सुप्रीम कोर्ट के आंखें तरेरने पर भी आज़म के बाहर आने की संभावना नहीं
Azam Khan : राहत नजर आई नहीं कि आफत बरस गई, अब आजम खान को MP-MLA कोर्ट से मिला नोटिस
Curated by आलोक भदौरिया |
Warrant against Azam Khan: आजम खान लगभग दो साल से सीतापुर की जेल में बंद हैं। एक मामले को छोड़कर अब तक उन्हें 86 केस में जमानत मिल चुकी थी लेकिन अब यह नया केस सामने आ गया है। इसे देखते हुए लगता है कि अभी उन्हें जेल से बाहर आने में समय लगेगा।
हाइलाइट्स
1-सीतापुर जेल में बन्द समाजवादी पार्टी नेता और रामपुर से सपा विधायक आजम खान (azam khan) की मुश्किलें बढ़ गई हैं
2-एक और केस में रामपुर पुलिस ने आजम खान को आरोपित बनाया है, भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर यह कार्यवाही हुई है
3-उन पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी बनवा कर लगा मान्यता प्राप्त की थी
रामपुर 06 मई : सीतापुर जेल में बन्द सपा नेता आजम खान (azam khan) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक और केस में रामपुर पुलिस ने आजम खान को बनाया आरोपी। उन पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी बनवा कर लगा मान्यता प्राप्त की थी। शुक्रवार को एमपी/एमएलए कोर्ट (mp mla court) ने आजम खान के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है। मामले की सुनवाई 19 मई को होगी। इसके बाद आजम खान के जल्द जेल से बाहर आने की संभावना कम हो गई है।
वर्ष 2020 में कोतवाली रामपुर में दर्ज हुए मुकदमा संख्या 70/20 धारा 420, 467, 468, 471, 120B आईपीसी के मामले में पुलिस ने दोबारा की जांच में आजम खान को आरोपी बनाया है। इसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी बनवा कर लगा मान्यता प्राप्त की थी।
शुक्रवार को रामपुर की स्पेशल एमपी/ एमएलए कोर्ट से वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए आज़म खान को इस केस के वारंट जेल में तामील करा दिए गए। अब इस मामले की सुनवाई 19 मई को कोर्ट में होगी। भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर यह कार्यवाही हुई है। आजम खान के जेल से जल्द बाहर आने की संभावना हुई खत्म।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
शुक्रवार को ही समाजवादी पार्टी नेता और रामपुर से सपा विधायक आजम खान के एक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट पर कड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 87 में से 86 मामलों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है। सिर्फ एक मामले के लिए इतना लंबा वक्त क्यों लग रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि मामले में 137 दिनों बाद भी फैसला क्यों नहीं हो पाया। अदालत ने यह भी कहा कि अगर इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में फैसला नहीं देगा तो हम इसमें दखल देंगे। अदालत ने इस मामले में 11 मई को अगली सुनवाई करेगी।
जमानत याचिका पर नहीं हो सका है फैसला
सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान की जमानत याचिका पर गुरुवार को भी फैसला नहीं हो सका था। शत्रु संपत्ति के मामले में उनकी जमानत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन घंटे तक दोनों तरफ से बहस हुई। दोपहर बाद हुई बहस सुनने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।