाले खालिस्तान के हमदर्दों के कहने पर दुबई से भारत लौटा था।
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के खिलाफ शनिवार को पंजाब सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के बाद से ही कट्टरपंथी उपदेशक फरार है। इस कार्रवाई के तहत संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान का षड्यंत्र है अमृतपाल सिंह
विशेषज्ञों और पंजाब की स्थिति पर नजर रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक, अपने सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान भारत में अमृतपाल सिंह जैसे अपने लोगों को सक्रिय कर अपने यहां ध्यान भटकाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। भारत के खिलाफ लड़ी हर जंग में उसे हार का मुंह देखना पड़ा है।
मामले की जांच के दौरान, अमृतपाल सिंह की ओर से स्थापित तथाकथित आनंदपुर खालसा फ्रंट (एकेएफ) के लिए लाए गए हथियार और गोलाबारूद को जब्त किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने वर्दियां और जैकेट भी जब्त किए हैं। उनके मुताबिक, हथियार और गोलाबारूद कट्टरपंथी सिख उपदेशक की कार से जब्त किए गए हैं जिस पर ‘एकेएफ’ लिखा हुआ था।
दिलावर सिंह बनने को उकसाता था
अधिकारियों ने कहा कि ‘वारिस पंजाब दे’ की ओर से संचालित कई नशा-मुक्ति केंद्रों और अमृतसर के एक गुरुद्वारे में हथियारों को अवैध रूप से जमा किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार नशा-मुक्ति केंद्रों में भर्ती होने वाले युवाओं को गुमराह किया जाता और उन्हें ‘बंदूक की संस्कृति’ की ओर धकेला जाता था।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें मृत आतंकवादी दिलावर सिंह के रास्ते पर चलने के लिए उकसाया जाता था जिसने आत्मघाती हमला कर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की थी।
कट्टरपंथी उपदेशक मारे गए आतंकवादियों के ‘शहीदी समागम’ में शामिल होता था, जहां वह उन्हें पंथ का तथाकथित शहीद करार देता था और हथियारों के इस्तेमाल को उकसाता था।
Amritpal Singh Dubai Truck Driver How Started Punjab Pushing Into Separatism Khalistan
Dubai का ट्रक ड्राइवर अचानक Punjab को सुलगाने कैसे आ गया? ‘कश्मीर पार्ट-2’ है पाकिस्तान की घिनौनी साजि
अमृतपाल सिंह की धरपकड़ के लिए पंजाब पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है। 24 घंटे में उसके कई साथी पकड़े जा चुके हैं। अब इस कहानी में पाकिस्तान कनेक्शन भी साफ हो गया है। 10-12वीं की पढ़ाई के बाद ही काम के लिए दुबई गया अमृतपाल सिंह अचानक पंजाब क्यों लौटा, इसकी कहानी भी साफ हो चुकी है।
हाइलाइट्स
1-अमृतसर के गांव में जन्मा अमृतपाल 2012 में गया था दुबई
2-वहां ट्रक चलाता था, खालिस्तानियों की संगत में आ गया
3-ISI की नजर पड़ी, फंड देकर भेज दिया पंजाब सुलगाने
अक्सर सुनते हैं कि कुछ भी किया जा सकता है लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते। वह जैसा भी है उसके साथ निभाना मजबूरी हो जाती है। ऐसा ही एक पड़ोसी भारत को मिल गया है। बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान ने तरक्की की राह छोड़ आतंक की फसल काटनी शुरू कर दी। कश्मीर पर बुरी नजरें गड़ाईं। आज मुल्क बर्बाद हो चुका है लेकिन पड़ोसी अब भी नहीं मान रहा है। कश्मीर को सुलगाने की साजिशें पूरी तरह से फेल होने लगीं तो उसने पंजाब को ‘कश्मीर पार्ट-2’ मान लिया। पिछले कुछ महीनों में बॉर्डर से लगे इस राज्य में जो भी उथल-पुथल देखी जा रही है उसकी वजह पाकिस्तान ही है। जी हां, दुबई में 30 साल के एक ट्रक ड्राइवर को अचानक पंजाब भेजने के पीछे कोई और नहीं पाकिस्तान की एजेंसी ISI थी। 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा में जन्मे अमृतपाल ने 12वीं तक की पढ़ाई की थी और 2012 में काम के लिए दुबई चला गया। भारत के बाहर रह रहे खालिस्तान समर्थकों की मदद से पाक एजेंसी ने अमृतपाल सिंह का ब्रेनवॉश कर उसे अपना मोहरा बना लिया।
पंजाब में आतंक की फसल बोने का षड्यंत्र
अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने ही पंजाब को आतंकवाद के अंधेरे में झोंकने की साजिश रची है। ऐसे समय में जब पंजाब में अमृतपाल सिंह के खिलाफ ऐक्शन शुरू हो गया है तब उसके पीछे की कहानी भी खुलकर सामने आ गई है। कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह फरार है लेकिन 78 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताते हैं कि जालंधर जिले में अमृतपाल के काफिले को रोका गया था, लेकिन वह चकमा देकर फरार हो गया। केंद्र ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए CRPF और अपने दंगा-रोधी बल आरएएफ के करीब 1900 जवान भेजे हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई ऐसे समय पर की है जब अमृतपाल सिंह का धार्मिक जुलूस ‘खालसा वाहिर’ मुक्तसर जिले से शुरू होने वाला था। अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा के पास सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।
मेरा बेटा तो युवाओं को नशे की लत से छुटकारा दिलाने का काम कर रहा है। इसमें गलत क्या है। पुलिस बेवजह परेशान कर रही है।
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह
पूरे पंजाब में अब तक .315 बोर की राइफल, 12 बोर की 7 राइफलें, एक रिवॉल्वर और 373 कारतूस सहित 9 हथियार मिले हैं। यह तो अमृतपाल का आज है लेकिन अतीत कैसा था? दरअसल, अमृतपाल सिंह की कहानी शुरू होती है दुबई से।
अमृतपाल सिंह को पिछले साल ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनाया गया था। इस संगठन की स्थापना ऐक्टर और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी। पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। अधिकारियों का कहना है कि अमृतपाल सिंह का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेश में मौजूद आतंकवादी समूहों के साथ सीधा और घनिष्ठ संबंध है। गृहमंत्री अमित शाह को धमकी दे चुका अमृतपाल पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश में था। सिख युवाओं का वह ब्रेनवॉश करने में जुट गया था। कट्टरपंथी उपदेशक को ब्रिटेन में रह रहे खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा का करीबी माना जाता है।
ट्रक चलाता था अमृतपाल
अमृतपाल दुबई में ट्रक ड्राइवर हुआ करता था। आईएसआई की उस पर नजर पड़ी और उसे केंद्र में रखकर पंजाब को सुलगाने की साजिश तैयार की गई। वह आते ही जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह भारत से अलग खालिस्तान की मांग करने लगा। वह इंदिरा गांधी और बेअंत सिंह का जिक्र कर सिस्टम को चुनौती देने लगा। इंदिरा को उनके ही गार्डों ने गोली मार दी थी। दिलावर सिंह नाम के शख्स ने आत्मघाती हमले में पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। ऐसे में यह कट्टरपंथी उपदेशक धमकी देने लगा कि पंजाब में कई दिलावर तैयार बैठे हैं। वह मीडिया से बातचीत में खुलेआम भारत में रहकर भारत को तोड़ने की बातें करता रहा। उसने भारत के खिलाफ हथियार उठाने की बात करते हुए सिखों की भावनाओं के साथ खेलने की कोशिश की। उन्हें बरगलाने लगा। उसने कहा कि पंजाब के लोग ही केवल सिखों पर हुकूमत करेंगे।
वह पहनावे से लेकर हावभाव में आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले की नकल कर रहा था, जिसे ऑपरेशन ब्लू स्टार में मार दिया गया था। उसके इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के प्रमुख लखवीर सिंह रोडे के साथ संबंध पता चले हैं, जो RDX विस्फोटक समेत हथियारों की तस्करी के मामलों में भारत में वांछित है। अमृतपाल सिंह की कुंडली निकालते समय अधिकारियों को पता चला कि जब वह दुबई में था तो वह रोडे के भाई जसवंत के संपर्क में था। ISI की शह पर अमृतपाल ने अपना संगठन खड़ा करने के लिए ‘अमृत संचार’ की मदद ली थी। बाद में उसने ‘खालसा वहीर’ नाम से कैंपेन शुरू किया और गांव-गांव जाकर अपना संगठन मजबूत करने लगा। पंजाब के मसले की बात पर धर्म की आड़ लेकर वह सिखों को सरकार के खिलाफ भड़काने लगा।
समाज के गरीब और सीधे-सादे युवक उसके बहकावे में आने लगे। वह धार्मिक अनुष्ठान के नाम पर निराश युवाओं की फौज तैयार करने लगा। अधिकारियों का कहना है कि उसके लोगों ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के बैठने के लिए कुछ फर्नीचर रखने के लिए दो गुरुद्वारों में तोड़फोड़ भी की। उसका मकसद पंजाब को फिर से आतंकवाद की तरफ ले जाना था, जिससे बाहर आने में देश को बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी। अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि सिंह के संगठन को पाकिस्तान से फंडिंग हो रही थी।
कट्टरपंथी सिख उपदेशक ने अपने चाचा हरजीत सिंह की मदद से ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को अपने नियंत्रण में ले लिया और इसे अपने हिसाब से चलाने लगा। जब इस तथाकथित उपदेशक ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को ढाल बनाकर फरवरी में एक थाने पर धावा बोला तो सिखों का बड़ा तबका नाराज हो गया। इसे एक तरह से ईशनिंदा माना जाता है। श्री अकाल तख्त साहिब ने भी कमेटी बनाई और मामले की जांच के आदेश दिए। अधिकारियों का मानना है कि अमृतपाल जत्थेदार अकाल तख्त गया था और उसने खामोश रहने की धमकी दी। उसने अजनाला घटना को हिंसा नहीं कहा बल्कि धमकी दी कि असली हिंसा तो आगे होने वाली है। अब उसके खिलाफ पुलिस लगी है