हाथरस दुर्घटना में षड्यंत्र की आशंका की भी होगी न्यायिक जांच:योगी

मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख और पीड़ितों को ₹1 लाख: CM योगी ने कहा-हाथरस दुर्घटना में षड्यंत्र भी संभव, हाई कोर्ट के रिटायर जज के नेतृत्व में जाँच

घटनास्थल का दौरा कर के CM योगी आदित्यनाथ ने हाथरस दुर्घटना के पीछे षड्यंत्र की जताई आशंका

हाथरस 03 जून 02024 । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार (3 जुलाई 2024) को हाथरस जिले का दौरा किया। उन्होंने मंगलवार (2 जुलाई) को भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के पीड़ितों एवं मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ मृतकों के परिजनों के परिजनों 4 लाख और घायलों को 1 हजार रुपए आर्थिक मदद देने की बात कही।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दुर्घटना की जाँच के लिए SIT (विशेष जाँच दल) का गठन किया गया है। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में घटना की न्यायिक जाँच करवाने का भी निर्णय किया है। मीडिया से बातचीत में CM योगी ने कहा कि ADG आगरा के नेतृत्व में गठित टीम ने अपनी प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट सौंप दी है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस रिपोर्ट में कई ऐसी बातें सामने आईं है, जिनकी गहराई से जाँच बेहद जरूरी बताई गई हैं। राहत और बचाव कार्यों को पहली प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इसके आयोजकों को पूछताछ को बुलाया गया है। घटना में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करके जाँच शुरू कर दी गई है।

CM योगी ने आशंका जताई है कि इस प्रकार की घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं हैं। इस घटना के पीछे कोई न कोई जरूर है। हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये दुर्घटना है भी तो उसके पीछे जिम्मेदार कौन है, इसका पता लगाना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के पीछे जो भी होगा उसको खोज कर सजा दी जाएगी। न्यायिक जाँच में शामिल रिटायर्ड जज और पूर्व पुलिस अधिकारी शासन को रिपोर्ट देंगे कि किस एसओपी से भीड़ में ऐसी दुर्घटनायें रोकी जा सकती है।

भोले बाबा को छूने के लिए मची भगदड़
CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मृतकों में UP के अलावा मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के लोग भी शामिल हैं। 31 घायलों का एटा, अलीगढ़ और हाथरस के अस्पतालों में इलाज करवाया जा रहा है। इन घायलों में अधिकतर की हालत खतरे से बाहर है।

यह दुर्घटना तब हुई, जब कथावाचक भोले बाबा अपनी कथा के बाद वापस जा रहे थे। इस दौरान कई महिलाएँ उन्हें छूने आगे बढ़ीं। तब सेवादार भी लोगों को धक्का देते रहे। इसी के चलते भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया।

मुख्यमंत्री योगी ने आगे बताया कि इस तरह के कार्यक्रम में सेवादार आयोजन के अंदर प्रशासन को अंदर घुसने नहीं देते हैं। घटना के बाद आयोजकों ने इस मामले को दबाने की बहुत कोशिश की थी। जब प्रशासनिक अधिकारी घायलों को अस्पताल ले जाने लगे तो अधिकतर सेवादार वहाँ से भाग निकले।

हादसे पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के कुछ नेताओं की इस दुर्घटना पर राजनीति करने पर आलोचना की। उन्होंने कहा कि हर कोई देख रहा है कि सज्जन (भोले बाबा) के साथ फोटो किसके हैं। उनके राजनीतिक संबंध किसके साथ है,ये हर कोई देख रहा है।

बताते चलें कि भोले बाबा उर्फ नारायण के कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीरें और उनके साथ जयकारे लगाते हुए वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि निर्दोषों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वालों को कठोर सजा मिलेगी।

स्वार्थियों के षड्यंत्र के शिकार हुए निर्दोष
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि धार्मिक आयोजन को देखते हुए कार्यक्रम स्थल पर ज्यादा पुलिस फ़ोर्स तैनात नहीं थी। आयोजकों का मानना था कि अंदर के हालात सेवादार सँभाल लेंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस फ़ोर्स बाहर तैनात थी। दुर्घटना के बाद सेवादारों के घायलों को छोड़कर भागने को मुख्यमंत्री योगी ने षड्यंत्र बताया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कुछ स्वार्थी लोगों के षड्यंत्र के शिकार कई निर्दोष बन गए। इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल जाकर उपचाराधीन पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कहा कि हाथरस की दुर्घटना में घायल लोगों से आज अस्पताल में भेंट कर उनका कुशल-क्षेम जाना और चिकित्सकों से उनके उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने लिखा, “कुशल चिकित्सकों के नेतृत्व में सभी का समुचित उपचार शीर्ष प्राथमिकता पर हो रहा है। इस कठिन समय में राज्य सरकार पूरी तत्परता और संवेदनशीलता से पीड़ितों और उनके परिवार के साथ खड़ी है। सभी घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्ति हो,प्रभु श्रीराम से यही प्रार्थना है।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मृतकों के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उत्तर प्रदेश सरकार उठाएगी। योगी ने घटनास्थल का भी निरीक्षण किया। तब भारी बारिश हो रही थी। बारिश से मैदान में पानी भर गया था। मुख्यमंत्री के साथ पूरा प्रशासनिक तंत्र था। इसमें मुख्यमंत्री ने प्रशासन को कई निर्देश दिए।

हाथरस दुर्घटना की FIR में ‘भोले बाबा’ का नाम तक नहीं… 80 हजार लोगों की ली अनुमति, जुटे ढाई लाख

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे में दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं. हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है. पोस्टमार्टम हाउस में शवों के ढेर लगे हुए हैं. इस बीच पुलिस ने सत्संग कार्यक्रम के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. ये FIR भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत दर्ज की गई है. हालांकि, हाथरस हादसे की FIR में नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ का नाम तक नहीं है. ये वही बाबा है जिसके कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों की जान चली गई.

दुर्घटना हाथरस जिले में मंगलवार को सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास हुई.जहां खुद को नारायण साकार विश्व हरि बताने वाले’भोले बाबा’ के कार्यक्रम में लाखों भक्तों की भीड़ जुटी थी.जबकि,इजाजत सिर्फ 80 हजार लोगों की थी.सत्संग समाप्त होने के बाद वहां निकलते समय भगदड़ मच गई। भगदड़ में 120+ लोग जान गंवा बैठे. इसमें ज़्यादातर महिलाएं हैं.

भगदड़ में गई 120+ लोगों की जान
एफआईआर के मुताबिक, आयोजकों ने 2 जुलाई के कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के आने की बात कही थी.लेकिन इसमें उत्तर प्रदेश समेत दूसरे प्रदेशों से करीब ढाई लाख लोग आ गए। वहां ना बेरिकेडिंग की गई थी और न ही कोई मार्किंग जिससे पूरी व्यवस्था बिगड़ गई। बाबा सत्संग कर निकलने लगा तो भक्त उसे देखने बेकाबू हो गए. इसीसे भगदड़ मच गई.
हाथरस मामले में अंकित एफआईआर के अनुसार, सत्संग के आयोजनकर्ता में ‘भोले बाबा’ का मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर है. वह हाथरस का ही है. उसके साथ बाबा के अन्य सेवादार/सहयोगी भी थे.उन्हें भारी भीड़ उमड़ने का अनुमान था लेकिन ये बात छिपाई गई. भीड़ के चलते कार्यक्रम स्थल के पास की जीटी रोड पर यातायात अवरुद्ध हो गया. जिसे ड्यूटी पर नियुक्त पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी सामान्य किये जाने का प्रयास कर रहे थे.

कब बिगड़े हालात?

जिस वक्त मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ अपनी गाडी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे तभी दोपहर 2 बजे श्रृद्धालुजन ने बाबा की गाडी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया. कार्यक्रम स्थल से निकलती लाखों श्रृद्धालुओं की बेकाबू भीड के दबाव से नीचे बैठे, झुके श्रृद्धालू कुचलने लगे और चीखपुकार मच गई.

जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड में दबती कुचलती भागती भीड़ को आयोजन समिति एवं सेवादारों ने अपने हाथों में लिये डंडों से जबरदस्ती रोक दिया, जिससे भीड का दबाव बढता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए. कुछ ही देर बाद लाशें बिछ गईं. उधर बाबा मौके से निकल गए. उनके 12 हजार सेवादारों ने कोई मदद नहीं की. आखिर तक पुलिस के लोग ही जुटे रहे.

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