आईआईटी जोधपुर में 37वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘प्लाज्मा-2022’ 14 दिसंबर तक

आईआईटी जोधपुर ने प्लाज्मा विज्ञान पर 37वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया

Ø संगोष्ठी का उद्घाटन परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर आर चिदंबरम ने किया

Ø यह कार्यक्रम 12 से 14 दिसंबर 2022 तक प्लाज़्मा साइंस सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के सहयोग से आयोजित किया गया है।

Ø इस संगोष्ठी में डीएई, सीएसआईआर, डीआरडीओ, इसरो, डीएसटी, डीआईईटी और शैक्षणिक संस्थानों की विभिन्न अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं ने भाग लिया।

देहरादून, 13-दिसम्बर-2022:- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर का भौतिकी विभाग प्लाज्मा साइंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीएसएसआई) के सहयोग से 12 से 14 दिसंबर 2022 तक प्लाज्मा विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित 37वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी (प्लाज्मा -2022) का आयोजन कर रहा है । इस संगोष्ठी का उद्देश्य प्लाज्मा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे युवा तथा वरिष्ठ शोधकर्ताओं को प्रेरित करना है । संगोष्ठी में मुख्य भाषण, विस्तृत वार्ता, प्रख्यात वैज्ञानिकों से आमंत्रित वार्ता के साथ-साथ शोध विद्वानों और अन्य प्रतिभागियों की मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतियां शामिल हैं। संगोष्ठी प्लाज्मा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं को भारत के प्रतिष्ठित प्लाज्मा वैज्ञानिकों के साथ वार्तालाप करने और उनके शोध कार्य को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी । परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) इत्यादि की विभिन्न अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी), विभिन्न इंजीनियरिंग महाविद्यालयों आदि जैसे अकादमिक संस्थानों से भागीदारी की उम्मीद है ।

यह सर्वविदित है कि पिछले कुछ दशकों में, सामान्य रूप से प्लाज्मा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के परिदृश्य और विशेष रूप से नियंत्रित थर्मोन्यूक्लियर संलयन में विस्तृत रूपांतरण हुआ है । निरंतर बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और प्राकृतिक प्रक्रियाओं के साथ सामंजस्य बनाए रखने के लिए परमाणु संलयन रिएक्टरों के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रयोगशालाओं में अंतरिक्ष और एस्ट्रोफिजिकल प्लाज्मा में बुनियादी प्लाज्मा प्रक्रियाओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के अलावा प्लाज्मा के औद्योगिक अनुप्रयोगों ने माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स, नई सामग्री, पर्यावरण और ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की उन्नति में एक वास्तविक क्रांति ला दी है, जो गुणवत्ता में सुधार करने में योगदान प्रदान कर रही है । ।

प्लाज्मा-2022 की थीम – “सतत विकास के लिए प्लाज्मा प्रौद्योगिकियां” है । हम 21वीं सदी के युग में हैं जहां आधुनिक तकनीकों ने काम को आसान बनाने में मदद की है किंतु हमारे निरंतर प्रयासों के बावजूद भी बढ़ती आबादी और मानव प्रजाति के लिए संसाधनों को स्थायी तरीके से पूरा करना प्रमुख चुनौती है । इसके साथ-साथ खाद्य पदार्थों की कमी, बढ़ते स्वास्थ्य जोखिम, आधुनिक ऊर्जा ईंधन की कमी, उच्च कार्बन उत्सर्जन के कारण पर्यावरणीय क्षति आदि कुछ चिंताएँ हैं । प्लाज्मा-2022 में शामिल मुख्य विषय हैं: परमाणु संलयन और प्रौद्योगिकी, औद्योगिक प्लाज्मा अनुप्रयोग, लेजर प्लाज्मा, प्लाज्मा प्रसंस्करण, अंतरिक्ष और खगोल भौतिकी प्लाज्मा, बेसिक प्लाज़्मा, क्रॉस डिसिप्लिनरी, एक्सोटिक प्लाज़्मा (डस्टी प्लाज़्मा शामिल है), प्लाज़्मा डायग्नोस्टिक्स, स्पंदित शक्ति, थ्योरी और प्लाज्मा सिमुलेशन ।

 

इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि: डॉक्टर आर चिदंबरम, पूर्व अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार । विशिष्ट अतिथि: प्रोफेसर बिमला बूटी, पूर्व सीनियर प्रोफेसर, पीआरएल, अहमदाबाद और अध्यक्ष बूटी फाउंडेशन, विशिष्ट अतिथि: प्रोफेसर वाई.सी. सक्सेना, पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर और सलाहकार आईटीईआर-इंडिया, आईपीआर, गांधीनगर । स्वागत भाषण: प्रोफेसर शांतनु चौधुरी, निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर ।

मुख्य वक्ता: प्रोफेसर अविनाश खरे, कुलपति, एससीयू, सिक्किम । डॉक्टर अरुण शर्मा, डीजी, नेक्टर, दिल्ली । प्रोफेसर शिशिर देशपांडे, आईपीआर, गांधीनगर । प्रोफेसर अमिता दास, आईआईटी दिल्ली । प्रोफेसर सुदीप सेनगुप्ता, आईपीआर गांधीनगर । प्रोफेसर सुब्रतो मुखर्जी, पूर्व प्रमुख, एफसीआईपीटी-आईपीआर गांधीनगर । डॉक्टर रोहित शुक्ला, बीएआरसी, विजाग । प्रोफेसर नरेशपाल सिंह सैनी, जीएनडीयू, अमृतसर और अध्यक्ष पीएसएसआई । प्रोफेसर दिब्येंदु चक्रवर्ती, पीआरएल, अहमदाबाद । डॉक्टर पियाली चटर्जी, आईआईए, बेंगलुरु । डॉक्टर पी. के. अत्रे, आईपीआर गांधीनगर । डॉक्टर अमित डी. लाड टीआईएफआर मुंबई। डॉक्टर जे.ए. चकेरा, आरआरसीएटी इंदौर के साथ कई और वैज्ञानिक भी संगोष्ठी में भाग लेने जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *