आईआईटी मद्रास ने सड़क सुरक्षा को एसएनएस फाऊंडेशन से की भागीदारी
आईआईटी मद्रास के सेंटर आफ एक्सीलेंस फाॅर रोड सेफ्टी ने अभूतपूर्व तकनीक से सड़क सुरक्षा पर शोध और सुधार के लिए एसएनएस फाउंडेशन से भागीदारी की
भागीदारी में दो मुद्दों पर ज़ोर दिया जाएगा। इनमें एक सिमुलेटर और ऐप्स के माध्यम से 2,000़ स्कूल बस चालकों को प्रशिक्षित करना और दूसरा खास कर भारतीय सड़कों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एडवांस्ड ड्राइवर एसिस्ट सिस्टम (एडीएएस) के नए विचारों की पहचान करना और उन्हें साकार करने में सहयोग देना है।
देहरादून, 10 मार्च 2023: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) के सेंटर आफ एक्सीलेंस फार रोड सेफ्टी (सीओईआरएस) ने एसएनएस फाउंडेशन से एक अहम भागीदारी की है जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा में मानव व्यवहार के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान और विकास करना और संबंधित भागीदारों की क्षमता और सफलता बढ़ाना है।
सीओईआरएस, आईआईटी मद्रास और एसएनएस फाउंडेशन के बीच 1 मार्च 2023 को इस सहयोग करार पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें निकट भविष्य में लगभग 2000 चालकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
इस सहयोग के आरंभ पर श्री. एस सारथी, ग्रुप प्रेसिडेंट, आनंद ग्रुप, ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, मेसर्स एचएल एमएआईएल ने कहा, “हम सेफ्टी सिस्टम में ऑटोमोटिव कंपोनेंट निर्माता होने के नाते सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मृत्यु की संख्या देख कर बहुत चिंतित हैं। एक संगठन के रूप में हम अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हैं। इसलिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फाॅर रोड सेफ्टी (सीओईआरएस) से इस भागीदारी पर बहुत खुश हैं। इसमें हम भारत में सड़क सुरक्षा के भागीदारों की क्षमता और सफलता बढ़ाने के प्रत्यक्ष प्रयास करेंगे। हमें विश्वास है कि भारतीय सड़कों की सुरक्षा बढ़ाने के इस सफर में हम लंबे समय तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’
इस सहयोग से लक्षित मुख्य परिणाम:
सिम्युलेटर आधारित करिकुलम तैयार और प्रदान कर सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देना, चेन्नई और आसपास के स्कूल और कॉलेज बसों और वैन चालकों को सही तौर-तरीकों और व्यवहार का प्रशिक्षण देना ताकि वे उनके साथ यात्रा करने वाले अपरिपक्व उम्र के बच्चों में सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने की आदत डालें।
सीओईआरएस इकोसिस्टम में सड़क सुरक्षा के नए विचारों को बढ़ावा देते हुए उन्हें प्रोडक्ट का रूप देना। इसके लिए हैकथॉन आयोजित कर संभावनाओं से भरपूर नए विचारों की पहचान करना और उन्हें विकसित कर प्रोटोटाइप स्टेज पर ले जाना।
आईआईटी मद्रास के डीन (इंडस्ट्रियल कंसल्टेंसी एवं स्पॉन्सर्ड रिसर्च) प्रोफेसर मनु संथानम ने ऐसे सहयोगों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “हाल में समाचार मीडिया में यह खबर सुर्खियों में रही है कि अच्छी सड़कों के बावजूद काफी सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। सिर्फ तमिलनाडु नहीं बल्कि पूरे भारत में ऐसी कई दुर्घटनाएं हुई हैं जिन्हें टाला जा सकता था परंतु इनके चलते लोगों की जानें गई हैं। इसलिए वाहन चालकों के तौर-तरीकों में गंभीर सुधार अपेक्षित है और साथ ही, वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने पर भी ज़ोर देना ज़रूरी है।’’
प्रोफेसर मनु संथानम ने कहा, ‘‘हमें जन-जन को जागरूक करना होगा कि सड़क संसाधनों का कैसे उपयोग करें। इसके लिए नीतिगत मामलों सहित विभिन्न स्तरों पर कई प्रयास जारी हैं। मुझे विश्वास है कि इस सहयोग से आईआईटी मद्रास के शोध में वाहन चालकों के तौर-तरीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और सुरक्षित वाहन परिचालन के लिए क्या आवश्यक है यह समझने में लोगों की मदद की जाएगी। हमें विभिन्न प्रयासों को आपस में जोड़ कर सुरक्षा पर अधिक काम करना है। यह सड़कों को दुर्घटनाशून्य बनाने के रास्ते में सभी चुनौतियों को सामने रखने का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फाॅर रोड सेफ्टी के लिए बड़ा अवसर है।’’
इस पहल के समन्वयक प्रोफेसर वेंकटेश बालासुब्रमण्यन, प्रमुख, सीओईआरएस और प्रोफेसर, आरबीजी लैब्स, इंजीनियरिंग डिजाइन विभाग, आईआईटी मद्रास ने इस सहयोग के बारे में बताया, “सड़क सुरक्षा के प्रमुख घटक हैं वाहन, बुनियादी ढांचा और मनुष्य का दोनों से परस्पर संपर्क। वाहन और सड़कों की इंजीनियरिंग पर महत्वपूर्ण अनुसंधान और विकास हुआ है लेकिन मनुष्य के व्यवहार संबंधी पहलुओं में सुधार करने का यह बड़ा अवसर सामने आया है। हम इस सहयोग से वाहन चालकों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं जो इसके बाद उनके साथ स्कूल जाते अपरिपक्व उम्र के बच्चों को सड़क पर चलने का प्रशिक्षण देंगे। हमें उम्मीद है कि इस प्रयास से न केवल प्रशिक्षण के प्रतिभागियों का विकास होगा बल्कि लाजिस्टिक्स सेक्टर के वाहन चालकों के लिए भी, विशेष रूप से अपरिपक्व उम्र के बच्चों के मद्देनजर, एक वाहन चालक प्रशिक्षण नियमावली तैयार करने में मदद मिलेगी।’’.