हमास के इजराइल पर 40 घंटे में हजार रॉकेट,पांच की मौत
किस तरह जंग लड़ रहे इजराइल-हमास:40 घंटे में गाजा से हजार से ज्यादा रॉकेट दागे गए,आयरन डोम ने इजराइल को इन हमलों से बचाया
इजराइल ने पूर्वी यरुशलम से फिलिस्तीनी परिवारों को हटाने का काम शुरू किया। इसके बाद ही हमास ने रॉकेट हमला शुरू कर दिया।
लेबनान 12 मई। इजराइल में जंग जैसे हालात के बीच जमकर हवाई हमले हो रहे हैं। इजराइल विरोधी संगठन हमास के कब्जे वाले गाजा से सोमवार से बुधवार के बीच 40 घंटों में 1000 से ज्यादा रॉकेट दागे गए। इजराइल ने आयरन डोम डिफेंस सिस्टम की वजह से अपनी ज्यादातर आबादी को इन हमलों से बचाए रखा है। जानिए, हमास और इजराइल किस तरह जंग लड़ रहे हैं…
सबसे पहले समझते हैं कि मामला क्या है
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं,इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
ताजा विवाद रमजान के महीने से शुरू हुआ। यरुशलम में इजराइली पुलिस और फिलिस्तीनियों मे झड़प की खबरें आती रहीं। इसी बीच,इजराइल ने पूर्वी यरुशलम के शेख जर्राह से फिलिस्तीनी परिवार हटाने का काम शुरू किया। इसी के विरोध में यरुशलम की मस्जिद अल-अक्सा में रमजान के आखिरी जुमे पर हिंसक प्रदर्शन हुए। इसके बाद से हमास के रॉकेट दागने से जंग जैसे हालात बन गए।
फिलिस्तीन में सक्रिय दो चरमपंथी संगठन इजराइल के निशाने पर रहते हैं। पहला- राजनीतिक रूप से ताकतवर हमास। दूसरा- फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद यानी PIJ। इनमें हमास सबसे प्रमुख है,जिसका गाजा पट्टी पर कब्जा है। ताजा विवाद में यही इजराइल पर रॉकेट से हमले कर रहा है।
यरुशलम की मस्जिद अल-अक्सा में रमजान के आखिरी जुमे पर हिंसक प्रदर्शन हुए। इसके बाद से हमास रॉकेट दागने लगा।
इजराइल के बड़े शहर हमास की मार में
एक वक्त हमास और PIJ को ईरान जैसे देशों की मदद या समंदर में तस्करी से हथियार मिलते थे। बीते कुछ सालों ने इन संगठनों ने रॉकेट खुद ही बनाने शुरू कर दिए। हमास के पास 100 से 160 किलोमीटर रेंज के रॉकेट हैं। इतनी रेंज तेल अबीब,बेन-गुरियन एयरपोर्ट और यरूशलम जैसे इजराइल के कई इलाकों को मार में लेने को काफी है। इजराइल की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक,हमास के पास J-80,M-75, फज्र-5 सेकंड जनरेशन M-75 रॉकेट हैं।
7 साल पहले के मुकाबले हमास की ताकत बढ़ चुकी है
इजराइल का मानना है कि हमास के पास 5 हजार से 6 हजार रॉकेट हो सकते हैं। हमास के पास 40 हजार लड़ाके भी हैं। वहीं, PIK के पास 9 हजार लड़ाके और 8 हजार शॉर्ट रेंज रॉकेट हैं। 2014 की जंग के वक्त हमास ने 50 दिनों में चार हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे। इन 50 दिनों में सिर्फ एक बार उसने एक दिन में 200 रॉकेट दागे। बाद में उसने यह संख्या कम कर दी थी।
इजराइली वेबसाइट द यरूशलम पोस्ट के मुताबिक, इस बार हालात अलग हैं। इस बार हमास ने हमलों के शुरुआती 5 मिनटों में 137 रॉकेट दाग दिए। अब तक उसकी तरफ से 1000 से ज्यादा रॉकेट दागे जा चुके हैं। जाहिर है कि उसकी ताकत बढ़ चुकी है। ज्यादातर रॉकेट वह तेल अबीब कॉरिडोर पर दाग रहा है।
इजराइल की सबसे बड़ी उम्मीद आयरन डोम
अब आयरन डोम की बात करते हैं, जिसने अब तक इजराइल की बड़ी आबादी को हमास के रॉकेट हमलों से बचाकर रखा है। आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने मिलकर तैयार किया है। अमेरिका ने इसमें आर्थिक और तकनीकी मदद दी थी।
आयरन डोम 2011 से एक्टिव हुए थे। गाजा से आने वाले शॉर्ट रेंज रॉकेट्स को जमीन पर गिरने से पहले हवा में तबाह करना इनका मकसद था। आयरन डोम का एक और हिस्सा मीडियम और लॉन्ग रेंज मिसाइलों के लिए भी है। यानी यह फाइटर प्लेन से दागी जाने वाली मिसाइलों और ड्रोन्स को भी निशाना बनाने की काबिलियत रखता है।
आयरन डोम रडार सिस्टम पर काम करता है। रडार देखता है कि क्या इजराइल की तरफ आ रहे किसी रॉकेट से खतरा है? जब यह महसूस होता है कि कोई रॉकेट आबादी वाले इलाकों या महत्वपूर्ण इमारतों की तरफ आ रहा है,तब बैटल मैनेजमेंट कंट्राेल से सिग्नल भेजे जाते हैं और मोबाइल यूनिट्स या लॉन्च साइट्स से इंटरसेप्टर दागे जाते हैं। इंटरसेप्टर असल में वर्टिकल मिसाइलें होती हैं। ये आसमान में दुश्मन के रॉकेट्स के पास जाकर फट जाती हैं। इससे रॉकेट्स आसमान में ही तबाह हो जाते हैं सिर्फ उनका मलबा जमीन पर गिरता है।
यह डिफेंस सिस्टम भी शत-प्रतिशत सफल नहीं
वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक,अलग-अलग डिफेंस एनालिस्ट्स ने इजराइल के आयरन डोम का सक्सेस रेट 80 से 90% बताया है। आयरन डोम पर स्टडी कर चुके कनाडा की ब्रॉक यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल आर्मस्ट्रॉन्ग के अनुसार कोई भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम शत प्रतिशत भरोसेमंद नहीं होता।
यूएस मरीन्स में काम कर चुके किंग्स कॉलेज लंदन के वॉर स्टडीज डिपार्टमेंट के शोधछात्र रॉब ली बताते हैं कि BM-21 Grad सिस्टम से 20 सेकंड में 40 रॉकेट दागे जा सकते हैं। इस तरह के रॉकेट सिस्टम की बैटरी या बटालियन 20 सेकंड में 240 से 720 रॉकेट दाग देगी। दुनिया का कोई मिसाइल डिफेंस सिस्टम इतने रॉकेट नहीं रोक पाएगा।
आयरन डोम की यह खामी इससे भी पता चलती है कि हमास की तरफ से आए कई रॉकेट इजराइल की जमीन तक जा पहुचे जिससे कई इमारतों को नुकसान पहुंचा। इसमें अब तक पांच इजराइली लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इजराइल ने जवाबी हमले में हमास के 26 आतंकी मार गिराए हैं।
2014 की जंग के वक्त हमास ने 50 दिनों में चार हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे
फिर इजराइल के पास क्या विकल्प हैं?
इजराइल की सेनाएं ताकतवर हैं। हमास के रॉकेट्स का वह आयरन डोम से मुकाबला कर रहा है। साथ ही बीते दो दिन में इजराइल की एयरफोर्स ने हमास के ठिकानों पर 130 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं। इजराइली आर्मी और एयरफोर्स के निशाने पर हमास के 500 से ज्यादा ठिकाने हैं। इजराइल के पास ज्यादातर फाइटर प्लेन F-सीरीज के हैं, जो अमेरिका में बने हैं।