पंडित राहुल शास्त्री बनकर ठगी करता था मेरठ का हारून मियां
पंंडित बन कर लोगों को ठगने वाला हारून
पंडित राहुल शास्त्री बनकर लोगों को चूना लगाता था हारून मियाँ, दिल्ली पुलिस ने मेरठ से पिता-पुत्र को पकड़ा
दिल्ली पुलिस ने ग्रह शांति के नाम पर ठगी करने वाले जालसाज हारून मियाँ उर्फ शाहजी बंगाली को अरेस्ट किया है। पंडित राहुल शास्त्री नाम से पुजारी बनकर आरोपित हारून लोगों को अंधविश्वास में फँसाता और उनसे पैसे हड़पता था। मेरठ के ज़ाकिर नगर के रहने वाले हारून ने गूगल व ट्रू कॉलर एप पर भी मियाँ शाहजी बंगाली के नाम से खुद को पंजीकृत कर रखा था। इसके जरिए वह लोगों को ठगने का काम करता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हारून के खिलाफ हत्या और दंगों के कई मामले दर्ज हैं। सिर्फ हारून ही नहीं बल्कि उसका बेटा आरिफ भी धोखाधड़ी के धंधे में शामिल था।
दिल्ली पुलिस ने एक महिला की शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए इस ऑनलाइन तांत्रिक को गिरफ्तार किया। केशवपुरम में रहने वाली एक युवती के पास एक अनजान नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को पंडित राहुल शास्त्री बताते हुए कहा कि वह उसके घर में चल रही परेशानियों को दूर कर सकता है।
पंडित बने ठग हारून ने महिला से घर में शांति कराने के नाम पर 85,000 रुपए उसके खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा। पीड़ित महिला को शक तब हुआ जब आरोपित ने उससे से 55 हजार रुपए और जमा कराने को कहा।
इसके बाद पुलिस ने महिला की शिकायत पर हारून के खिलाफ मामला दर्ज किया और एसएचओ संजय रावत के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने मामले की तफ्तीश शुरू की। पुलिस ने पीड़िता के फोन पर आए कॉल के माध्यम से हारून का पता लगाया और मेरठ से उसे गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उसके बेटे आरिफ को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब इस बात की जाँच कर रही है कि आरोपित कितने लोगों के साथ ठगी कर चुका है।
गौरतलब है कि इस साल अक्टूबर में भी इसी तरह की एक घटना का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें तीन मुस्लिम युवक को साधुओं की वेशभूषा में अपनी पहचान छिपाते देखा गया था। इन लोगों की असली पहचान तब सामने आई जब एक व्यक्ति द्वारा उनका नाम पूछा गया। जिस दौरान उन्होंने अपना नाम सुड्डू, दीवान और अली हुसैन बताया।
वीडियो में तीनों ने कबूल किया कि वे मुसलमान हैं। साथ ही एक मुस्लिम व्यक्ति ने यह भी कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया या कोई चोरी नहीं की है। हो सकता है कि इनकी बातें सच हो लेकिन भगवा वस्त्र की आड़ में अमूमन इसी तरह साधुओं को बदनाम करने का काम किया जाता है.