उत्तराखंड आंदोलन का इतिहास सम्मिलित होगा पाठ्यक्रम में: धामी
मुख्यमंत्री ने ली परेड की सलामी, कहा- पाठ्य पुस्तकों में शामिल होगा आंदोलन का इतिहास
परेड में मुख्य अतिथि रहे राज्यपाल गुरमीत सिंह
Uttarakhand Foundation Day राज्य स्थापना की 22वीं वर्षगांठ को हर्ष और उल्लास के साथ मनाने के लिए दून तैयार है। इस अवसर पर हर साल पुलिस की रैतिक परेड आकर्षण का केंद्र रहती है। बुधवार को मुख्यमंत्री ने रिजर्व पुलिस लाइन में परेड का निरीक्षण किया।
देहरादून राज्य स्थापना की 22वीं वर्षगांठ पर मुख्य कार्यक्रम देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि रहे। यहां से वह भराड़ीसैंण गए और राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित महोत्सव में भी प्रतिभाग किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी शुभकामनाएं
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उत्तराखंडवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएंं दी है। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका आभार व्यक्त किया है।
पाठ्य पुस्तकों में शामिल होगा उत्तराखंड आंदोलन का इतिहास
इस क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रिजर्व पुलिस लाइन पहुंचे और यहं पर परेड का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन में 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा।
हम उत्तराखंड को 2025 तक देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सरकार सुरक्षित पर्यटन की ओर लगातार काम कर रही है। इस साल चारधाम यात्रा में भी रिकॉर्ड यात्री आए हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी घोषणा की उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाएगा। वहीं उत्तराखंड में जल्द 19000 पदों पर भर्ती होगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई घोषणाएं की
सभी जिलों में बालिका आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे।
जल्द ही जल विद्युत और सौर ऊर्जा नीति बनाई जाएगी।
नई पर्यटन नीति बनेगी।
10 हजार महिला समूहों को उद्यमी बनाएंगे।
लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस में एक करोड़ का कोष बनेगा।
इनामी बदमाशों को पकड़वाने वाले लोगों को पुरुस्कृत किया जाएगा।
गौरा शक्ति योजना एप लांच करेंगे।
मुख्यमंत्री चौपाल कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
पुलिस की रैतिक परेड सुबह 9.35 से शुरू हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल गुरमीत सिंह भी पुलिस लाइन पहुंचे। राज्यपाल गुरमीत सिंह, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी परेड का निरीक्षण किया।
सारे जहां से अच्छा… की धुन पर परेड कमांडर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने परेड की अगुवाई की। परेड में पीएसी महिला व पुरूष का दल, आइआरबी, बम निरोधक दस्ता, पुलिस संचार, मॉर्डन कंट्रोल रूम, नभ नेत्र, डॉग स्कायड, फायर ब्रिगेड, सीपीयू व ड्रोन ने हिस्सा लिया। इस दौरान राज्यपाल ने पुलिस अधिकारियों को भी सम्मानित किया।
राज्यपाल ने पुलिस अधिकारियों को किया पदक से अलंकृत
पीवीके प्रसाद एडीजी
ददनपाल 40वीं बटालियन पीएसी
करन सिंह नगन्याल, डीआईजी गढ़वाल रेंज
दिलीप सिंह कुंवर एसएसपी देहरादून
सुखबीर सिंह , सेनानायक पीएसी
मुकेश कुमार, एसपी
धीरेंद्र गुंज्याल, एसपी विजिलेंस
दिनेश चंद्र जोशी, एसपी दूरसंचार पीएचक्यू
दया किशन एफएसओ
कुंवर सिंह, लीडिंग फायरमैन
विभूतियों को दिया उत्तराखंड गौरव सम्मान
उत्तराखंड गौरव सम्मान की शुरुआत वर्ष 2021 के स्थापना दिवस से हुई थी। प्रदेश की पांच विभूतियों को यह पुरस्कार दिया जाता है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति इन नामों का चयन करती है।
रविवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने उत्तराखंड गौरव सम्मान पुरस्कार के लिए चयनित नामों की घोषणा की थी। इनमें तीन विभूतियों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया हैं।
आज वर्ष 2021 के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी,पर्यावरणविद् पदूभूषण डाक्टर अनिल प्रकाश जोशी, साहित्यकार रस्किन बांड, पर्वतारोही बछेंद्रीपाल और प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड गौरव सम्मान दिया गया।
वर्ष 2022 के लिए उत्तराखंड गौरव सम्मान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ रहे जनरल स्वर्गीय बिपिन रावत, केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, प्रसिद्ध गीतकार स्वर्गीय गिरीश चंद्र तिवारी गिर्दा और साहित्यकार स्वर्गीय वीरेन डंगवाल को प्रदान किया गया है। पुरस्कार में एक लाख रुपये की सम्मान राशि, प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिह्न प्रदान किया गया।
इन्होंने ग्रहण किया उत्तराखंड गौरव सम्मान पुरस्कार
कवि व लेखक प्रसून जोशी और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने पुरस्कार खुद लिया। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल को यह पुरुस्कार दिया गया। देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) स्वर्गीय जनरल विपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत को पुरस्कार प्रदान किया गया।
स्वर्गीय गिरिश चंद्र तिवारी गिर्दा की पत्नी हेमलता तिवारी को पुरस्कार प्रदान किया गया। स्वर्गीय वीरेन डंगवाल (साहित्य एवं पत्रकारिता) की पत्नी रीता डंगवाल को पुरस्कार प्रदान किया गया। साहित्यकार रस्किन बांड का स्वास्थ्य खराब होने के चलते पुरस्कार सुपौत्र राकेश कुमार बांड को पुरस्कार दिया गया।
साहसिक खेल बछेंद्री पाल के बीमार होने के कारण उनके भांजे नितेश राणा को पुरस्कार दिया गया। डाक्टर अनिल प्रकाश जोशी अन्य कार्यक्रम में व्यस्त होने के चलते उपस्थित नहीं हो पाए। स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के स्वजन पुरस्कार प्राप्त करने उपस्थित नहीं हो सके।
भराड़ीसैंण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने लिया भाग
पुलिस लाइन के कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चमोली जिले में स्थित ग्रीष्मकालीन राजधानी गैंरसैंण पहुंचे। स्थापना दिवस पर भराड़ीसैंण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं लाभार्थियों को चेक वितरित किए, इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी, स्थानीय विधायक अनिल नौटियाल, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी आदि उपस्थित रहे।
राज्य निर्माण के लिए बलिदान देने वालों को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
वहीं, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) की गरिमामय उपस्थिति भी रही। इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री कलेक्ट्रेट परिसर स्थित शहीद स्मारक पहुंचे और राज्य निर्माण के लिए बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की।