राक्षसी:सड़क पर तड़पता मर गया फिल्मकार,मोबाइल,कैमरा,लैपटॉप,पर्स चोरी
सड़क पर खून से लथपथ तड़प रहा था फिल्ममेकर,लोग बनाते रहे Video,चुराया सामान:2 घंटे बाद इलाज,मौत
दिल्ली की सड़क पर बाइक दुर्घटना में घायल पीयूष पाल ने तोड़ा दम
दिल्ली में सड़क पर बाईक दुर्घटना में घायल पीयूष पाल सड़क पर तड़पते रहे और लोग बनाते रहे वीडियो
दिलवालों की दिल्ली की बेदर्दी का नमूना शनिवार (28 अक्टूबर,2023) को देखा। यहाँ सड़क पर दुर्घटना का शिकार एक युवा फिल्म मेकर पीयूष पाल काफी देर सड़क पर तड़पते रहे, लेकिन कोई उन्हें अस्पताल नहीं लेकर गया।
दो घंटे बाद जाकर उन्हें उपचार मिला। मगर,तब तक देर हो गई थी। गंभीर चोटों की वजह से वो दुनिया को अलविदा कह गए। अगर घटना के समय वहाँ खड़े लोग थोड़ी मानवता दिखाकर वीडियो- फोटो छोड़ उनकी मदद करते तो शायद आज वो जिंदा होते।
कुछ लोग तो ऐसे राक्षस निकले कि दुर्घटना के शिकार युवक को खून से लथपथ देखकर उसका सारा सामान लूट ले गए।
पोस्टमार्टम के बाद कल बुधवार (1 नवंबर, 2023) देर शाम निगमबोध घाट पर पीयूष का अंतिम संस्कार हुआ, लेकिन पीयूष का इस तरह जाना हमारे मानव होने पर कई सवाल छोड़ गया।
ये दुर्घटना दिल्ली की व्यस्त सड़क की है। शनिवार रात 9.45 बजे 30 साल का फिल्म मेकर पीयूष पाल अपनी नई बाइक पर कालका जी जा रहा था। पुलिस के अनुसार,उनकी बाइक की पंचशील एनक्लेव के पास एक दूसरी बाइक से टक्कर हो गई।
पाल इस दुर्घटना के बाद आधे घंटे तक खून से लथपथ सड़क पर पड़े रहे,मगर दिल्लीवासियों का दिल नहीं पसीजा। पीयूष की साँसे पल-पल उखड़ रही थीं,पर वहाँ से गुजरते और वहाँ खड़े लोग मानवता भूल इसका वीडियो बनाने और सेल्फी लेने में मस्त रहे।
इस युवा फिल्म मेकर के चेहरे और सिर में गंभीर चोटें आई थीं। उन्हें तुरंत मदद की जरूरत थी,लेकिन लोगों को इससे क्या लेना-देना था। उन्हें तो बस दुर्घटना सोशल मीडिया पर पोस्ट करके व्यूज और लाइक बढ़ाने की धुन थी। जब तक पीयूष को मदद मिली बहुत देर हो चुकी थी। दुर्घटना के दो घंटे बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। जहाँ उसने दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार,ये दुर्घटना आउटर रिंग रोड पर आईआईटी क्रॉसिंग से नेहरू प्लेस जाते रास्ते पर रात 9.45 बजे हुई। ये पंचशील एंक्लेव के पेट्रोल पंप पर लगे एक सीसीटीवी की फुटेज से पता चला। सड़क पर सारा दिन वाहनों का ताँता लगा रहता है।
दुर्घटना के 30 मिनट बाद वहाँ से गुजरते पंकज जैन और कुछ लोग वहाँ हंगामा होता देख रुके। जैन को वहाँ खड़े लोगों ने बताया कि पीयूष लगभग आधे घंटे से यहाँ पड़ा है और इसका बहुत खून बह चुका है।
जैन ने बताया,”मैंने दो-तीन लोगों की मदद से हम उसे ऑटोरिक्शा में नजदीकी क्लीनिक ले गए,लेकिन वो इस केस को हैंडल नहीं कर पाया।” इसके बाद घायल पीयूष को वहाँ से हेवी ट्रैफिक के बीच चार किलोमीटर दूर प्रेस एंक्लेव मार्ग के PSRI म्यूनिसिपलिटी अस्पताल ले गए। रात करीब 11 बजे पीयूष को मेडिकल ट्रीटमेंट मिल पाया।
पुलिस के अनुसार उन्हें दुर्घटना की सूचना पीसीआर कॉल पर रात के 10.11 बजे मिली। कॉल करने वाले ने कहा कि दो लोग घायल हैं। लेकिन पुलिस जब तक पहुँची तब तक उन्हें अस्पताल ले जाया जा चुका था।
दुर्घटना को लेकर डीसीपी साउथ चंदन चौधरी का कहना है कि दुर्घटनास्थल पर कोई भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला। घायलों में से एक को PSRI अस्पताल तो दूसरे को AIIMS के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में मृतक पाल की बाइक 26 साल के बंटी की बाइक को हिट करते दिखी। हालाँकि इसे लेकर पाल के दोस्तों को आपत्ति है। जहाँ दुर्घटना में मारे गए पाल गुरुग्राम में फ्रीलांसर फोटोग्राफर थे तो बंटी गुरुग्राम निवासी ड्राईवर हैं।
मृतक पाल के दोस्त स्वर्णेंदु बोस दिल्ली वालों की निर्दयता पर क्रोधित हैं। कहते हैं कि दुर्घटना बाद कोई भी उनके दोस्त की मदद को आगे नहीं आया। इससे भी शर्म की बात है कि उसका मोबाइल फोन और लैपटॉप लोग ले गए। दोस्त इशिता दत्ता के अनुसार पाल का गो प्रो कैमरा और पर्स भी लोग चुरा ले गए। डीसीपी चौधरी का कहना है कि चोरी के आरोप की भी जांच कराई जा रही है।
पेरेंट्स मोबाइल फोन करते रहे,लेकिन पाल का मोबाइल लेकर गया व्यक्ति फोन काटता रहा और बाद में उसने फोन स्विच ऑफ कर दिया। पेरेंट्स की कॉल उठा ली जाती शायद जो हुआ वो नहीं होता।
बोस ने बताया कि उनके दोस्त पाल ने नई हीरो एक्स पल्स बाइक खरीदी थी और शायद वो आरके पुरम के फिटनेस सेंटर से लौट रहे थे। सड़क दुर्घटना में घायल होने से पहले पाल अपने घर से कुछ ही किलोमीटर दूर थे। मृतक के परिवार की चितरंजन पार्क में पूजा सामग्री की दुकान है।
बंटी के बयान पर दर्ज हुई एफआईआर
बंटी के बयान और घटनास्थल के पास लगे कैमरों की जांच के बाद पुलिस ने एफआईआर लिखी है.पुलिस मामले की जांच में जुटी है.इन सबके बीच पाल के दोस्त सनी बोस ने पुलिस को बताया है कि बंटी की बाइक ने पाल की बाइक में टक्कर मारी थी.बोस ने कहा है कि ये आश्चर्यचकित करता है कि मामले में पुलिस ने पीयूष पाल के खिलाफ ही मुकदमा लिखा.हमने दोस्त खो दिया है जिसने दो महीने पहले ही अपना जन्मदिन मनाया था.
मृतक के दोस्त ने कहा कि कोई मदद को नहीं आया
बोस ने कहा कि पियूष ने महंगा हेलमेट पहन रखा था. वह 20 मिनट से अधिक समय खून से लथपथ पड़ा रहा. कोई भी उसकी मदद को आगे नहीं आया. लोग केवल तस्वीरें खींचने और वीडियो रिकॉर्ड करने वहां थे, तभी एक बाइक टैक्सी एग्रीगेटर ने तीन अन्य लोगों के साथ उसे उठा पास के अस्पताल में पहुंचाया। पीयूष घर लौटते बाये मुड़ने वाले थे तो उनकी बाइक की गति सामान्य थी,एक अन्य बाइक ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी. लोग उन्हें आधे घंटे बाद अस्पताल लाए.अगर समय मदद मिलती तो उनकी जान बच सकती थी.
“हम सिर्फ न्याय चाहते हैं”
बोस ने कहा कि पाल का मोबाइल फोन रात 10 बजे तक बजता रहा, बाद में बंद हो गया. गो-प्रो कैमरा भी गायब है,जिसका इस्तेमाल वह अपने काम के लिए वीडियो रिकॉर्ड करने को करता था। हम किसी से कोई मुआवजा नहीं चाहते, हम केवल न्याय चाहते हैं. सनी के परिवार में उनके पिता,मां और एक बहन हैं.उनके पिता की चितरंजन पार्क मार्केट में एक दुकान है.उनका सपना बॉलीवुड के क्रू सदस्यों के जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाना था कि वे मुंबई में कैसे रहते हैं और उनकी दिनचर्या क्या है.
PSRI अस्पताल के न्यूरो इंटरवेंशन चीफ और न्यूरो सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट्स डॉक्टर सुमित गोयल के मुताबिक,रात 11 बजे पीयूष को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। उसके सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें थीं। उसे तुंरत वेंटिलेटर पर रखा गया,लेकिन गंभीर चोटों से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी और मंगलवार (31,अक्टूबर, 2023) सुबह उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े डरावने हैं. लेकिन घायलों के लिए लोगों का जो व्यवहार है वह तो और भी परेशान करने वाला है क्योंकि लोग घायल को अस्पताल नहीं पहुंचाते सिर्फ वीडियो बनाते हैं। वायरल होने की चाहत ने शायद पत्थर दिल कर दिया है. कैसी भी घटना हो, मन में पहले यही आता है कि वीडियो लूं और सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स बढ़ाऊं.रहे
दिल दहला रहे सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े
देश में होने वाले सड़क दुर्घटनाओं के केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़े दिल दहलाने वाले हैं.सड़क दुर्घटनाओं के ये आंकड़े 2022 के हैं.
– 2022 में पूरे देश में 1 लाख 68 हजार से ज्यादा लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवा दी.
– आंकड़ों की मानें तो देश में 71 प्रतिशत प्राणघातक दुर्घटनाऐं तेज गति से हुई.
– साल 2022 में ओवर स्पीडिंग दुर्घटनाओं में 1 लाख 20 हजार लोग मारे गए.
– हर 10 में से 7 लोगों की मौत का कारण ओवर स्पीडिंग यानी तेज गति रही.
– वहीं,नशे में ड्राइविंघ से 2022 4 हजार 200 लोगों की मौत हुई.
– केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार,2022 में रॉन्ग साइड ड्राइविंग ने 9 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली.
– जबकि मोबाइल फोन इस्तेमाल से हुई दुर्घटना में 3,400 लोगों ने दम तोड़ दिया.
– सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा दोपहिया सवार थे.2022 में 75 हजार दोपहिया सवार सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए.
– हैरानी की बात ये है कि इनमें से 50 हजार से ज्यादा वो थे जिन्होंने हेलमेट नहीं लगा रखा था.
– सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में करीब 33 हजार पैदल चलने वाले भी शामिल हैं.
– वहीं, कार दुर्घटना में 2022 में 21 हजार लोगों ने दम तोड़ा.
– इनमें 17 हजार ऐसे लोग शामिल हैं जिन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी.
– सड़क दुर्घटनाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहरों की बात करें तो देश की राजधानी पहले नंबर पर है,जहां 2022 में 1,461 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई.
– असुरक्षित शहरों की सूची में दूसरा नंबर बेंगलुरु का है, जहां 2022 में 772 लोगों ने दम तोड़ दिया.
– हादसों के आधार पर देश का तीसरा सबसे असुरक्षित शहर जयपुर है, जहां 765 लोगों की मौत हुई.