पाक खुफिया एजेंसी के पैसे से हजारों मूक-बधिर, गरीब हिंदुओं को बना चुके मुसलमान
धर्म परिवर्तन पर ATS का एक्शन:लखनऊ से दो मौलाना गिरफ्तार; पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI करती थी फंडिंग, एक हजार गरीब हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं
लखनऊ21जून।मोटिवेशनल थॉट के जरिए हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाने वाले दो मौलानाओं को यूपी ATS ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। ATS टीम करीब चार दिन से इनसे पूछताछ करके सबूत जुटा रही थी। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इन्हें फंडिंग भी कर रही थी।
पकड़े गए मौलाना जहांगीर और उमर गौतम लखनऊ स्थित एक बड़े मुस्लिम संस्थान से जुड़े हैं। ATS अफसरों के मुताबिक यह गरीब हिंदुओं को निशाना बनाते थे। अभी तक करीब एक हजार लोगों का धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं, इनमें बड़ी संख्या में मूक-बधिर और महिलाएं शामिल हैं।
रामपुर के एक गांव मे दो हिन्दू बच्चों का जबरन खतना करवाकर उनका धर्मांतरण करवाने में भी एक मौलाना का हाथ सामने आया है। दोनों पश्चिमी UP के रहने वाले हैं। इन्हें विदेश से संचालित एक मुस्लिम संगठन फंडिंग भी कर रहा था। ATS उसके बारे में जानकारी जुटा रही है।
दाेनों दावा इस्लामिक सेंटर चलाते हैं
दोनों मौलाना दावा इस्लामिक सेंटर के नाम से संस्था चलाते हैं। 3 जून को दिल्ली के डासना मंदिर में दो मुस्लिम लड़कों ने पुजारी पर हमले का प्रयास किया गया। दोनों को जब पकड़ा गया तो मौलाना उमर और जहांगीर के बारे जानकारी मिली।
कानपुर, बनारस और नोएडा में धर्म परिवर्तन करवाया है
ये मौलाना नोएडा डेफ सोसायटी में संचालित मूक-बधिर स्कूल के छात्र-छात्राओं को बरगलाकर और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। धर्म परिवर्तित एक हजार महिलाओं, बच्चों की सूची मिली है। कानपुर, बनारस और नोएडा के भी तमाम बच्चों, महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। कानपुर के एक बच्चे को साउथ के किसी शहर में ले जाया गया है। उसके बारे में STF पता लगा रही है।
FIR की कॉपी
1000 लोगों के धर्म परिवर्तन मामले का यूपी एटीएस ने कैसे किया खुलासा?
हाइलाइट्स:
यूपी एटीएस ने जबरन धर्मांतरण कराने रैकेट का भंडाफोड़ कर दो लोगों को गिरफ्तार किया
मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले
इन लोगों ने अब तक 1000 लोगों का धर्मांतरण कराया, मूक बधिर, महिलाएं, बच्चे निशाने पर
यूपी के नोएडा में धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा होने के बाद से हर कोई सकते में है। बीते 2 साल से चल रहे धर्मांतरण के इस रैकेट में मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा दिया जाता था। अब तक यह रैकेट 1000 लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। पकड़े गए दोनों आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार खुद कह चुके हैं कि बीते एक साल के भीतर 350 लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है। धर्मांतरण के लिए लोगों को धमकाया और डराया भी गया है। पूछताछ में सामने आया लगभग 1000 लोगों की लिस्ट है जिनको प्रलोभन और पैसे देकर धर्मांतरण किया गया। एडीजी ने कहा कि इन्हें विदेशों से फंडिंग मिलती थी। देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।
पहले नाम बताया काशी गुप्ता, पूछताछ में निकला काशिफ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 जून को गाजियाबाद में डासना के स्वामी यति नरसिंहानंद के आश्रम से शाम 8 बजे 2 संदिग्धों को पकड़ा गया था। दोनों संदिग्ध आश्रम में घुस गए थे। जब पूछताछ हुई तो एक ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय बताया और दूसरे ने अपना नाम काशी गुप्ता बताया। जब पुलिस ने काशी गुप्ता से सख्ती से पूछताछ की तो पता चला उसका असली नाम काशिफ है।
पूछताछ के बाद मौलाना गौतम तक पहुंची ATS
आश्रम से पकड़े गए विपुल विजयवर्गीय और काशी गुप्ता उर्फ काशिफ से ATS ने लंबी पूछताछ की, जिसमें पता चला कि विपुल विजयवर्गीय भी धर्मांतरण कर चुका है। काशी गुप्ता उर्फ काशी और विपुल विजयवर्गीय महराष्ट्र में काफी दिन रहे हैं। इन्हीं दोनों से पूछताछ के बाद मौलाना गौतम का सुराग मिला और धर्म परिवर्तन के इस बड़े रैकेट का खुलासा हुआ।
श्याम प्रसाद सिंह गौतम से उमर गौतम तक
मीडियो रिपोर्ट्स की मानें तो उमर गौतम ने खुद साढ़े तीन दशक पहले 20 साल की उम्र में धर्मांतरण कर हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम धर्म अपनाया था। इस्लाम अपनाने के बाद से वो दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर चला रहे थे। इस सेंटर के जरिए वो दूसरे तमाम धर्म के लोगों को जो इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने का काम करते थे।
दोनों मौलानाओं से पूछताछ कर रही ATS
एटीएस ने यूपी के गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें जामिया नगर स्थित इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन का नाम भी दर्ज है। जानकारी के मुताबिक, यूपी एटीएस इन दोनों मौलानाओं से चार दिन से पूछताछ कर रही है।
डराकर,नौकरी और पैसे का लालच देकर कराया धर्म परिवर्तन
एटीएस की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, ये लोग गैर-मुस्लिमों को डरा-धमकाकर, उन्हें नौकरी और पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते थे। ये लोग आमतौर पर मुसीबत के मारे कमजोर वर्गों, बच्चों, महिलाओं और मूक बधिरों को टारगेट कर उनका इस्लाम में धर्म परिवर्तन करातेथे। इन्हें पैसे, नौकरी और शादी का लालच देते थे. नोएडा मूक बधिर सेंटर से 18 बच्चों का धर्मांतरण हुआ. इस मामले में लखनऊ में एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस के मुताबिक ये गिरोह साल में 200 से 300 लोगों का धर्म परिवर्तन कराता था.