संविधान-कानून मानते हैं ‘गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा’ वाले?
गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा… जब यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी ने पूछा क्या आप इसका समर्थन करते हैं? जानिए मौलाना का जवाब
पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी करने के बाद नूपुर शर्मा को बीजेपी सस्पेंड कर चुकी हैं। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है। इसे लेकर न्यूज चैनलों पर भी जमकर बहस हो रही है। ऐसी एक बहस में मौलाना आजाद राष्ट्रीय ऊर्दू विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी फिरोज बख्त अहमद पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मौलाना साजिद रशीदी से ऐसा सवाल किया कि जिसका जवाब उनके पास नहीं था।
Firoz Bakht Ahmed vs Maulana Sajid Rashidi heated debate: नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की गिरफ्तारी की मांग का शोर बढ़ गया है। पैगंबर के बारे में विवादित टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नूपुर को निलंबित कर दिया था। उनके खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर हो गई हैं। अब उनकी गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है। इसे लेकर देशभर में प्रदर्शन जारी हैं। न्यूज चैनलों पर भी इसके अलग-अलग पहलुओं पर बहस हो रही है। ऐसी ही एक डिबेट में मुस्लिम समुदाय के अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस दौरान मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी फिरोज बख्त अहमद ने मौलाना साजिद रशीदी से एक सवाल पूछ लिया। रशीदी इस सवाल का जवाब टाल गये। फिरोज बख्त अहमद ने मौलाना साजिद रशीदी से पूछा कि क्या वो इसमें यकीन रखते हैं- गुस्ताख ए रसूल की एक ही सजा… अहमद ने पूछा, ‘क्या यह इस्लामी है? क्या यह कानूनी है? क्या बतौर मुसलमान आप इसमें यकीन रखते हैं?’ उन्होंने रशीदी से कहा, ‘मैं तो नहीं रखता, आप जवाब दीजिए।’
जवाब में मौलाना रसीदी ने इस नारे को न गैर-इस्लामिक बताया और न गैर-कानूनी। वह इधर-उधर की बातें करके सवाल को टाल गए। रशीदी बोले, ‘जब किसी के दिल पर पड़ती है तो कानून तो अपना काम करेगा, लेकिन यह कहना कि फांसी दो फांसी दो, कोई ऐसा नहीं है कि भड़काने को या कुछ ऐसा करने को है कि सरकार हमारे कहने से फांसी दे ही देगी। ये तो हजारों प्रदर्शनों में कहा जाता है। अगर किसी का मर्डर भी हो जाता है तो कहते हैं- उसको फांसी दो।’
इस टीवी डिबेट में एक तरफ से एमआरएम के संयोजक और कैंसर सर्जन डॉक्टर माजिद अहमद तालिकोटी, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी फिरोज बख्त अहमद, सामाजिक कार्यकर्ता अंबर जैदी और जमात उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुहैब कासमी थे। दूसरी तरफ मुस्लिम स्कॉलर हाजिक खान, इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन के सोएब जमई, ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के प्रवक्ता हाफिज गुलाम सरवर और ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने मोर्चा संभाल रखा था।
टीवी पर बेनकाब हुए मौलाना…सुनी-सुनाई भड़काऊ घटनाओं का किया जिक्र, एंकर ने सबूत मांगा तो चुपके से शो छोड़कर भागे
नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की तूल पकडती मांग को लेकर न्यूज चैनलों पर भी जमकर डिबेट हो रही है। रविवार को ऐसे ही एक प्रोग्राम में मौलाना साजिद रशीदी पहुंचे थे। इसी में उन्होंने कुछ भड़काऊ सुनी-सुनाई घटनाओं का जिक्र किया। एंकर ने इसका सबूत मांगा तो वह चुपके से शो छोड़कर निकल लिए।
शो में मुस्लिम समाज के अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधि शामिल थे। इनमें मौलाना साजिद रशीदी (Maulana Sajid Rashidi) भी थे। इस दौरान रशीदी ने दो सुने-सुनाए भावना भड़काने वाले किस्से सुनाए । एंकर ने इसे लेकर उनसे सबूत दिखाने या फिर माफी मांगने को कहा। एंकर ने शो रोक देने तक की बात कही। मौलाना रशीदी को लताड़ते हुए एंकर ने यह भी बोला कि वो फेक न्यूज फैला रहे हैं। ऐसे ऐ भावनाएं भड़कायी जाती है। बाद में मौलाना रशीदी चर्चा से चुपके से निकल गए
क्या बोले थे मौलाना साजिद रशीदी?
इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने नूपुर शर्मा को लेकर देश में हिंसा और बवाल के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब भी देश में कोई हादसा होता है तो एजेंसियां उस हादसे की जड़ में जाती हैं। जानने की कोशिश करती हैं कि आखिर ये हादसा हुआ क्यों है। जहां से हादसा शुरू हुआ है और जो उसके सूत्रधार हैं, उन्हें पकड़ने की कोशिश की जाती है।
मौलाना बोले कि यहां मामला उलटा है। जो सूत्रधार हैं इन तमाम चीजों के उन्हें छेड़ा नहीं जा रहा है। वहीं, जो हादसे हो रहे हैं उन पर बात हो रही है। इस पर शो की एंकर ने कहा कि क्या नहीं हो रहा है, क्या नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को फांसी दे दी जाए। क्या उन पर एफआईआर नहीं हुई, क्या उन पर ऐक्शन नहीं हुआ। इस पर रशीदी ने कहा कि यही काम अगर दस दिन पहले हो जाता तो यह नौबत नहीं आती। रशीदी ने कहा कि जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शन उनका जम्हूरी हक है। यह नहीं कहा जा सकता है कि किसी ने इसको उकसाया है।
रशीदी ने धीरे से शुरू की भड़काने की बात
रशीदी बोले हेट स्पीच क्या होती हैं, वह बताते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नारे बहुत मशहूर हैं। इनमें हिंदुस्तान में रहना है तो जय श्रीराम कहना है… मुसलमान के दो स्थान कब्रिस्तान या पाकिस्तान… शामिल हैं। राम और गाय के नाम पर मुसलमान की लिंचिंग होती है। ये सभी बातें भड़काने वाली हैं।
फिर मौलाना ने रामनवमी पर जहांगीरपुरी में विवाद का जिक्र किया कि 16 साल के बच्चों के हाथों में तलवारें थीं। जब उनमें से एक से पूछा गया कि तलवार आपको किसने दी तो उसने अपने पिता का नाम लिया।
इस पर एंकर ने कहा कि जो बातें रशीदी ने कहीं हैं वो शायद फेक न्यूज पर आधारित हैं और वो लोगों को उकसा रहे हैं। एंकर ने चुनौती देते हुए कहा कि एक घंटा टाइम है अगर वो इन बातों के पक्ष में एक भी सबूत दे सकते हैं तो दें नहीं तो तुरंत माफी मांग लें। एंकर बोलीं कि वो शो रोकने को तैयार हैं लेकिन रशीदी दिखाएं कि यह कंटेंट कहां पर है। रशीदी ने कहा कि शो जारी रखें वो कंटेंट दिखा देंगे। हालांकि, बाद में वो शो से धीरे से निकल गए।