अवैध धर्मांतरण: 20 करोड़ का हिसाब नहीं, मौलाना कलीम के तीन साथी बंदी

मेरठ…अवैध धर्मांतरण में मौलाना कलीम के 3 साथी गिरफ्तार:यूपी ATS ने कहा- विदेशों से हवाला के जरिए हुई 20 करोड़ की फंडिंग; वेस्ट यूपी में निशाने पर कलीम के कई साथी

मेरठ 26 सितंबर।हाफिज इदरीश, मोहम्मद सलीम और कुणाल उर्फ आतिफ के खातों में 20 करोड़ रुपए हवाला के जरिए विदेशों से फंडिंग हुई है।

मेरठ से रविवार को ATS(आतंकवाद निरोधक दस्ते) ने अवैध धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले में लिप्त तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें हाफिज इदरीश, मोहम्मद सलीम और कुणाल उर्फ आतिफ शामिल है। इनके खातों में 20 करोड़ रुपए हवाला के जरिए विदेशों से फंडिंग हुई है। ये लोग इसका ब्योरा ATS को नहीं दे पाए।

बता दें, बीते 5 दिन पहले अवैध धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग में पकड़े गए नेशनल स्कॉलर मौलाना कलीम से पूछताछ के बाद इनकी गिरफ्तारी हो सकी है।

21 सितंबर को मौलाना कलीम हुआ था गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर जिले के फुलत गांव में जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के नाम से मदरसा है। करीब 200 बीघा जमीन पर फैला यह मदरसा देवबंद के बाद इस्लामी तालीम का दूसरा बड़ा केंद्र है। फुलत गांव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी इसी मदरसे का डायरेक्टर है। 21 सितंबर की रात को यूपी एटीएस ने नेशनल स्कॉलर मौलाना कलीम को उस समय गिरफ्तार किया जब वह मेरठ में एक कार्यक्रम में शामिल होकर निकला था। इसके बाद 22 सितंबर को एटीएस ने कहा था कि कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित जमीयते इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के विभिन्न खातों में तीन करोड़ रुपए जमा किए जाने के तथ्य मिले हैं।

हाजी इदरीश।

सलीम, इदरीश और कुणाल ने दिया मौलाना का साथ
एटीएस का कहना है कि पूछताछ में नेशनल स्कॉलर मौलाना कलीम ने बताया कि हाजी इदरीश, मोहम्मद सलीम और कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ व अन्य साथियों ने उसका सहयोग किया। अब तक कलीम के द्वारा संचालित ट्रस्ट के अलग-अलग खातों से 20 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा किए जाने के तथ्य प्राप्त हो चुके हैं। इंडियन बैंक के खाते में बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत से करीब डेढ़ करोड रुपए मिले हैं। जिनमें से एक बड़ी राशि कलीम सिद्दीकी द्वारा उसके साथ धर्मांतरण में लगे लोगों को भेजना सामने आया है।

कुणाल उर्फ डॉक्टर आतिफ

सलीम 17 साल से था इदरीश के साथ

इदरीश 20 साल से कलीम के ट्रस्ट से जुड़ा है। एटीएस का कहना है कि सलीम भी 17 साल से इदरीश के साथ धर्मांतरण के कार्य में लगा है। जबकि कुणाल चौधरी उर्फ डॉक्टर आतिफ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की परीक्षा करने के लालच के चलते मौलाना कलीम से जुड़ा। वह नासिक में अवैध मेडिकल क्लीनिक चलाता था।

इदरीश के पास है 60 लाख का घर और 2.5 लाख की बाइक

3 माह में इदरीश ने मुजफ्फरनगर में 60 लाख रुपए का रिहायशी मकान बनवाया है। इसके अलावा उसके पास ढाई लाख की एक बाइक भी है। मौलाना कलीम सिद्दीकी और इदरीश दोनों ही फुलत गांव मुजफ्फरनगर के हैं। इनकी संपत्ति मुजफ्फरनगर व दिल्ली में होने के साक्ष्य मिले हैं।

मोहम्मद सलीम।

यह हुए गिरफ्तार

मोहम्मद इदरीश कुरैशी( निवासी फुलत गांव थाना रतनपुरी जिला मुजफ्फरनगर)
मौहम्मद सलीम ( निवासी फुलत गांंव,थाना रतनपुरी जिला मुजफ्फरनगर)

कुणाल अशोक चौधरी उर्फ डॉक्टर आतिफ (निवासी विजय अपार्टमेंट आनंद नगर नासिक) हैं।

न्यू्य्यू््यू्य्यू्यू्य्य्य्यू््यू्य्यू्यू्य्यू््यू्यम

एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी से मिली जानकारियों के आधार पर उसके तीन सक्रिय सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। कलीम की संस्था जामिया ईमाम वलीउल्ला ट्रस्ट के खाते में अब तक 20 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग के साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं।

फंडिंग के कई राजफाश

मतांतरण के खेल में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी (64) से पूछताछ में विदेश से फंडिंग से लेकर हवाला नेटवर्क से जुड़े कई राज उजागर हुए हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने कलीम से पूछताछ में सामने आई जानकारियों के आधार पर की गई छानबीन के बाद उसके तीन सक्रिय सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। कलीम की संस्था जामिया ईमाम वलीउल्ला ट्रस्ट के खाते में अब तक 20 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग के साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं। जबकि ट्रस्ट के चार से अधिक खातों की अभी छानबीन चल रही है। अवैध मतांतरण के लिए एक मदरसे का संचालन किए जाने का तथ्य भी सामने आया है। जल्द कलीम के कुछ अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार मौलाना कलीम के सहयोगी मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी मु.इदरीस कुरैशी, मुजफ्फरनगर के ग्राम फुलत निवासी मु.सलीम व नासिक निवासी कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को गिरफ्तार किया गया है। तीनों अवैध मतांतरण के सिंडिकेट से जुड़े होने के साथ ही विदेश से हवाला के जरिये भी फंडिंग कराते थे। अवैध मतांतरण के मामले में एटीएस मौलाना उमर गौतम व मौलाना कलीम समेत अब तक कुल 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

आइजी एटीएस जीके गोस्वामी के अनुसार कुणाल चौधरी मेडिकल की पढ़ाई करने रूस गया था और भारत में मेडिकल प्रेक्टिस करने के लिए एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया) की परीक्षा पास करना चाहता था। तभी वह मौलाना कलीम के संपर्क में आया था। कलीम ने उसे एमसीआइ की परीक्षा पास कराने का प्रलोभन देकर अपने चंगुल में फंसाया था और रूस में रहने के दौरान कुणाल का मतांतरण करा दिया गया। कुणाल का नाम आतिफ रखा गया था और वह करीब दो वर्षों से अवैध मतांतरण के सिंडीकेट का सक्रिय सदस्य था।

आइजी के अनुसार आतिफ एमसीआइ की परीक्षा पास नहीं कर सका था, इसके बावजूद नासिक में रहकर अपनी क्लीनिक का संचालन कर रहा था। वह क्लीनिक में आने वाले मरीजों को मतांतरण के लिए उकसाता था और उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन देकर मौलाना कलीम से उनका संपर्क कराता था। उल्लेखनीय है कि एटीएस ने 21 सितंबर को मौलाना कलीम को मेरठ से गिरफ्तार किया था और उसे पुलिस रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ शुरू की है। मौलाना कलीम के तीनों सहयोगियों को भी अवैध मतांतरण गिरोह के विरुद्ध 20 जून को एटीएस थाने में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार किया गया है।

20 वर्षों से हो रही थी मदरसे के लिए फंडिंग

: एटीएस के अनुसार आरोपित इदरीस कुरैशी मौलाना कलीम की संस्था द्वारा संचालित मदरसा जमियातुल इमाम वलीउल्लाह अल इस्लामिया से करीब 20 वर्षों से जुड़ा है। मदरसे के संचालन में मदद के साथ ही वह मदरसे के लिए फंड जुटाने का काम करता था। इस मदरसे को भी अवैध मतांतरण के एक केंद्र रूप में प्रयोग किया जा रहा था।

तीन माह में बना लिया 60 लाख का मकान :

अवैध मतांतरण के लिए विदेश तक से हो रही फंडिंग की रकम से मौलाना कलीम व उसके सहयोगी अपनी संपत्तियां बनाने में भी जुटे थे। एटीएस अधिकारियों के अनुसार इदरीस कुरैशी ने बीते तीन माह में मुजफ्फरनगर में करीब 60 लाख रुपये की लागत से मकान बनवाया था और करीब ढाई लाख रुपये की मोटरसाइकिल भी खरीदी थी। मौलाना कलीम व इदरीस की मुजफ्फरनगर व दिल्ली में कई संपत्तियां होने की बात भी सामने आई है, जिनकी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।

विदेश से मोटी रकम मिलने की बात स्वीकारी

: आइजी एटीएस का कहना है कि मौलाना कलीम ने पूछताछ में अवैध मतांतरण के लिए विदेश में बैठे सहयोगियों से मोटी रकम मिलने की बात स्वीकार की है। फंडिंग के जरिए व्यक्तिगत तौर पर काफी आर्थिक लाभ होने की बात भी स्वीकार की है।

सहयोगियों को देता था लाखों रुपये :

मौलाना कलीम के ट्रस्ट के इंडियन बैंक के खाते में बैंक आफ बहरीन एंड कुवैत से भी करीब डेढ़ करोड़ रुपये आए हैं। ट्रस्ट के खातों से बड़ी रकम मौलाना कलीम ने अपने सहयोगियों को अवैध मतांतरण कराने के लिए दी है। मु.सलीम करीब 17 वर्षों से अवैध मतांतरण कराने में इदरीस के साथ जुड़कर मौलाना कलीम का सहयोग कर रहा था। कलीम सहयोगियों को लाखों रुपये देता था।

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