विदेशों में भी, खासकर मुस्लिम देशों में अंतरधार्मिक विवाह को नहीं मान्यता
ऐसे कितने देश हैं, जहां दूसरे धर्मों में शादी की मनाही है
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के साथ ही कुछ भारतीय राज्य धर्म परिवर्तन संबंधी ‘लव जिहाद निषेध’ कानून (Prohibition of Religious Conversion) को लेकर चर्चा में हैं. इस बीच जानिए कि दुनिया में कहां अलग-अलग धर्मों के लोग कानूनन शादी नहीं कर सकते.
‘अगर किसी शादी का मकसद सिर्फ किसी लड़की का धर्म परिवर्तन हुआ, तो ऐसे विवाह का शून्य घोषित कर दिया जाएगा और जबरन धर्म परिवर्तन के लिए सख्त जेल का प्रावधान होगा.’ उत्तर प्रदेश में 10 साल तक की जेल का प्रावधान करने वाला यह कथित ‘लव जिहाद’ कानून लागू हो रहा है और खासी चर्चा में है. क्या यह कोई ऐसा अनोखा कदम है, जो सिर्फ किसी भारतीय राज्य में उठाया गया है? जी नहीं, दुनिया के कई देश हैं, जो सिविल मैरिज के प्रावधान नहीं रखते. आइए, इन देशों के बारे में जानते हैं.
सबसे पहले तो आप सिविल मैरिज का मतलब समझें कि एक तो यह सरकारी स्तर पर मान्य होती है और दूसरे यह पूरी तरह सेक्युलर हो सकती है यानी इसमें अलग अलग धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं. लेकिन इस तरह की शादी करीब दो दर्जन देशों में मान्य नहीं है. उत्तर प्रदेश में जो ‘लव जिहाद’ कानून बना है, उसका खास मकसद कथित तौर पर दो धर्मों के लोगों, खास तौर हिंदू और मुस्लिम के बीच होने वाली शादियों पर लगाम
करीब चार साल पहले इंडोनेशिया में राशिद और जूलियट की शादी का मामला काफी चर्चा में था. इंडोनेशिया में बगैर धर्म परिवर्तन किए एक मुस्लिम और एक ईसाई की शादी संभव नहीं हो सकी थी. इंडोनेशिया ऐसे दो दर्जन देशों में शुमार है, जहां सिविल मैरिज की इजाज़त नहीं है. इन देशों में सिविल मैरिज को लेकर प्रावधान न होने के साथ कहीं कहीं कड़ी या उलझी हुई शर्तों के साथ यह संभव हो सकता है. पहले इन देशों को जानते हैं, फिर इनके उलझे हुए नियमों कोभी
ज़्यादातर अरब और मध्य पूर्व के देश (खास तौर से मुस्लिम वर्ल्ड) इस लिस्ट में शामिल हैं. मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, यूएई, सऊदी अरब, कतर, यमन, ईरान, लेबनान, इज़राइल, लीबिया, मॉरिटैनिया और इंडोनेशिया ऐसे देश हैं, जहां सिविल मैरिज यानी अलग धर्म में शादी मान्य नहीं है. इज़राइल, सीरिया और लेबनान जैसे देश इस्लाम, ईसाई, यहूदी जैसे धर्मों को तो मान्यता देते हैं लेकिन एक ही धर्म में आपस में ही शादियों की इजाज़त है.
लेबनान और सीरिया में तो स्थिति इतनी कठोर है कि इन देशों के बाहर हुए अंतर्धार्मिक विवाह को भी मान्य नहीं किया जाता. वहीं, मिस्र में खास मामलों में सिविल मैरिज के लिए शर्तें बड़ी पेचीदा हैं. इसके लिए थका देने वाली कागज़ी कार्यवाही होती है. विदेशियों को इसके लिए दूतावास से ज़रूरी कागज़ात जुटाने होते हैं.
इन मुल्कों के अलावा, मलेशिया ऐसा देश है जहां सिर्फ गैर मुस्लिमों के लिए सिविल मैरिज का प्रावधान है. कुवैत, बहरीन और अफगानिस्तान में सिर्फ विदेशियों के लिए सिविल मैरिज संभव है. सिविल मैरिज के लिए प्रावधान न रखने वाले कई देशों में कानून तोड़ जाने पर हिंसा या बहिष्कार और प्रताड़ना के अंदेशे रहते हैं. इनके अलावा, अल्जीरिया, बर्मा, बांग्लादेश, लीबिया, मोरक्को, पाकिस्तान, सोमालिया, ओमान और ट्यूनीशिया जैसे कुछ देशों में अलग धर्म में शादी को लेकर रास्ते आसान नहीं हैं