कुंभ में भी रहेगी सोशल डिस्टेंसिंग, प्राकृतिक असरकारी घाटों पर भी स्नान
हरिद्वार कुंभ मेला(फाइल फोटो)
कोरोना इफेक्ट:पहली बार कुंभ स्नान में सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी होगी, मेला क्षेत्र में इस बार सिर्फ 5 कनेक्टिंग ब्रिज बनेंगे
हरिद्वार 20 दिसंबर ( मनमीत)। कुंभ मेले में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए अस्थायी रूप से प्लास्टिक से बनाए जाने वाले घाटों पर सुरक्षा के लिए डीप वाॅटर बेरिकेडिंग होगी
कुंभ मेले में कोरोना की जांच के लिए तीन बड़े कोविड केयर सेंटर भी बनेंगे
कोरोना का असर 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले पर भी रहेगा। महामारी के कारण मेले में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लाखों लोगों को स्नान कराने के लिए पहली बार सामान्य घाटों के साथ प्राकृतिक घाटों का भी इस्तेमाल होगा। अस्थायी रूप से प्लास्टिक से इन घाटों को शेप दिया जाएगा। मेले में तीन बड़े कोविड केयर सेंटर (CCC) भी बनाए जाएंगे।
अस्थायी घाटों पर सुरक्षा के लिए डीप वॉटर बेरिकेडिंग होगी। प्रत्येक बेरिकेडिंग चार मीटर के दायरे में होगी। इनमें पानी का स्तर चार फीट से ज्यादा नहीं रहेगा, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रहकर आसानी से स्नान कर सकें। वहीं, मेला क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए इस बार तीन जगहों पर सिर्फ पांच अस्थायी लिंक ब्रिज बनाए जाएंगे। पिछले कुंभ मेले में 18 जगह पर 32 पुल बनाए गए थे।
जनवरी तक बन जाएंगे अस्थायी पुल
मेले में बनने वाले अस्थायी पुल मेला क्षेत्र की मुख्य पार्किंगों को अलग-अलग स्थानों से जोड़ने के लिए बनाए जाते हैं। अब दो मोटर पुल बैरागी कैंप से गौरीशंकर को जोड़ने के लिए बनेंगे और दो पुल नीलधारा से चंडीघाट को जोड़ने के लिए। चंडी देवी रोपवे के पास से गौरीशंकर को जोड़ने के लिए पैदल पुल बनाया जाएगा। सभी पुल जनवरी तक बना लिए जाएंगे।
कुंभ मेला के आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि नीलधारा और बैरागी कैंप में कुंभ मेला भरेगा। मेला क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली के काम शुरू हो गए हैं। पुल वहीं बनेंगे जहां उन्हें बनाया जाना जरूरी है। कोरोना संक्रमितों के लिए पार्किंग क्षेत्र में सीसीसी भी बनाने की तैयारी है। घाटों पर प्लास्टिक से बने पानी पर तैरने वाले रेस्क्यू स्टेशन बनेंगे। इन पर पुलिस, लाइफ बोट आदि की व्यवस्था होगी।
मेले में तंबू भी सीमित संख्या में लगेंगें
कुंभ का प्रमुख आकर्षण सैकड़ों वर्गमीटर में लगे तंबूओं में लगे कैंप्स का रहता है। इनमें अखाड़ों के साथ यात्री रुकते हैं। वहीं प्रशासन, पुलिस,अस्पताल और वीआईपी के लिए भी तंबू भी बनाए जाते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना के चलते तंबू सीमित संख्या में लगेंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज के अनुसार,पहले उत्तराखंड सरकार तंबुओं के लिए राजी नहीं थी,लेकिन अब सहमति बन गई है।
हालांकि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष यह भी कहते हैं कि अगर फरवरी में कोरोना का प्रकोप बढ़ा, तो स्थिति के हिसाब से आगे निर्णय लेंगे। वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया है कि कुंभ में अखाड़ों के तंबुओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
कुंभ मेले में होंगे कुल चार शाही स्नान
पहला: 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि
दूसरा: 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या
तीसरा: 14 अप्रैल को संक्राति और बैसाखी
चौथा: 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा