जेलें पड़ी हैं खाली, दी जा रही किराये पर,जेल बदल रही रेस्टोरेंट में
दुनिया का ऐसा देश जहां अब नहीं होते अपराध! खाली जेलें चढ़ाई जा रही किराये पर, बदली जा रही रेस्टोरेंट में
हमारे देश में रोज नए-नए जुर्म की कहानियां सामने आती हैं। रोज नए अपराधियों को जेल में भरा जाता है, जिससे हमारी जेलें ओवर क्राऊडिड हैं लेकिन नीदरलैंड ऐसा देश है जहां खाली पड़ी जेलें समस्या बन गई हैं।
हाइलाइट्स
1-एक देश जहां सालों से नहीं हो रहे हैं अपराध2-इस देश की सभी जेलें खाली पड़ी हुई हैं
3-इन खाली जेलों में खोले जा रहे हैं रेस्टोरेंट
4-और देशों को किराये पर देने की भी योजना
जब किसी देश में क्राइम रेट बढ़ता है तो स्थिति किसी देश के लिए सबसे भयानक होती है। ज्यादातर देश बढते अपराधों से परेशान हैं। हमारे देश में भी क्राइम ग्राफ काफी हाई रहता है। चोरी, लूटपाट, अपरहण, हत्या, डकैती जैसे तमाम मामले रोज सामने आते हैं, लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां लगातार क्राइम का ग्राफ गिरता ही जा रहा है। जहां खाली हो गई हैं जेलें। जहां न अपराध है और न ही अपराधी।
एक देश जहां खाली पड़ी हैं जेल
ये देश है नीदरलैंड। यूरोपिय देशों में शामिल नीदरलैंड में क्राइम ग्राफ पिछले कुछ सालों में काफी ज्यादा गिर गया है। इस देश में ना के बराबर ही अपराध हो रहे हैं जिसकी वजह से यहां की जेलें पूरी खाली पड़ी हुई हैं। जब देश में अपराधी ही नहीं है तो जेलों में किसे डाला जाए। जेलों में प्रशासन काम कर रहा है। जेलर भी और और जेल को मेंटेन करने वाले दूसरे कर्मचारी भी, लेकिन नहीं है तो बस अपराधी।
जेलें बदली जा रही रेस्टोरेंट में
एक तरफ क्राइम रेट कम होना देश के लिए जहां खुशी की बात है वहीं प्रशासन के लिए जेलों को खाली होना चिंता का विषय है। जेलों के रख-रखाव और व्यवस्था पर पूरा खर्च हो रहा है, लेकिन उनका कोई इस्तेमाल नहीं है। इस बात को देखते हुए इस देश में कई जेलों को रेस्टोरेंट में तब्दील कर दिया गया है। जेलों के अंदर ही बड़े-बड़े रेस्टोरेंट खुल चुके हैं और जेल प्रशासन इन्हें चला रहा है।
विदेशों से मंगवाए जा रहे हैं अपराधी
इसके अलावा यहां का प्रशासन जेलों को किराए पर देने की भी प्लानिंग कर रहा है। ये लोग विदेशों से अपराधी मंगवाकर जेलों में भरना चाहते हैं ताकि खाली पड़ी जेलों से कुछ आमदनी हो सके। यूरोप में ही आसपास के कई देशों में क्राइम रेट काफी ज्यादा है। ऐसे में अगर नीदरलैंड की जेलों को किराए पर लिया जाए तो दोनों देशों की समस्याएं हल हो सकती है। यहां की सरकार ने नॉर्वे से कुछ साल पहले एक कॉन्ट्रेक्ट भी किया था और नार्वे से यहां अपराधियों को भेजा भी गया था।
जेलों में कैदियों को मिलती है इंटरनेट की सुविधा
नीदलैंड की जेले काफी हाइटेक हैं। यहां बंद कैदियों के लिए जेलों के अंदर सारी सुविधाओं की व्यवस्था है। यहां तक कि कैदियों को रात में इंटरनेट भी प्रोवाइड किया जाता है ताकि वो अपने बच्चों को सुलाने से पहले कहानियां सुना सकें। नीदरलैंड की गिनती दुनिया के अमीर देशों में होती है। इनकी अर्थव्यवस्था दुनिया में 15वें नंबर पर आती है । यहां की सरकार नागरिकों को बेहतर सुविधा देने के लिए हर संभव काम करती है। इस देश की जनसंख्या भी काफी कम है और यही सब वजह हैं जो यहां के क्राइम ग्राफ को काफी कम करती हैं।
स्कैंडिनेवियाई देश नीदरलैंड में क्राइम रेट इतने नीचे जा चुका कि वहां जेलों की जरूरत कम होती जा रही है. स्टेटिस्टा रिसर्च डिपार्टमेंट के मुताबिक, साल 2021 में नीदरलैंड की प्रति 1 लाख की आबादी पर लगभग 53 क्राइम हुए. साल 2020 में ये आंकड़ा 58 का था. पिछले 2 दशकों में यहां पर क्राइम का ग्राफ तेजी से कम होता जा रहा है। कैदी न होने से 2013 से यहां जेलें बंद करने की शुरुआत हो गई थी।
नीदरलैंड में होती है काफी कम सजा
अपराध कम होने के अलावा यहां की जेलों के खाली होने के कई और कारण भी है। यहां पर ज्यादातर क्राइम के लिए एक से तीन महीने तक की सजा का प्रावधान है। यानी सिर्फ मैक्सिमम तीन महीने में ही जेल खाली हो जाती हैं। इसके अलावा यहां अपराधियों को सजा देने के दूसरे तरीके अपनाएं जाते हैं। किसी अपराधी की सजा देने के लिए उसे देश के वेल्फेयर कामों से जोड़ा जाता है। जैसे अपराधियों को सड़कें बनाने, सिंचाई करने, सफाई और दूसरे कामों में लगाया जाता है और यही उसकी सजा होती है।
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