ज्ञानवापी में ये शिवलिंग या फव्वारा? सीआरपीएफ को सौंपी सुरक्षा
Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद मुस्लिम पक्ष ने तस्वीर जारी कर फव्वारा बताया
अंजुमन इंतजामिया कमिटी के संयुक्त सचिव ऐसएम यासीन ने तस्वीर की पुष्टि की है। हिंदू पक्ष ने सुबह बारह फीट के शिवलिंग के मिलने का दावा किया था। मुस्लिम पक्ष के वकील तौहीद की तरफ से तस्वीर वायरल की गई है।
हाइलाइट्स
1-हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है
2-मुस्लिम पक्ष की ओर से एक तस्वीर जारी की गई है
3-अंजुमन इंतजामिया कमिटी के संयुक्त सचिव ऐसएम यासीन ने तस्वीर की पुष्टि की है
अभिषेक कुमार झा, वाराणसी 16 मई: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे चल रहा है। रविवार को सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने वजू करने वाली जगह पर शिवलिंग मिलने का दावा किया है। जिले की सीनियर डिविजन कोर्ट ने भी शिवलिंग मिलने की बात मानी है और वकील हरिशंकर जैन की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए शिवलिंग वाली जगह को सील करने का आदेश दिया है। वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से एक तस्वीर जारी कर दावा किया गया है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वो फव्वारा है। इसी फव्वारे को हिंदू पक्ष के लोगों की ओर शिवलिंग बताया जा रहा है।
अंजुमन इंतजामिया कमिटी के संयुक्त सचिव ऐसएम यासीन ने तस्वीर की पुष्टि की है। हिंदू पक्ष ने सुबह बारह फीट के शिवलिंग के मिलने का दावा किया था। मुस्लिम पक्ष के वकील तौहीद की तरफ से तस्वीर वायरल की गई है।
मुस्लिम पक्ष का दावा जिसे कहा जा रहा है शिवलिंग, वो है फव्वारा
दोपहर बाद से ही एक तस्वीर बड़ी तेजी से वायरल होने लगी। इस तस्वीर में एक छोटे से कुएं की तरह का स्ट्रक्चर दिख रहा था और इसके बीच मे एक गोल शिव लिंग आकार का भी स्ट्रक्चर दिख रहा है । बीच वाले स्ट्रक्चर के ऊपरी हिस्से में कुछ दरार के निशान दिखाई दे रहे थे। इस तस्वीर को मुस्लिम पक्ष द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा था। इस वायरल तस्वीर के बारे में जब अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमिटी के संयुक्त सचिव से तस्दीक के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ये उसी जगह की तस्वीर है, जिसे शिवलिंग कह कर प्रचारित किया गया है।
सुबह हिन्दू पक्ष के लोगों ने किया था दावा
सुबह कमीशन की कार्यवाही खत्म होने के बाद हिन्दू पक्ष के पैरोकार सोहन लाल आर्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि आज की सबसे बड़ी खबर ये है कि “बाबा मिल गए” । इस खुलासे के बाद विश्व वैदिक सनातन संघ के जितेंद्र सिंह बिसेन ने प्रेसवार्ता कर के इस बात को कहा था कि उन्हें जानकारी मिली है कि करीब बारह फ़ीट का शिवलिंग वजू करने वाले तालाब में मिला है, जिसके बाद से ही काशी समेत पूरे देश मे इस मामले पर जोरदार बहस शुरू हो गयी कि आखिर उस जगह पर क्या मिला और उसका स्वरूप क्या है?
कहां मिला है शिवलिंग
श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी विवाद में कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के भीतर सर्वे कराया जा रहा है। सोमवार को दावा किया गया है कि मस्जिद के भीतर वजू करने के स्थान पर एक तालाब में 12 फीट का शिवलिंग मिला है। यह तालाब मस्जिद के अंदर एक शेड के नीचे है। जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि उन्होंने शिवलिंग को देखा नहीं है लेकिन उसकी लंबाई 12 फीट बताई जा रही है। मस्जिद के भीतर शिवलिंग मिलने पर हिंदू संगठनों ने खुशी जाहिर की है। बताया गया कि जैसे ही तालाब में शिवलिंग मिला, वैसे ही हर हर महादेव के नारे गूंजने लगे।
जहाँ मिला शिवलिंग उसी वजूखाने में हाथ-पैर धोते थे नमाजी, ‘मछलियाँ मर जाएँगी’ कह कर सर्वे रोकना चाहते थे मौलवी
वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान शिवलिंग के उस स्थान से मिलने का दावा किया जा रहा है जहाँ पर नमाज़ से पहले वज़ू किया जाता था। मिली जानकारी के मुताबिक शिवलिंग ज्ञानवापी के तालाबनुमा कुएँ में मिला है। इस जगह को वज़ूखाना कहा जाता था। इस तालाब के पानी को पम्प से खाली करवाया गया जिसके बाद उसमें शिवलिंग दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि इस तालाब का पानी न निकालने के लिए मुस्लिम पक्ष की तरफ से तमाम तरह की दलीलें भी दी गईं।
मेजर सुरेंद्र पुनिया के मुताबिक, “नमाज़ पढ़ने वाले जानते थे कि तालाब में शिवलिंग हैं। इसीलिए तो मौलवी लोग तालाब के पानी को निकालने का विरोध कर रहे थे। वो कह रहे थे कि ‘मछलियाँ’ मर जाएँगी। पर सर्वे टीम ने पानी को बाहर निकाला तो 12 फिट 8 इंच का शिवलिंग निकला।”
शिवलिंग मिलने के बाद सीनियर डिवीजन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने विवादित ज्ञानवापी ढाँचे को सील करने के आदेश दिए। अपने आदेश में उन्होंने लिखा कि शिवलिंग एक ठोस प्रमाण है। इसी के साथ उन्होंने CRPF को ज्ञानवापी परिसर को अपनी सुरक्षा में लेने का आदेश देते हुए मुस्लिमों के उसमें घुसने पर रोक लगा दी।
क्या होता है वज़ूखाना
वज़ूखाना वो जगह है जहाँ नमाज़ी नमाज़ से पहले अपने हाथों और पैरों को साफ़ करते हैं। इस्लामी मान्यताओं के मुताबिक ऐसा इबादत से पहले साफ-सफाई के लिए किया जाता है। वज़ूखाना मूलतः 2 शब्दों से मिल कर बना है। पहला वज़ू जिसका अर्थ होता है शरीर के अंगों को साफ़ करना और दूसरा खाना जिसका मतलब उस जगह से है जहाँ वज़ू किया जाता है।
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ज्ञानवापी में तीसरे दिन सर्वे पूरा:हिंदू पक्ष का दावा- अंदर ‘बाबा’ मिल गए; मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे तीसरे दिन सोमवार को पूरा हो गया। कल सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी जाएगी। हालांकि, वकीलों का कहना है कि रिपोर्ट बनाने में समय लग सकता है। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के पैरोकार डॉक्टर सोहनलाल बाहर आए तो उन्होंने बड़ा दावा किया। कहा, ‘अंदर बाबा मिल गए… जिन खोजा तिन पाइयां। तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है। अब पश्चिमी दीवार के पास जो 75 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊंचे मलबा है, उसके सर्वे की मांग उठाएंगे।’
कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
मुस्लिम पक्ष की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। अंजुमन मसाजिद कमेटी ने वाराणसी कोर्ट के सर्वे के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच कल सुनवाई करेगी। उधर, सर्वे करके बाहर आए मुस्लिम पक्ष के वकील ने हिंदू पक्ष के दावों का खारिज किया है। वकील ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं मिला। हम सर्वे से संतुष्ट हैं। कल, यानी 17 मई को कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी जाएगी। बता दें कि एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में वादी-प्रतिवादी पक्ष के 52 लोगों की टीम सुबह 8 बजे परिसर में एंट्री की। करीब 10:30 बजे सर्वे खत्म हुआ।
हिंदू पक्ष के पैरोकार डॉक्टर सोहनलाल ने कहा कि नंदी जिसकी प्रतीक्षा कर रहे थे वह बाबा मिल गए। इतिहासकारों ने जो लिखा था, वह सही था। जैसे ही बाबा मिले वैसे ही अंदर हर-हर महादेव का उद्घोष हुआ। हालांकि, DM कौशलराज शर्मा ने कहा कि सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात कोर्ट की ओर से ही बताई जाएगी। किसी की निजी बात या राय पर किसी को कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।
सर्वे के दौरान क्या-क्या हुआ
सूत्रों के हवाले से खबर आई कि सर्वे में शामिल एक व्यक्ति को अंदर की खबर लीक करने के आरोपों में हटाया गया है।
सर्वे के तीसरे दिन पर CM योगी ने खुद नजर रखी। प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी से उन्होंने जानकारी ली।
ज्ञानवापी के गुंबद की वीडियोग्राफी हुई। इसकी बनावट की हाई लैंस कैमरे से फोटोग्राफी भी की गई। कल भी इसका सर्वे किया गया था।
ज्ञानवापी के 500 मीटर के दायरे में पब्लिक की एंट्री बैन रही। चारों तरफ से आने वाले रास्तों पर पुलिस-PAC का पहरा रहा।
सर्वे के तीसरे दिन ज्ञानवापी की सुरक्षा बढ़ा दी गई। 16 लेयर की सुरक्षा रही। पहले दिन 10 लेयर, जबकि दूसरे दिन 12 लेयर की थी।
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश सर्वे शुरू होते ही सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने मौके पहुंचे। पैदल मार्च कर शांति की अपील की।
बुद्ध पूर्णिमा और सोमवार होने से कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने पहुंचे हैं।
सर्वे से जुड़ी तस्वीरें भी देखें –
मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, दालमंडी, नई सड़क, कालीमहल सहित मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस और PAC ने पैदल गश्त की।
चौक की ओर जाने वाले रास्ते को 500 मीटर पहले ही बंद कर दिया गया। पब्लिक को सर्वे होने तक ज्ञानवापी की ओर नहीं जाने दिया गया।
काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए सोमवार को काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। गेट नंबर-1 से गोदौलिया चौराहे तक श्रद्धालुओं की लाइन देखी गई।
मंगलवार को कोर्ट में सौंपी जानी है रिपोर्ट
17 मई, यानी मंगलवार को सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट में सौंपी जानी है। हालांकि, वकीलों का कहना है कि चूंकि लिखाई-पढ़ाई का काम काफी ज्यादा है, इसलिए अधिक समय दिया जाए। रिपोर्ट लिखने में समय लगेगा।
अब तक के सर्वे में जो कुछ मिला है एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र इसकी रिपोर्ट बनाएंगे। सर्वे में जो भी वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी हुई है उसकी चिप परिसर के बाहर निकलने से पहले ही अफसरों को सौंप दी जाती थी, ताकि उसके लीक होने का संभावना न हो। ज्ञानवापी विवाद मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी सुनवाई है। एक विवाद से जुड़ी 3-3 याचिकाएं दाखिल हैं। कुल 6 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है।