आश्चर्यजनक विश्व रिकॉर्ड:10 साल में मन मोहन 1 ट्रिलियन डॉलर तो मोदी बढ़ा गये 3

India’s Market Cap Crosses 5 Trillion Dollar First Time One Trillion Dollar Added In Just Six Months
10 साल में मनमोहन 1 ट्रिलियन तो मोदी 3… देश के शेयर मार्केट का यह विश्व रेकॉर्ड हैरान कर देगा
भारत का मार्केट कैप पांच ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया है। भारत का मार्केट कैप 2007 में पहली बार एक ट्रिलियन डॉलर पहुंचा था। इसके बाद इसे दो ट्रिलियन डॉलर पहुंचने में दस साल लग गए। लेकिन चार से पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में इसके केवल छह महीने लगे।

भारत का मार्केट कैप पहली बार 5 ट्रिलियन डॉलर के पार
4 से 5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने में लगा 6 महीने का समय
2007 में एक ट्रिलियन डॉलर पहुंचा था भारत का मार्केट कैप
दो ट्रिलियन डॉलर पहुंचने में लगा था दस साल का समय
नई दिल्ली 22 मई 2024 : भारत में सभी लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप मंगलवार को इंट्राडे ट्रेड में 5 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। इस उपलब्धि के साथ ही भारत यह मील का पत्थर हासिल करने वाला दुनिया का पांचवां शेयर बाजार बन गया। अब तक केवल अमेरिका, चीन, जापान और हॉन्ग कांन्ग ही इस लक्ष्य पर पहुंचे हैं। मंगलवार को बाजार बंद होने पर बीएसई का मार्केट कैप 414.6 लाख करोड़ रुपये था, जो 4.97 ट्रिलियन डॉलर के बराबर है। अगर हम केवल एनएसई पर लिस्टेड कुछ बड़ी कंपनियों के मार्केट कैप को ध्यान में रखें तो भारत का कुल मार्केट कैप 415.2 लाख करोड़ रुपये या 4.98 ट्रिलियन डॉलर होगा। भारत का मार्केट कैप 29 नवंबर, 2023 को चार ट्रिलियन डॉलर पहुंचा था और इसे पांच ट्रिलियन डॉलर पहुंचने में केवल छह महीने का समय लगा। भारत का मार्केट कैप मार्च 2007 में पहली बार एक ट्रिलियन डॉलर पहुंचा था। इसके बाद दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में इसे 10 साल लग गए। मई 2021 में यह तीन ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचा। इस तरह मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के मार्केट कैप में तेजी से वृद्धि हुई  है।

अमेरिका 55.7 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है। इसके बाद चीन (9.4 ट्रिलियन डॉलर), जापान (6.4 ट्रिलियन डॉलर) और हॉन्ग कॉन्ग (5.5 अरब डॉलर) का नंबर है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजय कुमार ने कहा कि पांच ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप तक पहुंचना एक बड़ी उपलब्धि है। यह भारतीय शेयर बाजार की निरंतर गति को दर्शाता है।

विजय  कुमार ने कहा, ‘यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह मील का पत्थर तब हासिल किया गया जब बाजार सीमित दायरे में था, जिसका अर्थ है कि बाजार पूंजीकरण में दिन के उछाल में योगदान व्यापक बाजार से आया। इस उपलब्धि में पीएसयू ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’ भारत ने यह उपलब्धि ऐसे समय हासिल की है जब बाजारों में अत्यधिक अस्थिरता देखी जा रही है। बाजार में अस्थिरता की थाह देने वाला इंडेक्स इंडिया VIX 17 महीने के उच्चतम स्तर पर है। विदेशी फंड जबरदस्त बिकवाली कर रहे हैं जबकि घरेलू फंड खरीदारी कर रहे हैं। वे न केवल बाजार को सहारा दे रहे हैं बल्कि इसे तेजी से आगे बढ़ाने में भी मदद कर रहे हैं।

कौन है सबसे वैल्यूएबल कंपनी
मंगलवार को सेंसेक्स 53 अंक की गिरावट के साथ 73,953 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 27 अंक की बढ़त के साथ 22,529 अंक पर बंद हुआ। सत्र के दौरान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,875 करोड़ रुपये के बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,549 करोड़ रुपये की खरीदारी की। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज 19.4 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है। इसके बाद टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टीसीएस (13.8 लाख करोड़ रुपये), एचडीएफसी बैंक (11.1 लाख करोड़ रुपये), आईसीआईसीआई बैंक (7.9 लाख करोड़ रुपये) और भारती एयरटेल (7.6 लाख करोड़ रुपये) का स्थान है।

शेयर बाजार ने छह महीने से भी कम समय में हासिल की उपलब्धि

भारत इस उपलब्धि के साथ ही अमेरिका, चीन और जापान जैसे 5 लाख करोड़ डॉलर बाजार पूंजीकरण वाले दुनिया के दिग्गज बाजारों में शामिल हो गया है।
For the first time, BSE’s mcap crossed Rs 5 lakh crore, listed companies created a stir in the stock market पहली बार BSE का एमकैप 5 लाख करोड़ के पार, लिस्टेड कंपनियों ने शेयर बाजार में मचा दिया धमाल
BSE MCap: भारत का बाजार पूंजीकरण आज 5 लाख करोड़ डॉलर के स्तर को छू गया। देसी बाजारों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए छह महीने से भी कम समय में बाजार पूंजीकरण में 1 लाख करोड़ डॉलर जोड़े हैं। भारत इस उपलब्धि के साथ ही अमेरिका, चीन और जापान जैसे 5 लाख करोड़ डॉलर बाजार पूंजीकरण वाले दुनिया के दिग्गज बाजारों में शामिल हो गया है।

हालांकि बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर बंद भाव के अनुसार, भारत का बाजार पूंजीकरण (बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य) 4.97 लाख करोड़ डॉलर यानी 414.6 लाख करोड़ रुपये रहा। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 4.93 लाख करोड़ डॉलर यानी करीब 411 लाख करोड़ रुपये हो गया।

NSE अपेक्षाकृत बड़ा एक्सचेंज है,मगर उस पर कुछ ही कंपनियां सूचीबद्ध हैं। भारत का बाजार पूंजीकरण मार्च 2023 के अपने निचले स्तर के मुकाबले 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है जो अधिकतर प्रमुख बाजारों के मुकाबले अधिक है। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों के शानदार प्रदर्शन से बाजार पूंजीकरण को बल मिला।

भारत का बाजार पूंजीकरण बनाम सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात (12 महीनों के जीडीपी के आधार पर) बढ़कर 154 प्रतिशत हो गया। नवंबर 2023 में यह अनुपात 120 प्रतिशत रहा था जब देश का बाजार पूंजीकरण पहली बार 4 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचा था।

भारत का बाजार पूंजीकरण जब 50 करोड़ डॉलर, 1 लाख करोड़ डॉलर और 2 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचा था तो बाजार पूंजीकरण बनाम जीडीपी (mcap vs GDP) अनुपात 100 के दायरे में रहा था जिसे उचित मूल्य समझा जाता है।

हाल के वर्षों में सूचीबद्ध कई बड़ी कंपनियों ने भी भारत के बाजार पूंजीकरण को रफ्तार दी है। उदाहरण को, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) करीब दो साल पहले सूचीबद्ध हुई थी और उसका बाजार बाजार पूंजीकरण अब करीब 78 अरब डॉलर है।

इसके अलावा सभी सार्वजनिक उपक्रमों के बाजार पूंजीकरण में भी पिछले एक साल के दौरान जबरदस्त उछाल दर्ज की गई है। इसी प्रकार भारत की करीब 100 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण अब 10 अरब डॉलर से अधिक है जबकि कोविड से पहले यह आंकड़ा मात्र 30 कंपनियों का था। इसके मुकाबले चीन में ऐसी कंपनियों की संख्या 130 से अधिक है जबकि उसका बाजार पूंजीकरण भारत के मुकाबले लगभग दोगुना है।

भारत के बाजार पूंजीकरण में शानदार वृद्धि ने वैश्विक मंच पर उसका प्रभाव भी बढ़ा दिया है। इससे विदेशी निवेशकों, विशेष तौर पर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिये निवेश करने वालों से अधिक निवेश हासिल करने में मदद मिली है। भारत अब MSCI EM सूचकांक पर चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। उसका भारांश (वेटेज) अब करीब 19 प्रतिशत हो चुका है जो 2018 में मात्र 8.2 प्रतिशत था।

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