ये तो होना ही था-सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस,सपा समर्थन से बनेंगे राज्यसभा सदस्य
Kapil Sibal Resigns: कपिल सिब्बल ने चुपचाप छोड़ी कांग्रेस, अखिलेश की मदद से राज्यसभा जाएंगे, पर्चा भरा
Kapil Sibal Resigns from Congress: कांग्रेस के बागी कपिल सिब्बल ने पार्टी छोड़ दी है। देश के जाने-माने वरिष्ठ वकील ने आज खुद लखनऊ में इसकी घोषणा की। सिब्बल कांग्रेस के उन 23 बागी नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पार्टी में बदलाव की मांग की थी।
हाइलाइट्स
1-जी-23 के बागी रहे कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस
2-समाजवादी पार्टी की मदद से यूपी से जाएंगे राज्यसभा
3-लखनऊ में आज बतौर निर्दलीय भरा नामांकन
नई दिल्ली 25मई: दिग्गज नेता रहे कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी (Kapil Sibal Resigns From Congress) को छोड़ दिया है। कांग्रेस के जी-23 के प्रमुख बागी रहे सिब्बल ने बड़ी खामोशी के साथ कांग्रेस छोड़ दी। सिब्बल ने कांग्रेस छोड़ने का आज खुद ऐलान किया। सिब्बल ने तो गांधी परिवार को कांग्रेस से हटने और नए नेतृत्व का मार्ग प्रशस्त करने की मांग कर दी थी। उनके इस बयान के बाद अशोक गहलोत ने निशाना साधा था। अब सिब्बल ने कांग्रेस से अलग राह चुन ली है। वह समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा (Kapil Sibal Rajya Sabha Nomination) जा रहे हैं। दीगर बात ये है कि उन्होंने औपचारिक तौर पर एसपी की सदस्यता नहीं ली है। गौरतलब है कि एसपी नेता आजम खान ने हाल के दिनों में सिब्बल की जमकर तारीफ की थी। तभी से ये कयास लगने लगे थे कि पार्टी उन्हें राज्यसभा का टिकट दे सकती है। इस सबके बीच साझीदार राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी देखते रह गए।
16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा
कपिल सिब्बल ने आज लखनऊ में राज्यसभा उम्मीदवार का पर्चा भरने के बाद कहा कि उन्होंने 16 मई को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि बतौर निर्दलीय वह समाजवादी पार्टी की मदद से एक बार फिर उत्तर प्रदेश से राज्यसभा जा रहे हैं।
नामांकन भरते कपिल सिब्बल
निर्दलीय बन सरकार को घेरेंगे
यहां गौर करने वाली बात ये है कि सिब्बल ने औपचारिक तौर पर समाजवादी पार्टी का दामन नहीं थामा है। उन्होंने निर्दलीय पर्चा भरा है। एसपी के समर्थन से वह राज्यसभा जा रहे हैं। पर्चा भरने के बाद सिब्बल ने कहा, ‘हम विपक्ष का गठबंधन बनाना चाहते हैं।’
मोदी सरकार पर साधा निशाना
सिब्बल ने कहा कि हम विपक्ष में रहकर मोदी सरकार का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि 2024 चुनाव से पहले हम मोदी सरकार की कमियों और खामियों को जनता के बीच ले जाएंगे। हम जनता तक विपक्ष की बात पहुंचाएंगे।
उदयपुर चिंतन शिविर के लिए आया था बुलावा
गौरतलब है कि सिब्बल को हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में बुलाया गया था। लेकिन जी-23 के बागी रहे सिब्बल वहां नहीं गए थे। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि वह पार्टी छोड़ सकते हैं।
जी-23 ने दी थी कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती
जी-23 कांग्रेस के पार्टी नेताओं का एक समूह है। इन नेताओं ने पिछले साल पार्टी नेतृत्व और उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी को खत लिखा था। इन नेताओं ने जल्द से जल्द संगठन चुनाव कराने की मांग की थी। इसमें कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद समेत कई बड़े दिग्गज कांग्रेसी नेता शामिल थे
डिंपल-कपिल सिब्बल और जावेद अली खान, समाजवादी पार्टी ने फाइनल किए राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम
समाजवादी पार्टी ने अपने राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं. अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद कपिल सिब्बल ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.
24 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है
समाजवादी पार्टी ने अपने राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. डिंपल के अलावा देश के मशहूर वकील कपिल सिब्बल और जावेद अली खान का नाम भी लिस्ट में है. कपिल सिब्बल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रहे हैं, जबकि जावेद अली खान सपा के खाते से पहले भी राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं. अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद कपिल सिब्बल ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. उनके नामांकन के मौके पर अखिलेश यादव खुद मौजूद रहे.
बता दें कि राज्यसभा की 11 सीट के लिए 24 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी अभी तीन लोगों को राज्यसभा भेजने की स्थिति में है. अभी तक राज्यसभा में सपा के पांच सदस्य हैं. इसमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है.
कपिल सिब्बल को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अब समाजवादी पार्टी की तरफ से उनको राज्यसभा भेजने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. सपा की लिस्ट से पहले ये चर्चा चली थी कि वो झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM के समर्थन से राज्यसभा जा सकते हैं.
जहां तक कपिल सिब्बल की बात है तो माना जा रहा है कि अखिलेश इस मौके को आजम खान की उपेक्षा और रिहा होने के बाद के हावभाव के बीच भुनाना चाहते हैं. आजम खान ने जेल से बाहर आने के बाद कहा था कि मेरे विनाश में मेरे चाहने वालों का हाथ है. ऐसे में अगर सिब्बल सपा की मदद से राज्यसभा जाते हैं तो ये जरूर आजम की नाराजगी दूर करने में कारगर कदम साबित हो सकता है. साथ ही समाजवादी पार्टी को एक बड़ा नेता और कानूनी सलाहकार भी मिल जाएगा.
2016 में, सिब्बल को तत्कालीन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में यूपी से राज्यसभा के लिए चुना गया था, लेकिन अब कांग्रेस के पास राज्य विधानसभा के लिए केवल दो विधायक हैं. वहीं, सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव का मानना है कि एक मुस्लिम नेता को भी राज्यसभा भेजा जाना चाहिए. इसके बाद इमरान मसूद, सलीम शेरवानी और जावेद अली के नाम सामने आए, लेकिन मौजूदा सूची में जावेद अली के नाम पर मुहर लगी है. जावेद अली पहले भी राज्यसभा सदस्य रहे हैं।
11वीं सीट के लिए जोरदार घमासान
उत्तर प्रदेश के विधानसभा में कुल 403 विधायक हैं, जिनमें से 2 सीटें रिक्त हैं. इस तरह से 401 विधायक फिलहाल हैं. ऐसे में एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए. बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक है, जिसके लिहाज से 7 सीट जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी. सपा के पास 125 विधायक हैं. उसे 3 सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन 11वीं सीट के लिए बीजेपी और सपा सियासी घमासान मचेगा और एक दूसरे के खेमे में सेंधमारी की कवायद होगी.
देखना है कि बीजेपी और सपा कितने-कितने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरती है, क्योंकि उसी के बाद तय आगे की तस्वीर तय होगी. राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो, कांग्रेस के दो, बसपा के एक विधायक है. जनसत्ता दल के दो विधायकों का समर्थन बीजेपी को मिल सकता है. कांग्रेस और बसपा का किसी भी दल से कोई गठबंधन नहीं होने के कारण वोट देने के लिए आजाद है.