वीडियोकॉन लोन मामले में गिरफ्तार है पति कोचर के साथ चंदा
क्या है Videocon loan case जिसमें फंसी है चंदा कोचर, करोड़ों के खेल में CBI ने कस रखा है शिकंजा
Videocon loan case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक विशेष अदालत ने शनिवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ-एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 26 दिसंबर, सोमवार तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। इन्हें हजारों करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में गिरफ्तार किया गया है
Videocon loan case: चंदा कोचर (Chanda Kochhar) आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ-एमडी, एक समय में बैंकिंग सेक्टर में बड़ा नाम, चर्चित चेहरा…अब सीबीआई के शिकंजे में हैं। चंदा कोचर के साथ-साथ उनके पति भी फिलहाल सीबीआई की हिरासत में है। सीबीआई ने उन्हें वीडियोकॉन लोन केस में गिरफ्तार किया है। जहां उनसे पूछताछ जारी है।
क्या है वीडियोकॉन लोन केस
2019 में जारी एक प्राथमिकी में सीबीआई ने कहा कि आरोपी चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देते हुए कुछ निजी कंपनियों को लोन मंजूर किए थे। सितंबर 2020 में, प्रवर्तन निदेशालय ने उनके पति दीपक कोचर को ICICI-वीडियोकॉन ऋण मामले में मुख्य आरोपियों में से एक बताया।
कैसे हुआ खेल
चंदा कोचर ने नियमों को ताक पर रखकर, वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ का लोन दिया था। इस प्रक्रिया में आईसीआईसीआई बैंक और आरबीआई के नियमों की अनदेखी की गई थी। बदले में दीपक कोचर की कंपनी में वीडियोकॉन के प्रमोटर ने काफी निवेश किया था। जानकारी के अनुसार नूपावर रिन्यूएबल- जिसके मालिक दीपक कोचर थे, में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने 2012 में लोन पास करने के बाद 64 करोड़ का निवेश किया था। मतलब पत्नी ने 3250 करोड़ का लोन मंजूर किया और बदले में 64 करोड़ उनकी कंपनी में आ गए।
फिर हुआ बड़ा खेल
चंदा कोचर ने जो लोन वीडियोकॉन को दिया था वो NPA में बदल गया। इसके बाद इस मामले की जांच शुरू हुई और चंदा कोचर सवालों के घेरे में आ गईं। इसे बैंक धोखाधड़ी बताया गया। अक्टूबर 2018 में, चंदा कोचर ने बैंक के सीईओ और एमडी का पद छोड़ दिया। सीबीआई ने इस मामले में 2019 में केस दर्ज किया और आरोपित के रूप में चंदा कोचर और दीपक कोचर के नाम को शामिल कर लिया।