भोले बाबा किस तरह बच रहा पुलिस एक्शन से?प्राथमिकी में नाम नहीं,सामाजिक प्रभाव

FIR में नाम नहीं, पिछड़ी बिरादरियों में प्रभाव… जानें- क्यों आसान नहीं है भोले बाबा के खिलाफ एक्शन
Bhole Baba Hathras: पुलिस के शीर्षस्थ सूत्रों के मुताबिक भोले बाबा पर जितने पुराने केस मीडिया में बताए जा रहे हैं, दरअसल उसमें से एक भी मामला सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि पर दर्ज नहीं है. सिर्फ साल 2000 में बाबा के ऊपर एक मृत लड़की को जिंदा करने की कोशिशों के लिए 2 दिन तक उसकी लाश रखने और उस पर झाड़ फूंककर जिंदा करने की कोशिश का एक आरोप था, जिसमें बाबा को जेल भी हुई
नारायण साकार उर्फ भोले बाबा
कुमार अभिषेक
लखनऊ, 05 जुलाई 2024, हाथरस में सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बावजूद बाबा के खिलाफ सीधी कार्रवाई मुश्किल दिख रही है. इसकी वजह साफ है कि भोले बाबा पर इस मामले में कोई नामांकित FIR नहीं हुई है. FIR में नाम न होने के साथ ही इस घटना के जिम्मेदार लोगों में भी मुख्य आरोपित के तौर पर बाबा का नाम न होने से नारायण साकार हरि के खिलाफ मामला कमजोर होता दिख रहा है. इतना ही नहीं, पुलिस बाबा के खिलाफ कोई पुराना मामला भी नहीं ढूंढ पाई है.

पुलिस के शीर्षस्थ सूत्रों के मुताबिक भोले बाबा पर जितने पुराने केस मीडिया में बताए जा रहे हैं,दरअसल उसमें से एक भी मामला सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि पर अंकित नहीं है.सिर्फ साल 2000 में बाबा के ऊपर अपनी गोद ली मृत लड़की का शव  2 दिन अपने पास रख उस पर झाड़ फूंककर जिंदा करने की कोशिश का आरोप था, जिसमें बाबा को जेल भी हुई, लेकिन वह केस अब खत्म हो चुका.इस केस में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है. इसके अलावा नारायण साकार हरि पर अभी तक पुलिस को दूसरा कोई केस हाथ नहीं लगा है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जब नारायण साकार हरि पर कार्रवाई के बारे में सवाल पूछा गया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली FIR के बाद जांच में कुछ भी आगे आएगा, तो उसे FIR में शामिल किया जाएगा,लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाबा नारायण साकार हरि पर कार्रवाई को लेकर कुछ नहीं कहा.

FIR में सिर्फ सेवादारों का नाम

अलीगढ़ रेंज के आईजी शलभ माथुर ने भी मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रथम दृष्टया सेवादारों की भूमिका सामने आ रही है,इसलिए FIR में सिर्फ सेवादारों का नाम है.राहुल गांधी से लेकर जितने भी बड़े नेता हैं,किसी ने भी बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं की.ना ही उनकी गिरफ्तारी का कोई दबाव सरकार पर बना हुआ है,ऐसे में सभी कार्रवाई बाबा के सेवादारों की तरफ होती दिख रही है और उसमें भी पकड़े गए सेवादार ज्यादातर एक जाति विशेष के हैं

दुर्घटना बाद बाबा अंडरग्राउंड

बाबा निसंदेह अभी अंडरग्राउंड है,बाबा की लोकेशन लोगों को ना मिल रही,लेकिन बाबा के खिलाफ कोई सीधी कार्रवाई होती दिखाई भी नहीं दे रही है.सभी गिरफ्तार छह लोग बाबा के सेवादार हैं.लेकिन नारायण साकार हरि पर कोई आरोप या मामला अभी तक अंकित नहीं हुआ.

नारायण साकार हरि के भक्त इस बिरादरी के

सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के भक्त और समर्थक सबसे ज्यादा जाटव और दलित बिरादरी में हैं.विधायक,सांसद, मंत्री और अधिकारी से लेकर सेना-पैरा मिलिट्री के जवान तक बाबा के भक्तों में सम्मिलित हैं,दलित बिरादरी की सबसे बड़ी जाति जाटव बाबा के सबसे बड़े भक्तों में से एक हैं, राजनीतिक उसके मंच की शोभा बढ़ाते रहे हैं और बिरादरी पर पकड़ की दृष्टि से बाबा का प्रभाव बहुत ज्यादा माना जाता है.

किस कारण एक्शन से डर रही है सरकार?

सरकार को इस बात का भी डर है कि उनके खिलाफ कार्रवाई से कहीं दलितों में गुस्सा और रोष न फैल जाए. नारायण साकार हरि के हर महीने के पहले मंगलवार को होने वाले विशाल सत्संग में लाखों की भीड़ जुटती है और इसमें 90 प्रतिशत से ज्यादा दलित और अति पिछड़ी बिरादरियां होती हैं.आगरा में जिन 17 लोगों की मौत हुई, उसमें से 14 महिलाएं अकेले जाटव हैं.जबकि तीन मल्लाह बिरादरी की.बाबा भक्त एक पूर्व आईपीएस ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कहा कि जैसा प्रभाव बाबा का है,इसने दलितों में धर्मांतरण भी रोका है.यानी वो दलित जो बहुत तेजी से बौद्ध या ईसाइयत की तरफ झुक रहे थे,इन इलाकों में बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग और प्रभाव से यह रुका है. ऐसे में कोई भी सरकार और राजनीतिक दल कार्रवाई करने के पहले कई बार सोचेगी.

Stampede Bsp Supremo Mayawati Angry On Bhole Baba Narayan Sakar Hari Suggestion To Dalits
भोले बाबा पर भड़कीं मायावती, BSP सुप्रीमो ने दलितों-गरीबों को हाथरस जैसे कांड से बचने का मंत्र बता दिया
मायावती ने हाथरस में हुए भगदड़ कांड पर दुख जाहिर करते हुए नारायण साकार हरि भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने दलितों और गरीबों को ऐसे बाबाओं के चक्कर में नहीं पड़कर बाबा भीमराव आम्बेडकर के रास्तों पर चलकर तकदीर बदलने की बात कही है।

मायावती ने की नारायण साकार के खिलाफ ऐक्शन की अपील
दलितों को बाबासाहेब आंबेडकर के रास्ते पर चलने की सलाह
दलितों को दी बसपा से जुड़कर खुद तकदीर बदलने की सलाह
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने हाथरस में हुए भगदड़ (Hathras Stampede) कांड पर दुख जाहिर करते हुए नारायण साकार हरि भोले बाबा (Bhole Baba) के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने दलितों और गरीबों को ऐसे बाबाओं के चक्कर में नहीं पड़कर बाबा भीमराव आम्बेडकर के रास्तों पर चलकर तकदीर बदलने की बात कही है।
मायावती ने शनिवार को किए ट्वीट में कहा कि देश में गरीबों, दलितों और पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी और अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अंधविश्वास और पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख और पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए। यही सलाह है।

हाथरस जैसे कांड से बचने का मंत्र
उन्होंने आगे लिखा कि बल्कि बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी अर्थात् इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे कांडों से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिन्ताजनक है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हाथरस कांड में बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी। इस मामले में सरकार को अपने राजनैतिक स्वार्थ में ढ़ीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गवांनी पडे़।

केवल क्षतिपूर्ति की मांग, दोषी को दंड की मांग नहीं…भोले बाबा पर मौन क्यों हैं राजनीतिक पार्टियां?

जिस भोले बाबा उर्फ नारायण हरि साकार के सत्संग में 121 लोगों की जान चली गई. उसके खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं हुआ है. राजनीतिक पार्टियां केवल मुआवजे की बात कर रही हैं लेकिन कोई उस बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं कर रहा है. आखिर ऐसा क्या है कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर मौन हैं. बसपा भी अब तक मौन रही और लाभ-हानि का आकलन कर अब मायावती ने मुंह खोला है।

सिर्फ मुआवजा, एक्शन की मांग नहीं…भोले बाबा पर मौन क्यों हैं राजनीतिक पार्टियां?
भोले बाबा पर मौन क्यों हैं राजनीतिक पार्टियां?

राहुल गांधी ने आज पहले हाथरस और फिर अलीगढ़ का दौरा किया. कांग्रेस नेता इस घटना में मृतकों के परिवारों से मिले. उन्होंने कहा- दुख की बात है, बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है. काफी लोगों की मृत्यु हुई है, प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई है. राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अपील की है. उन्होंने कहा कि मुआवजा सही मिलना चाहिए. मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से विनती करता हूं कि दिल खोलकर मुआवजा दें. लेकिन राहुल गांधी ने नारायण हरि सरकार के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला. उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई! उत्तर प्रदेश उन्हें क्यों बचा रही है! कांग्रेस नेता राहुल गांधी मौन रहे.

हाथरस में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो चुकी है. जिस भोले बाबा उर्फ नारायण हरि साकार के सत्संग में लोग मारे गए उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ है. हैरानी की बात ये है कि इस मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष में एकता हो गई है. मतलब दोनों पक्ष एक हो गए हैं. न भाजपा, न बसपा और न ही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आखिर ऐसा क्या है कि सभी राजनैतिक पार्टियां इस पर एक हैं. इसके पीछे वोट बैंक की पॉलिटिक्स है. सबको फिक्र दलित वोटरों के नाराज होने की है. इसीलिए समाजवादी पार्टी इस मामले में भाजपा सरकार को दोषी मान रही है. जबकि भाजपा अखिलेश यादव और बाबा के संबंध उछाल रही है.

उप्र में दलित जाटव बिरादरी के 11 प्रतिशत वोटर
बाबा उर्फ नारायण हरि साकार जब यूपी पुलिस में थे, उनका नाम सूरजपाल सिंह था. कासगंज जिले के रहने वाले बाबा दलित जाटव बिरादरी के हैं. यूपी में इस जाति के 11 प्रतिशत वोटर हैं. बाबा को मानने वाले अधिकतर लोग पिछड़े और दलित समाज के हैं. पश्चिमी यूपी के नौ जिले के लाखों लोग उनके समर्थक हैं. उनके सत्संग में जाते रहते हैं. हर महीने के पहले मंगलवार को किसी न किसी जगह पर उनका सत्संग होता है. जिसमें हजारों लोग आते हैं. बाबा का किसी भी राजनैतिक दल से कोई खास संबंध नहीं रहा है.

सार्वजनिक रूप से अखिलेश यादव पिछले साल इटावा में बाबा के सत्संग में शामिल हुए थे. तब उन्होंने नारायण हरि साकार को बड़ा संत बताया था. अखिलेश यादव ने हाथरस की घटना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. लखनऊ में उन्होंने कहा कि बाबा के सत्संग तो होते रहते हैं. कभी कोई ऐसी घटना नहीं हुई. ये सब सरकार और प्रशासन के कारण हुआ है.

चंद्रशेखर रावण का स्टेंड 

आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर रावण ने लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.चंद्रशेखर की तरह बाबा भी जाटव बिरादरी से हैं. हाथरस में इतने लोगों की जान जाने के बाद भी पीड़ित परिवार बाबा को कसूरवार नहीं मानता. दलित समाज में बाबा की इसी जबरदस्त पकड़ के कारण सभी राजनैतिक पार्टियां मुआवजे की राजनीति से आगे नहीं बढ़ने के मूड में हैं

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