ग्रीष्मावकाश विस्तार नहीं,21 से खुल जायेंगे विवि और डिग्री कॉलेज
उत्तराखंड में सोमवार से खुलेंगे सरकारी और निजी विश्वविद्यालय एवं डिग्री कालेज
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाक्टर धन सिंह रावत। फाइल फोटो
प्रदेश में सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालय एवं डिग्री कालेजों में 21 जून से खुलेंगे। सरकार ने 19 जून तक ग्रीष्मावकाश को आगे जारी नहीं रखने का निर्णय किया है। प्रदेश में तकरीबन डेढ़ माह से सभी विश्वविद्यालय एवं डिग्री कालेज ग्रीष्मावकाश के चलते बंद हैं।
, देहरादून20जून। प्रदेश में सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालय एवं डिग्री कालेजों में 21 जून से खुलेंगे। कालेजों में आनलाइन और आफलाइन पढ़ाई प्रारंभ होगी। सरकार ने 19 जून तक ग्रीष्मावकाश को आगे जारी नहीं रखने का निर्णय किया है। प्रदेश में तकरीबन डेढ़ माह से सभी विश्वविद्यालय एवं डिग्री कालेज ग्रीष्मावकाश के चलते बंद हैं। कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ने पर सरकार ने बीती सात मई को आदेश जारी कर 12 जून तक विश्वविद्यालयों एवं डिग्री कालेजों के लिए ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया था। इसके बाद इस अवकाश को शनिवार तक बढ़ाया गया था। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि 21 जून से सभी विश्वविद्यालयों एवं डिग्री कालेजों में पढ़ाई शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं कालेज खोले जाएंगे, लेकिन अभी सिर्फ शिक्षकों को ही बुलाया गया है। छात्र-छात्राओं को पढ़ाई का नुकसान न उठाना पड़े, इसके लिए अभी आनलाइन पढ़ाई शुरू की जाएगी। हालांकि कोरोना संक्रमण की स्थिति सुधरने के साथ ही आफलाइन पढ़ाई प्रारंभ करने के लिए भी तैयारी करने को कहा गया है। अगले माह यानी एक जुलाई से आफलाइन पढ़ाई विधिवत शुरू करने संकेत उन्होंने दिए।
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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार को अब 30 तक आवेदन
इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की दौड़ में शामिल होने के इच्छुक शिक्षकों को केंद्र सरकार ने राहत दी है। उनके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ाई गई है। प्रदेश में प्रारंभिक, माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों को ये पुरस्कार मिलते हैं। केंद्र सरकार की नई व्यवस्था के मुताबिक पुरस्कार के प्राप्त शिक्षकों को अब अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए स्वयं आनलाइन आवेदन करना होता है।
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अब शिक्षा विभाग के माध्यम से पुरस्कार के लिए आवेदन करने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। केंद्र सरकार ने पहले आनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 20 जून तय की थी। इन आवेदनों की जांच कर जिला स्तर पर गठित चयन समिति राज्यस्तरीय समिति को अग्रसारित करती है। राज्यस्तरीय चयन समिति आवेदनों को छांटकर पात्रों की सूची स्वतंत्र नेशनल ज्यूरी को भेजती है। इसके बाद चयनित शिक्षकों की ओर से ज्यूरी के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया जाता है। प्रस्तुतीकरण के बाद ज्यूरी पुरस्कार के लिए चयन करती है। केंद्र सरकार ने इस समयबद्ध प्रक्रिया के लिए संशोधित तिथियां भी तय कर दी हैं।