नौ अक्टूबर के बाद ही चलेगा देवरिया के हत्यारों पर बुलडोजर, दोबारा होनी है नपाई
Uttar PradeshDeoriaBulldozer Will Not Run On Houses Of Accused Of Deoria Massacre
देवरिया नरसंहार के आरोपितों के घरों पर अभी नहीं चलेगा बुलडोजर, प्रशासन ने बता दी तारीख और कारण
देवरिया हत्याकांड के आरोपितों के घरों पर 9 अक्टूबर के बाद ही अब बुलडोजर चलेगा। आरोपित पक्ष की मांग पर 9 अक्टूबर को राजस्व विभाग की टीम दोबारा नाप करेगी।
देवरिया07 अक्टूबर: देवरिया जिले के फतेहपुर हत्या कांड में शामिल आरोपितों के घरों पर बुलडोजर की कार्यवाही फिलहाल 9 अक्टूबर तक स्थगित कर दी गई है। 9 अक्टूबर को राजस्व विभाग की टीम पुनः मौका मुआयना करेगी। उसके बाद ही बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है घटना के शामिल तीन आरोपितों पर सरकारी जमीन कब्जा
देवरिया नरसंहार के आरोपितों के घरों पर 9 अक्टूबर के बाद चलेगा बुलडोजर करने की पुष्टि हुई है। सभी के घर नोटिस चस्पा कर दी गई । 7 अक्टूबर को नोटिस का जवाब देने की तारीख तय थी। आरोपित के अधिवक्ता के मुताबिक राजस्व विभाग ने प्रेम के पिता के नाम तीन नोटिस जारी किए है।
जमीनी विवाद में हुई है 6 हत्या
फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में जमीनी विवाद को लेकर 2 अक्टूबर को सत्य प्रकाश दुबे के घर के पास पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या हुई। प्रेमचंद यादव की हत्या के प्रतिशोध में उमड़ी भीड़ ने सत्य प्रकाश दुबे समेत उनके परिवार के पांच लोगों की क्रूरता से हत्या कर डाली। दोनों पक्षों से 33 नामांकित और 50 अज्ञात के विरुदध प्राथमिकी लिखी गई है। इसमें से 20 आरोपित गिरफ्तार है। गांव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए चारों तरफ पुलिस तैनात है।
सरकारी जमीन पर बना है तीन आरोपियों का घर
इस हिंसा में शामिल आरोपितों पर सरकारी जमीन कब्जा करने की शिकायत पूर्व में हुई थी। शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन ने आरोपितों के घरों की पैमाइश कराई थी। पैमाइश में तीन आरोपितों प्रेमचंद यादव के पिता राम भवन यादव, परमहंस यादव और गोरख यादव के मकान सरकारी जमीन पर निकले । राजस्व विभाग टीम ने तीनों आरोपितों के घर पर धारा 67 के नोटिस चिपका दिये। 7 अक्टूबर को नोटिस का जवाब देने की तारीख थी ।
आरोपित पक्ष की मांग पर 9 अक्टूबर को फिर होगा मुआयना
आरोपित पक्ष के वकील गोपीनाथ यादव ने नोटिस के विरुद्ध आपत्ति दर्ज कराई जिसमें उन्होंने दुबारा पैमाइश करने और आरोपितों की मकान निजी भूमि पर होने की बात कही है। आपत्ति के जवाब में तहसील प्रशासन ने 9 अक्टूबर को दोबारा मौका मुआयना की तारीख तय की है। राजस्व विभाग टीम 9 अक्टूबर को गांव में जायेगी और आरोपितों के अवैध अतिक्रमण का मुआयना करेगी। उसके बाद ही बुलडोजर कार्यवाही होगी।
प्रेमचंद यादव के पिता को भेजी गई है तीन नोटिस
आरोपित पक्ष के अधिवक्ता गोपीनाथ ने बताया कि प्रेमचंद के पिता राम भवन यादव के नाम तहसील प्रशासन ने तीन नोटिस भेजे है जिसमें अराजी संख्या 2726 नवीन परती की 20 एयर भूमि में से 6 एयर भूमि पर कब्जा करके मकान और बाउंड्री वॉल बनी है। दूसरे नोटिस में खलिहान की भूमि अराजी संख्या 2725 के रकबा 45 एयर में 20 एयर पर कब्जा कर पक्की मकान और बाउंड्री वाल बनी है। जबकि तीसरे नोटिस में अराजी संख्या 2742 रकबा 0.583 हेक्टेयर जमीन में 0.06 हेक्टेयर भूमि पर बाउंड्री वाल और छप्पर दिखाया है, जो वन विभाग की भूमि है। इसमें से तीसरा नोटिस ही सार्वजनिक रूप से चिपकाया गया है।
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देवरिया हत्याकांडः गांव में इकलौता ब्राह्मण परिवार था, गरीबी में दिन काट रहा था सत्य प्रकाश दुबे का परिवार
देवरिया में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या ने देश भर में सनसनी फैला दी है। हत्याकांड में मरा सत्य प्रकाश दुबे का परिवार गांव में अकेला ब्राह्मण परिवार था। गरीबी में दिन गुजारता परिवार जमीन विवाद की भेंट चढ़ गया।
देवरिया के रूद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में जमीन विवाद को लेकर 5 लोगों की हत्या हुई। पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम प्रकाश यादव की हत्या बाद इस सनसनीखेज नरसंहार ने पीड़ित सत्य प्रकाश दुबे का परिवार खत्म कर दिया। दुबे का परिवार गांव में अकेला ब्राह्मण परिवार था और उसकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी। सत्य प्रकाश दुबे के तीन बेटे और तीन बेटियां थीं। घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। बड़ी बेटी निशा विवाहित है। मझली बेटी सलोनी निजी विद्यालय में पढ़ती थी। छोटी बेटी नंदिनी और बेटा गांधी भी पढते थे।
एक बेटा देवेश पूजा-पाठ कराता है। सबसे छोटा बेटा अनमोल 8 वर्ष का है। परिवार तीन कमरों के घर में रहता है, जिसमें कोई दरवाजा भी नहीं है। घटना के समय सत्य प्रकाश दुबे का बड़ा बेटा देवेश देवरिया शहर में किसी के यहां श्राद्ध कराने गया था। इससे उसकी जान बच गई। यादव बाहुल्य इस गांव में हमलावरों ने आधे घंटे तांडव मचाया, मगर गांव का कोई भी दुबे परिवार की मदद करने नहीं आया। गांव में सत्य प्रकाश दुबे का एकमात्र ब्राह्मण परिवार है। इसके अलावा एक परिवार श्रीवास्तव का है कुछ केवट हैं। बाकी पूरी बस्ती यादवों की है। अगल-बगल के गांव भी यादव बहुल है।
अफसरों की दौड़, गांव में भय
जमीनी विवाद को लेकर हुए नरसंहार के बाद गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस और प्रशासनिक अफसर गांव में कैंप किए हैं। गांव में पीएसी व पुलिस तैनात है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजी ला ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, गोरखपुर जोन के एडीजी अखिल कुमार, जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा गांव पहुंच कर स्थिति समझी।
पहले डंडों से पीटा फिर गला रेता
जमीन के विवाद में एक के बदले हुई पांच हत्याओं में सत्य प्रकाश दुबे का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। हमलावरों पर ऐसा खून सवार था कि उन्हें बच्चों पर भी तरस नहीं आया। आक्रोशित भीड़ ने सत्य प्रकाश दुबे के घर की महिलाओं और बच्चों को पहले डंडों से पिटा, फिर गला रेता और उसके बाद में गोली भी मारी।
जान की भीख मांगते रहे अबोध
हमलावरों की भीड़ सत्यप्रकाश के दरवाजे पर पहुंची तो सत्यप्रकाश दुबे की पत्नी हाथ जोड़ कर आगे खड़ी हो गई। मगर हमलावरों ने उसकी लाठी- गोली मारकर हत्या कर दी। दंपती की हत्या देख सबसे छोटा अनमोल घर के कोने में छिप गया। बेटी सलोनी, नंदनी व बेटा गांधी हाथ जोड़कर जान की भीख मांगने लगे। मगर हमलावरों ने सभी को मौत के घाट उतार दिया। अनमोल को उन लोगों ने मरा समझ लिया था, वह अस्पताल में भर्ती है।