ज्ञानवापी: कोर्ट कमिश्नर मिश्रा हटाये गये,रपट को मिला दो दिन का समय
ज्ञानवापी मामले में कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा हटाए गए:जानकारी लीक करने का आरोप, अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 2 दिन का समय दिया
वाराणसी17मई।ज्ञानवापी मामले में मंगलवार को वाराणसी कोर्ट के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया है। उन पर स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने आरोप लगाया था कि वे कमीशन की कार्यवाही में असहयोग कर रहे हैं, साथ ही उन्होंने प्राइवेट कैमरामैन रखा और लगातार मीडिया को बाइट देते रहे। यह कानूनन गलत है।
अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण होती है। अदालत ने स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह के प्रार्थना पत्र पर ही एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया। अब विशाल सिंह कोर्ट कमिश्नर रहेंगे। उधर, अदालत ने कोर्ट में कमीशन की रिपोर्ट दाखिल करने को 2 दिन का वक्त दिया है। अब रिपोर्ट 19 मई को दाखिल हो सकती है।
इसी क्रम में डीजीसी सिविल और वादी पक्ष की महिलाओं के दो अन्य प्रार्थना पत्र पर सुनवाई कल 18 मई को होगी। इनमें मस्जिद की कुछ दीवारें गिरा वीडियोग्राफी कराने और वजूखाने के आसपास एरिया सील करने की मांग है।
हटाए गए कोर्ट कमिश्नर बोले- मुझे धोखा मिला
ज्ञानवापी प्रकरण में हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने प्रकरण में सफाई देते हुए कहा कि ‘मैंने विश्वास किया मुझे धोखा मिला। उसमें भला मैं क्या कर सकता हूं। मैंने फोटोग्राफर रखा, उसने धोखा दिया। एडवोकेट विशाल सिंह से ऐसी उम्मीद नही थी। विशाल सिंह की शिकायत पर हटाया गया हूं। न्यायालय ने जो उचित समझाा, किया। बाकी, विशाल सिंह का हृदय जानेे। सर्वे कार्रवाई को लेकर मैं संतुष्ट हूं।’
वाराणसी की सिविल कोर्ट में सुनवाई के समय बाहर काफी सुरक्षा थी।
आज कोर्ट में तीन एप्लिकेशन दाखिल हुई, आइए उनमें
पहली एप्लिकेशन
सर्वे रिपोर्ट सौंपने को 2 दिन का समय दें
ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट आज सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में नहीं दी जा सकी। अभी रिपोर्ट तैयार ही नहीं है। इसका कारण 15 घंटे की वीडियोग्राफी और करीब 1500 फोटो हैैं। यह डेटा इतना ज्यादा है कि इसकी फाइल अभी नहीं बन सकी है। इसको दो और दिन मांगे गए। स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर और समय मांगा। इस पर कोर्ट ने 2 दिन का समय दे दिया।
दूसरी एप्लिकेशन: सील होने के बाद की समस्या दूर की जाएं
ज्ञानवापी मामले में UP सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में अर्जी दीीगईई है। DGC सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में एप्लिकेशन दे तीन मांगें की गई हैं।
1-ज्ञानवापी मस्जिद स्थित जो 3 फीट गहरा मानव निर्मित तालाब सीज किया गया है, उसके चारों तरफ पाइप लाइन और नल हैं। नल का उपयोग नमाजी वजू को करते हैं। तालाब परिसर सील होने से नमाजियों के वजू को बाहर व्यवस्था की जाए।
2-ज्ञानवापी के सील क्षेत्र में शौचालय भी हैं। उनका उपयोग नमाजी करते हैं। अब उन्हें वहां नहीं जाने दिया जा रहा। ऐसे में उनकी व्यवस्था की जाए।
3-सील तालाब में कुछ मछलियां भी हैं। उन्हें खाने को नहीं मिल रहा हैं। मछलियां अब कहीं और पानी में छोडी जाए।
तीसरी एप्लिकेशन
कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी हो
हिंदू पक्ष की तरफ से एक बार फिर ज्ञानवापी में सर्वे की मांग की गई है। इसके लिए मंगलवार को कोर्ट में नई एप्लिकेशन दी गई है। ज्ञानवापी परिसर की कुछ दीवारों को गिराकर सर्वे कराने की मांग की गई है। यह एप्लिकेशन रेखा पाठक, मंजू व्यास और सीता साहू की ओर से दी गई है। इसके साथ ही मलबे की सफाई की भी मांग की गई है।
यह ज्ञानवापी के पिछले हिस्से की तस्वीर है। इसकी बनावट की भी सर्वे टीम ने वीडियोग्राफी की है।
हिंदू सेना नाम का संगठन भी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
ज्ञानवापी सर्वे मामले में हिंदू सेना नाम के संगठन ने सोमवार को एक अर्जी दाखिल की। उनकी मांग है कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज की जाए। यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दाखिल की है।
सर्वे का तीसरा दिन : शिवलिंग मिलने का दावा
सर्वे के आखिरी दिन 16 मई को वीडियोग्राफी प्रक्रिया पूरी हुई थी। याचिकाकर्ता रेखा सहित 5 महिलाओं के वकील विष्णु जैन ने वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया। इससे वह जगह सील कर दी गई। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हिंदू पक्ष के दावे के उलट उसे फव्वारा बताते हुए कहा कि वह जिला अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चैैैलेंज करेंगे।
शांति और कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासनिक महकमा सतर्कता बरत रहा है। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस और PAC के जवान तैनात हैं।
वाराणसी निवासी चार महिलाओं के अलावा दिल्ली की राखी सिंह ने 2021में श्रृंगार गौरी को लेकर कोर्ट में याचिका दी थी।
2021 में 5 महिलाओं ने दाखिल की याचिका
दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह और बनारस की रहने वाली लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में 18 अगस्त, 2021 में एक याचिका दाखिल की। इसमें कहा गया कि ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी-देवताओं का स्थान है। ऐसे में ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की इजाजत मिलेे। इसके साथ ही परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं की सुरक्षा को सर्वे कराकर स्थिति स्पष्ट करने की बात भी याचिका में कही गई।
मां श्रृंगार गौरी का मंदिर ज्ञानवापी के पिछले हिस्से में है। 1992 से पहले यहां नियमित दर्शन-पूजन होता था। बाद में सुरक्षा व अन्य कारणों के बंद हो गया। अभी साल में एक दिन चैत्र नवरात्र पर शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की अनुमित है। मुस्लिम पक्ष को शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन में आपत्ति नहीं है। उनका विरोध पूरे परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी पर है। इसी का विरोध वे वाराणसी कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक कर रहे हैं।