विक्रमादित्य सिंह की दुकान पहचान से हिला कांग्रेस हाईकमान,दिल्ली बुला कर डांट
क्यों लेना पड़ा दुकानों के मालिकों को आईडी दिखाने का फैसला? विक्रमादित्य सिंह ने बताया
नई दिल्ली/ शिमला 26 सितंबर 2024 । हिमाचल प्रदेश में योगी सरकार की तरह रेहड़ी-पटरी, ढाबा-रेस्टोरेंट मालिकों को दुकान पर आईडी लगाने वाले आदेश का कांग्रेसी नेताओं ने विरोध किया, जिसको लेकर अब खुद विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इसमें ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन राज्य की आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह फैसला क्यों लिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार की तरह हिमाचल प्रदेश में भी एक फरमान जारी किया गया कि अब रेहड़ी-पटरी, ढाबा-रेस्टोरेंट मालिकों को दुकान पर आईडी लगाना अनिवार्य होगा, जिसका कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया था. इसको लेकर अब हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि राज्य में नगर निगम सीमा के अंदर टाउन वेंडिंग कमेटियों का गठन किया जाना चाहिए ताकि उचित वेंडिंग जोन बनाए जा सकें.
हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की एक तस्वीर वाला एक न्यूज आर्टिकल शेयर किया. इस आर्टिकल में योगी सरकार के उस फैसले का विवरण है जिसके चलते उत्तर प्रदेश में रेहड़ी-पटरी, ढाबा-रेस्टोरेंट मालिकों को दुकान पर आईडी लगाना अनिवार्य किया गया है. इसे शेयर करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने लिखा कि हिमाचल में भी हर भोजनालय और फास्टफूड रेहड़ी पर मालिक की ID लगाई जाएगी ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो. उनके इस फैसले से हिमाचल कांग्रेस में घमासान मच गया.
क्या बोले विक्रमादित्य सिंह?
इसके बाद राज्य विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देखिए हिमाचल-प्रदेश में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में बीता है. उसमे शांति बनाए रखना राज्य सरकार और हम सभी की जिम्मेदारी है. हाई कोर्ट ने समय-समय पर कहा है कि राज्य में नगर निगम सीमा के अंदर टाउन वेंडिंग कमेटियों का गठन किया जाना चाहिए ताकि उचित वेंडिंग जोन बनाए जा सकें. हमने यह भी कहा है कि बाहर से आने वाले लोगों को हिमाचल प्रदेश में आपका स्वागत है.
सभी पर लागू होगा कानून
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी क्षेत्र से लोग आ सकते हैं. लेकिन राज्य की आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना जरूरी है क्योंकि हमें राज्य में नशीली दवाओं के खतरे के विस्तार को नियंत्रित रखना है, हमें कानून और व्यवस्था बनाए रखनी है, भोजनालयों में स्वच्छता के मुद्दों पर भी ध्यान देना है हाईकोर्ट ने भी इस पर चिंता जताई है, हमने हाल ही में जो बैठकें की हैं, उनमें वेंडर्स की पहचान करने का फैसला लिया गया है, चाहे वो हिमाचल के हों या बाहर के, यह कानून सभी पर लागू होता है. हिमाचल प्रदेश की सुरक्षा और राज्य के लोगों की चिंता के लिए यह किया जा रहा है.
इसमें ऐसा कुछ नहीं
उन्होंने मालिकों के नाम लिखने पर कहा कि इसमें ऐसा कुछ नहीं है. यह तो आम तौर पर दुकानों में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है लेकिन यह सिर्फ राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए है. इसे उसी तरह से देखा जाना चाहिए. एक सर्वदलीय समिति भी गठित की गई है और वह हर विवरण पर गौर करेगी. इसमें हर पहलु को देखा जाएगा. राज्य की आंतरिक सुरक्षा चिंताओं से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
Himachal Pradesh Shimla Eateries Order Row Congress President Mallikarjun Kharge Unhappy Vikramaditya Singh To Follow Cm Yogi Govt Model
कांग्रेस के लिए गले की फांस बना ‘दुकान की पहचान’ का आदेश, खरगे विक्रमादित्य सिंह से नाराज़, दिल्ली बुलाया
Himachal eateries order row: हिमाचल प्रदेश के कई बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य के विभाग से जारी आदेश कांग्रेस के लिए गले की फांस बन गया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरह दुकान की पहचान का आदेश निकालने से कांग्रेस नेतृत्व नाराज़ है। विक्रमादित्य सिंहा चुप रहने के साथ दिल्ली तलब किया गया है।
होटलों और भोजनालयों में नाम लिखने के आदेश पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य को दिल्ली तलब किया गया है। राज्य भर में खाद्य दुकानों को उनके मालिकों का नाम और पता प्रदर्शित करने के लिए जारी किए गए एक आदेश जारी किया था। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने इस मुद्दे पर विक्रमादित्य सिंह को फटकार लगाई है। विक्रमादित्य सिंह इस आदेश के बाद सुर्खियों में आ गए थे। उनके इस आदेश को योगी मॉडल को हिमाचल में लागू करने के तौ पर देखा गया था।
यूपी के योगी मॉडल पर क्या विक्रमादित्य की बढ़ेंगी मुश्किलें।
कांग्रेस आलाकमान खुश नहीं
हिमाचल के भोजनालयों में मालिकों का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य करने पर कांग्रेस को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार के ऐसे ही आदेश की आलोचना की थी। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस विषय में नाराज हैं। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पीडब्ल्यूडी और शहरी विकास मंत्रालय के प्रमुख विक्रमादित्य सिंह को इस मामले पर विवादास्पद टिप्पणी नहीं देने के लिए कहा गया है। विक्रमादित्य सिंह दिल्ली पहुंच सकते हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री और केंद्र में इन दिनों सक्रिय कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने हिमाचल शहरी विकास मंत्रालय के आदेश की आलोचना की है। उन्हें इसे इसे निंदनीय और भेदभावपूर्ण कदम बताया।
कांवड़ यात्रा के दौरान हुआ था विवाद
उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवर यात्रा के समय सभी दुकानदारों को नाम लिखने को अनिवार्य किया गया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत तमाम दलों ने तब योगी सरकार के फैसला का कड़ा विरोध किया था। हिमाचल सरकार के फैसले पर एआईयूडीएफ विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि कांग्रेस अब भाजपा की राह पर चल रही है और नफरत फैला रही है। इस्लाम ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस में क्या अंतर रह गया है? भाजपा हमेशा नफरत फैलाती है। कांग्रेस भी उसी लाइन पर चल रही है, हिंदू और मुसलमानों के बीच झगड़े भड़का रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश मॉडल अपना रही है।
आदेश से फंस गई है कांग्रेस
विक्रमादित्य के अगुवाई वाली विभाग के आदेश पर अब अमल होगा या फिर नहीं, यह अगले कुछ दिनों में साफ होगा, लेकिन उनके नेतृत्व वाले विभाग ने फिलहाल कांग्रेस के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा कर दी है क्यों पार्टी ने जुलाई में जिस फैसले को राज्य प्रायोजित कट्टरता बताया था अब पार्टी उस पर कैसे जवाब देगी? ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि विभाग ने आदेश भले ही जारी कर दिया है लेकिन सरकार इस पर आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करेगी।
Himachal PradeshShimlaCongress Government Will Implement Yogi Model In Himachal Owners Id Will Be On Restaurants And Fast Food Carts
कांग्रेस के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को भाया योगी मॉडल, हिमाचल में भी होटल, ढाबे पर छपेगा मालिकों का नाम
इन दिनों खाने-पीने की चीजों में मिलावट एक बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों ने यह लिया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने वालों पर लगाम लगेगी और लोग सुरक्षित भोजन का आनंद ले सकेंगें।
विक्रमादित्य सिंह को भाया योगी मॉडल
अब हिमाचल में भी करने जा रहे लागू
फेसबुक पर पोस्ट शेयर कर दी थी जानकारी
हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस सरकार अब योगी मॉडल को अपनाने जा रही है। हिमाचल में भी अब उत्तर प्रदेश की तरह हर भोजनालय और फास्टफूड रेहड़ी पर मालिक की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीक़े की परेशानी न हो। इसके लिए पिछले कल ही शहरी विकास विभाग और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ये जानकारी सुक्खू सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी है।
हिमाचल के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी है। विक्रमादित्य सिंह ने इस पोस्ट में लिखा है कि हिमाचल में भी हर भोजनालय और फास्टफूड रेहड़ी पर ओनर की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीक़े की परेशानी न हो। इसके लिए पिछलें कल ही शहरी विकास एवं नगर निगम बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जय श्री राम…
मुख्यमंत्री योगी ने दिए थे आदेश
यह फैसला उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के एक दिन बाद आया है। उत्तर प्रदेश में भी खाने-पीने की दुकानों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया है। दरअसल, हाल ही में राज्य के अलग-अलग हिस्सों से फ्रूट जूस में पेशाब और रोटी पर थूकने की घटनाएं सामने आई थीं। इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी चिंतित थे। उन्होंने कहा था कि खाने में गंदगी मिलाना घृणित अपराध है, इससे लोगों की सेहत को गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
वायरल हुए थे वीडियो
12 सितंबर को सहारनपुर में एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक लड़का एक ढाबे पर रोटियां बनाते समय उन पर थूक रहा था। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गाजियाबाद में भी पिछले हफ्ते एक जूस विक्रेता को पकड़ा गया था। वह जूस में पेशाब मिला रहा था। इसी तरह, जून में नोएडा में भी दो लोगों को थूक वाला जूस बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।