विवेचन:हिज्ब उत तहरीर जो दारुल इस्लाम को बनाता है मुस्लिम,सिखाता है जैविक हथियार निर्माण, मप्र से 16 बंदी
विवेचन: क्या है हिज्ब-उत-तहरीर, जो युवाओं को दे रहा जैविक हथियार बनाने का प्रशिक्षण
What is Hizb-ut-Tahrir – इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर पर मध्य प्रदेश एटीएस अपना शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. एमपी एटीएस और एनआईए ने मिलकर संगठन के 16 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें से ज्यादातर पहले हिंदू थे. जानते हैं कि हिज्ब-उत-तहरीर कैसे धर्मपरिवर्तन कराकर युवाओं को आतंकी बना रहा है?
हिज्ब-उत-तहरीर की वेबसाइट में मकसद के तौर पर इस्लामी उम्माह को फिर से वजूद में लाना बताया गया है.
HUT and Jihad: इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर जिहाद के लिए युवाओं की पूरी फौज तैयार कर रहा है. कट्टरपंथी संगठन पहले युवाओं को भड़काऊ तकरीरें सुनाता है. फिर उन्हें दिमागी तौर पर जिहाद के लिए तैयार करता है. इसके बाद उनको हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. यहां तक कि ये संगठन युवाओं को जैविक हथियार बनाने की ट्रेनिंग भी दे रहा है. हिज्ब-उत-तहरीर अपनी इस मुहिम के पहले चरण में दूसरे धर्म के युवकों का धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाता है. फिर इन युवकों को दूसरे धर्म की लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराने के लिए कहता है.
ये पूरी कहानी तब खुली, जब मध्य प्रदेश के आतंकवाद-रोधी स्क्वायड और एनआईए ने हिज्ब-उत-तहरीर के 16 लोगों को गिरफ्तार किया. जब इनसे पूछताछ की गई तो इन्होंने हिज्ब के काम करने का तरीका बताया. हिज्ब-उत-तहरीर के पकड़े गए 16 लोगों में से 11 अकेले मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किए गए हैं. गिरफ्तार किए 16 में से 8 लोग पहले हिंदू थे. पहले इनका धर्म परिवर्तन कराया गया. इसके बाद इन्हें जिहाद का प्रशिक्षण दिया गया. ये सभी आरोपी 19 मई 2023 तक पुलिस रिमांड में हैं.
हिज्ब-उत-तहरीर का मकसद क्या है?
कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर का मकसद इस्लामी उम्माह यानी इस्लामी राष्ट्र को फिर से वजूद में लाना है. चरमपंथी संगठन की वेबसाइट में बताया गया है कि हिज्ब-उत-तहरीर का मकसद कुफ्र यानी ईश्वर की सत्ता को नहीं मानने वाले विचार, सिस्टम और कानून को पूरी तरह से खत्म करना है. यरुशलम में हिज्ब-उत-तहरीर को 1952 में गठित किया गया था. संगठन का मुख्यालय लंदन में है. इसका प्रभाव यूरोप, एशिया, दक्षिण एशिया में है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव इंडोनेशिया में है.
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एनआईए और मध्य प्रदेश एटीएस ने हिज्ब उत तहरीर के 16 लोगों को गिरफ्तार किया है.
रेकी के लिए एडवांस टेक का इस्तेमाल
एटीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्ब-उत-तहरीर के गिरफ्तार सदस्य लड़कियों को लव जिहाद का शिकार भी बना रहे थे. गिरफ्तार सदस्यों में से 8 हिंदू युवक पहले मुसलमान बने. इसके बाद उन्होंने लड़कियों का धर्म परिवर्तन भी कराया. यहां तक कि मुसलमान बने शादीशुदा हिंदू सदस्यों ने अपनी पत्नी का धर्म परिवर्तन भी कराया. एटीएस और एनआई ने गिरफ्तार युवकों से विस्फोटक सामग्री, तकनीकी उपकरण और देश विरेाधी साहित्य बरामद किया है. हिज्ब के इन सदस्यों ने बड़े शहरों के टारगेट्स की ड्रोन से रेकी भी की थी. साफ है कि इनके तार आतंकवाद से भी जुड़े हैं.
जैविक हथियारों की ट्रेनिंग देता है हिज्ब
मध्य प्रदेश एटीएस के मुताबिक हिज्ब उत तहरीर युवाओं को जंगल में ले जाकर हथियार चलाने का प्रशिक्षण देता है. कट्टरपंथी संगठन के सदस्य सर्विलांस से बचते हुए आपस में बातचीत के लिए एक ऐप का इस्तेमाल करते हैं. हिज्ब-उत-तहरीर ऐसे युवकों को चुनता है, जो अपनी जान देने से भी पीछे ना हटें. अमेरिका की ग्लोबल एजुकेशन कम्युनिटी कोलैबरेशन की रिपोर्ट का कहना है कि कट्टरपंथी संगठन की एक शाखा युवाओं को जैवित और रासायनिक हथियार बनाने तथा चलाने का प्रशिक्षण भी देती है. कट्टरपंथी संगठन दुनिया भर में अपनी विचारधारा फैला रहा है. सीटीएक्स जर्नल की रिपोर्ट में चेताया गया था कि ये संगठन भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. कुछ रिपोर्ट्स में इसे इस्लामिक स्टेट से भी ज्यादा खतरनाक बताया गया है.
हिज्ब-उत-तहरीर को कुछ रिपोर्ट्स में इस्लामिक स्टेट से भी ज्यादा खतरनाक बताया गया है.
50 देशों में फैले हिज्ब के 10 लाख सदस्य
कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर दुनिया के 50 देशों में फैला हुआ है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके 10 लाख से ज्यादा सदस्य हैं. संगठन का मकसद कट्टरपंथी युवाओं की फौज तैयार करना है. दक्षिण एशिया में ये संगठन ज्यादा सक्रिय है. इस संगठन पर चीन और बांग्लादेश समेत कई देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है. खामोशी से अपना काम करने वाले हिज्ब-उत-तहरीर के इरादे दुनिया के कई देशों में खुल चुके हैं. इसलिए कई देश संगठन पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगाने ावले देशों में बांग्लादेश और चीन के अलावा जर्मनी, रूस, इंडोनेशिया, लेबनान, यमन, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.
ऑटो चालक से लेकर प्रोफेसर तक बने सदस्य
एनआईए और एटीएस ने तेलंगाना से भी कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. हिज्ब-उत-तहरीर के गिरफ्तार सदस्यों में ऑटो चलाने वाले से लेकर स्कूल टीचर तक शामिल हैं. इनमें से एक सलीम पहले सौरभ जैन था. सलीम बनने के बाद उसने अपन पत्नी मानसी अग्रवाल का धर्म परिवर्तन कराकर नया नाम रायला रख दिया. सलीम 12वीं तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाता था. वह भोपाल के एक कॉलेज में प्रोफेसर बन गया. सौरभ उर्फ सलीम के पिता ने बताया कि 2013 में कॉलेज के प्रोफेसर कमाल ने सौरभ का ब्रेनवॉश शुरू किया. इसके बाद वह भगोड़े जाकिर नाइक के वीडियो देखने लगा. एकबार वह नाइक से मिलने मुंबई गया और सलीम बन गया. सौरभ ने अपने बच्चों का धर्म परिवर्तन कराकर अनुनय का नाम यूसुफ और वत्सल का नाम इस्माइल रख दिया.