जोशीमठ के झुके होटलों के मालिक सौदेबाजी को अड़े,
जोशीमठ में प्रभावितों को अभी डेढ़ लाख की मदद:शिफ्टिंग के लिए 50 हजार मिलेंगे…फिलहाल 2 होटल तोड़े जाएंगे, घर नहीं
देहरादून11जनवरी।उत्तराखंड के जोशीमठ में जिन 723 घरों में दरारें आई हैं, उनके रहवासियों को अभी डेढ़ लाख रुपए की मदद होगी। 50 हजार रुपए शिफ्टिंग को और क्षतिपूर्ति अग्रिम एक लाख रुपए दिए जाएंगे। फाइनल मुआवजा बाद में तय होगा। एक हफ्ते में सर्वे पूरा होगा और उसके बाद मदद दी जाएगी।
प्रभावित परिवारों से बुधवार को बातचीत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव मीनाक्षीसुंदरम ने फैसलों की जानकारी दी कि अभी घर नहीं तोड़े जाऐगें, केवल 2 होटल टूटेंगे। घरों पर लाल निशान उन्हें खाली करने को लगाए गए हैं। होटल मालिकों से भी बातचीत हुई है, वे प्रशासनिक कार्रवाई में सहयोग को राजी हैं।
जब मलारी इन के मालिक टी सिंह राणा ने सरकार से बातचीत की बात स्वीकार करते कहा- सरकार बद्रीनाथ जैसा मुआवजा देने को राजी नहीं है, वह मार्केट रेट पर मुआवजा देगी। हमने कहा कि रेट बता कर होटल गिरा दीजिए, उन्होंने रेट नहीं बताया। हम भी यहां से नहीं हटेंगे।
जोशीमठ से आज के अपडेट्स
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा में भी मकानों में भी दरारें आ गई हैं।
जोशीमठ के ऊपरी इलाकों में बारिश शुरू, बद्रीनाथ में बर्फबारी भी हो रही।
होटल मलारी इन के सामने होटल मालिक का परिवार सड़क पर लेटकर प्रदर्शन कर रहा था। सचिव सुंदरम ने कहा कि इन लोगों से बातचीत हो गई है।
चमोली कलेक्टर हिमांशु खुराना के मुताबिक कर्णप्रयाग के बहुगुणा में IIT रुड़की की टीम स्टडी कर रही है। उनकी रिपोर्ट के बाद जरूरी कदम उठाएंगे।
उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास ठीक तरह से हो ये हमारी प्राथमिकता है। हम चाहेंगे कि सभी तक जल्द से जल्द अंतरिम राहत पहुंचाने को काम कर रहे हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने CM पुष्कर सिंह धामी से जोशीमठ की स्थिति की जानकारी ली।
CM के सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम ने बुधवार को जिला प्रशासन और जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनसे बैठक की।
धरने पर बैठे होटल मालिक ने कहा- सरकार हमें मरने को छोड़ रही
मलारी इन का मालिक राणा परिवार मुआवजे की मांग को होटल के बाहर बैठा था। एक और होटल संचालक लालमणि सेमवाल ने कहा कि जब जोशीमठ से लोग पलायन कर रहे थे। सुख-सुविधाएं नहीं थीं,तब यहां जीवनभर की पूंजी से ये होटल खड़ा किया। आज वक्त की गाज गिर रही है। सरकार हमें मरने को छोड़ रही है।
हर साल धंस रहा जोशीमठ और आस-पास का इलाका
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के दो साल की स्टडी में आया कि जोशीमठ और इसके आसपास के क्षेत्र में हर साल 2.5 इंच गति से जमीन धंस रही थी। देहरादून स्थित संस्थान ने सैटेलाइट डेटा से यह अध्ययन किया है। जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पूरा क्षेत्र धीरे-धीरे धंस रहा है। धंसने वाला क्षेत्र जोशीमठ तक ही नहीं, पूरी घाटी में फैला है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जोशीमठ में सूक्ष्म भूकंप अवलोकन प्रणाली स्थापित होगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार से माइक्रो सीसमिक ऑब्जर्वेशन प्रणाली शुरू है। जोशीमठ बेहद संवेदनशील भूकंप जोन 5 में है। लगातार भूंकपीय तनाव बना रहता है।
गूगल अर्थ से लिए गए फोटो- इनमें जोशीमठ में दिसंबर 2006 (बाएं) और नवंबर 2022 के बीच इमारतों और बुनियादी ढांचे का बदलाव दिखाई दे रहा है।
स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स (SDRF) इन होटलों को स्टेप-बाय-स्टेप गिराने की योजना पर काम कर रहा है। दोनों होटल झुके हैं। इन्हें हाथ से ही गिरायेंगें। विस्फोटक इस्तेमाल नहीं होगा। गिराने का काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की की निगरानी में होगा। CBRI चीफ साइंटिस्ट डीपी कानूनगो ने कहा कि होटल रिपेयर नहीं हो सकता। गिराना ही पड़ेगा। लैंडस्लाइड से होटल के फाउंडेशन पर असर पड़ा।दो होटलों के बीच रास्ता लगभग 1.5 फीट से 2 फीट है और काफी खतरनाक है।
सबसे पहले होटलों से सामान बाहर निकलेगा। किसी भी तरह की जनहानि रोकने पर प्रशासन का पूरा ध्यान है। मंगलवार को होटल गिराए जाने की कार्रवाई स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रूकी थी। यहां मकानों में दरारें आने पर एक्सपर्ट टीम ने होटल गिराने का फैसला लिया है। दोनों 5-6 मंजिला हैं।
लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने को कहा
SDRF के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि सबसे पहले होटल का ऊपरी हिस्सा गिराया जाएगा। होटलों के आसपास मकान होने से गिराना जरूरी है। होटल और ज्यादा धंसे तो गिरेंगे। SDRF तैनात है। लाउडस्पीकर से लोगों को सुरक्षित जगह जाने को कहा गया हैं।
उत्तराखंड के DGP ने कहा- अभी 678 इमारतें असुरक्षित हैं। ज्यादातर इमारतें खाली करा ली हैं। प्रक्रिया जारी है। पूरे इलाके की साइंटिफिक स्टडी हो चुकी और कुछ इलाके सील भी होंगें।
होटल मलारी इन को गिराया जाना है। मंगलवार को SDRF ने इसका जायजा लिया।
होटल माउंट व्यू एक तरफ झुक गया है। इसे गिराया नहीं गया तो आसपास के घरों को नुकसान होगा।जोशीमठ में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। मुआवजे और पुनर्वास के अलावा वो जोशीमठ बचाने की मांग कर रहे हैं ।
सुप्रीम कोर्ट में 16 जनवरी को सुनवाई
इस मामले पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट से अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लोकतंत्र के जरिए चुने गए संस्थान है, जो इस मामले को देख रहे हैं। हर मामला हमारे पास लाना जरूरी नहीं।
जोशीमठ के डेंजर जोन में स्थित मकान की तस्वीर। इसमें बड़ी-बड़ी दरारें साफ दिखाई दे रही हैं।
दरार वाले मकान गिराने की सिफारिश
राज्य सरकार ने जोशीमठ तीन जोन डेंजर, बफर और सेफ जोन में बांटा है। डेंजर जोन में ऐसे मकान होंगे जो ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं। ऐसे मकानों को मैन्युअली गिराया जाएगा, जबकि सेफ जोन में वैसे घर होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और जिसके टूटने की आशंका बेहद कम है। बफर जोन में वो मकान होंगे, जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारें बढ़ने का खतरा है। एक्सपर्ट्स दरार वाले मकानों को गिराने की सिफारिश कर चुके ।
लैंडस्लाइड से हमारा कोई लेना-देना नहीं- NTPC
राज्य की पावर प्रोड्यूसर कंपनी NTPC ने कहा है कि तपोवन विष्णुगढ़ प्रोजेक्ट का जोशीमठ में हो रहे लैंडस्लाइड से कोई लेना-देना नहीं है। बता दें कि जोशीमठ लैंडस्लाइड के लिए NTPC के एक हाइड्रो प्रोजेक्ट को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि NTPC के हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए सुरंग खोदी गई, जिस वजह से शहर धंस रहा है। हालांकि NTPC ने इन सब बातों को खारिज कर दिया है।
जोशीमठ में अब तक 68 परिवारों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।जोशीमठ में मकानों में दरार आने के चलते कई लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं।
जोशीमठ में जमीन धंसने के चलते वहां मौजूद एक मंदिर गिर गया।
जोशीमठ के मकानों पर लाल क्रॉस
जोशीमठ के सिंधी गांधीनगर और मनोहर बाग एरिया डेंजर जोन में हैं। यहां के मकानों पर रेड क्रॉस लगाए गए हैं। प्रशासन ने इन मकानों को रहने लायक नहीं बताया है। चमोली DM हिमांशु खुराना ने बताया कि जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन बैन हो गया है।
ज्यादातर लोग डर के चलते घर के बाहर ही रह रहे हैं। किराएदार भी लैंड स्लाइड के डर से घर छोड़कर चले गए हैं। अभी तक 70 परिवारों को हटाया गया है। बाकियों को हटाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे रिलीफ कैंप में चले जाएं।
डेंजर जोन में आए सभी मकानों पर रेड क्रॉस मार्क लगाया गया है। ये घर अब रहने लायक नहीं हैं।
उत्तराखंड के जोशीमठ पर डूबने का खतरा:बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार के कई घर-दुकानों और होटलों में दरारें
वैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की पांच मेंबर वाली टीम पहले दरारों की जांच कर चुकी है।
चार धाम के प्रमुख धाम बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार कहलाने वाले उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशी मठ के शहर पर डूबने का खतरा है। यहां एक साल में करीब 500 घरों, दुकानों और होटलों में दरारें आई हैं। इस वजह से यह रहने योग्य भी नहीं बचे हैं। शहर के लोगों की आंदोलन की चेतावनी के बाद मंगलवार को प्रशासन ने भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की।तेजी से धंसने लगे हैं उत्तराखंड के पहाड़:देश के सबसे लंबे जोशीमठ-औली रोप वे पर खतरा
उत्तराखंड के जोशीमठ में पहाड़ धंस रहे हैं। जोशीमठ और मशहूर स्की रिसोर्ट औली के बीच देश के सबसे लंबे 4.15 किमी के रोप-वे पर खतरा मंडरा रहा है। रोप-वे के टावरों के पास भूस्खलन शुरू हो चुका है। पहाड़ खिसकने से डेढ़ सौ से ज्यादा रिहायशी मकानों में दरारें आ गई हैं। जोशीमठ में 36 परिवारों को शिफ्ट किया गया है।
जोशीमठ में 500 से ज्यादा घरों में दरारें, एशिया का सबसे लंबा रोपवे बंद
सरकार की कार्यशैली से नाराज लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर प्रोटेस्ट किया।
जोशीमठ में बने 500 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी हैं। अब तक 66 परिवार पलायन कर चुके हैं। सुरक्षा के मद्देनजर 38 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जमीन धंसने के बाद जोशीमठ में एशिया का सबसे लंबा रोपवे बंद करने का फैसला लिया गया है।
जोशीमठ में बनेगा अस्थायी पुनर्वास केंद्र:CM धामी ने कहा- डेंजर जोन को तत्काल खाली कराएं
उत्तराखंड के जोशीमठ में एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हाई लेवल मीटिंग में कहा कि सुरक्षित जगह पर यह पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। साथ ही, उन्होंने डेंजर जोन को तत्काल खाली कराने के लिए कहा।