हरिद्वार में 3.6 रिक्टर स्केल का भूकंप, भविष्य में बड़े भूकंप का संकेत
उत्तराखंड: हरिद्वार में भूकंप, रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई तीव्रता
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है.
उत्तराखंड: हरिद्वार में भूकंप, रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई तीव्रता
भूकंप आने के बाद लोग घर से बाहर आ गए. (सांकेतिक फोटो)
हरिद्वार . उत्तराखंड के हरिद्वार (Haridwar) में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं. इससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया है. भूकंप आने के बाद लोग घर से बाहर आ गए. वहीं, कुछ देर तक सड़कों पर भीड़ लग गई. इससे यातायात प्रभावित हो गया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है.
आईआईटी रुड़की में भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर एमएल शर्मा द्वारा उत्तराखंड में आज आए भूकंप की रिपोर्ट
हरिद्वार भूकंप के पैरामीटर
दिनांक: 01/12/2020उत्पत्ति समय: 09: 41, 51.0 (आईएसटी)तीव्रता: 4.0 मैग्नीट्यूड स्थान: 30.105 एन, 78.013 ईफोकल डेप्थ: 41..9 किमीटिहरी बाँध से दूरी: 49.39 किमी, टिहरी बाँध के दक्षिण पश्चिम दिशा में रुड़की से दूरी: 33 किमी, उत्तर-पूर्व क्षेत्र में
1 दिसंबर 2020 को हरिद्वार के पास सुबह 09:41:51.0 (आईएसटी) बजे 4.0 मैग्नीट्यूड तीव्रता वाले भूकंप का झटका महसूस किया गया। हरिद्वार से उत्तर-पश्चिमी दिशा में इसकी दूरी 25 किमी थी। भूकंप अभियंत्रण विभाग, आइआइटी रुड़की की ओर से गढ़वाल हिमालय में लगाए गए टिहरी नेटवर्क द्वारा दर्ज आंकड़ों के आधार पर भूकंप की स्थिति की गणना की गई है। इस नेटवर्क के 18 स्टेशन के साथ-साथ रुड़की सीस्मोलॉजिकल ऑब्ज़र्वेटरी पर भी भूकंप दर्ज किया गया है। स्थान अक्षांश 30.105 एन और देशांतर 78.013 ई है। भूकंप के स्रोत की गहराई लगभग 40 किमी मापी गई है। तीव्रता और गहराई के कारण, देहरादून, रुड़की, लक्सर और हरिद्वार सहित आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का अनुभव किया गया है। इस भूकंप से किसी भी क्षेत्र में किसी तरह के नुकसान की आशंका नहीं है। रुड़की ऑब्ज़र्वेटरी से इसकी दूरी लगभग 34 किमी होने का अनुमान है। भूकंप के स्रोत का कारण हिमालयन फ्रंटल फाल्ट हो सकता है जो इस क्षेत्र में स्थित है। भूकंप के लिहाज से यह क्षेत्र काफी संवेदनशील है और वर्तमान भूकंप इस क्रम में आने वाले भूकंपों में से एक है।
दरअसल, उत्तराखंड में इन दिनों भूकंप आने के मामले बढ़ गए हैं. बीते 10 नवंबर को एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड में बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है. इस खतरे को देखते हुए वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की थी. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तराखंड के धारचुला को चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख से जोड़ने वाली नई कैलाश मानसरोवर सड़क से करीब 45 किमी दूर पृथ्वी के निचले हिस्से में बड़ी गतिविधि हो रही है. वैज्ञानिकों ने धारचुला क्षेत्र और कुमाऊं हिमालयी क्षेत्र के आसपास के इलाकों में सूक्ष्म और मध्यम तीव्रता के भूकंपों की बड़ी मात्रा का खुलासा किया था. इसके साथ ही क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव और भूगर्भीय संरचना की भी खोज की थी
भूकंपीय गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव के कारण भूकंपीय गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं. ऐसे में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में इस क्षेत्र में उच्च तीव्रता के भूकंप की भी संभावना है. यह शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक देवजीत हजारिका ने अधिक जानकारी दी है. उन्होंने कहा, ‘1905 में कांगड़ा भूकंप और 1934 में बिहार-नेपाल भूकंप के अलावा इस क्षेत्र में पिछले 500 वर्षों में 8 से अधिक की तीव्रता के भूकंप नहीं आए है. इसलिए इस क्षेत्र को केंद्रीय भूकंप की आशंका प्रबल होती जा रही है।