ब्राह्मण मुक्त जीवनगढ़ के दावेदार सुहैल पाशा का भाजपा में पद से इस्तीफा
‘पंडित मुक्त’ गाँव वाला वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा नेता सुहैल पाशा ने दिया भाजपामें पार्टी पद से इस्तीफा
देहरादून 18 अप्रैल। हिंदू और खासकर ‘पंडित’ विरोधी वीडियो वायरल होने के बाद उत्तराखंड के देहरादून से भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुहैल पाशा ने पार्टी से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। वह जीवनगढ़ गाँव की प्रधान के पति हैं।
भाजपा के मुस्लिम नेता द्वारा हिंदुओं को धमकाने का यह वीडियो बुधवार (14 अप्रैल ) को पछवादून खबर ने जारी किया, जिसमें सुहैल पाशा जीवनगढ़ गाँव को पंडितों से मुक्त करने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया, “जीवनगढ़ कभी पंडितों का केंद्र कहा जाता था। लेकिन, आज यह पंडितों से मुक्त होने की कगार पर है।”
वीडियो में सुहैल पाशा ने धमकी दी कि अगर क्षेत्र में होली समारोह आयोजित किया जाता है, तो वह मुसलमानों को “पीठ बाजार” के बीच में नमाज करने के लिए कहेंगे। पाशा ने चेतावनी दी है कि वह एक साइनबोर्ड लगाएँगे और मुसलमानों को बाजार में ईद की नमाज अदा करने के लिए कहेंगे।
पूर्व बीजेपी नेता ने कहा, “हमारे पास पहले से ही एक मस्जिद है। हमें बाजार में ऐसा (नमाज) करने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन हम अराजकता पैदा करने के लिए ऐसा करेंगे।”
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, उत्तराखंड प्रगति मंच समेत कई संगठनों ने आगे आकर सुहेल पाशा के खिलाफ कार्रवाई की माँग की। संगठनों ने आरोप लगाया कि ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ पाशा की टिप्पणियों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।
सुहैल पाशा का इस्तीफा पत्र
अराजकता फैलाने की धमकी वाले वीडियो के विरोध में देहरादून में हरबर्टपुर चौक पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सुहैल पाशा के पुतले फूँके। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि एक जिला-स्तर के नेता द्वारा ऐसी टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने आरोपित नेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी भी दी है।
हिंदू विरोधी कमेंट के बाद सुहैल पाशा ने पार्टी से दिया इस्तीफा
हिंदू विरोधी वीडियो वायरल होने के बाद कड़ी आलोचना का सामना कर रहे भाजपा नेता ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में सुहैल पाशा ने दावा किया कि उनका यह वीडियो एडिटेड है और इसे दुर्भावना के चलते वायरल किया गया है। ताकि यह दिखाया जा सके कि उन्होंने “समाज के एक विशेष वर्ग के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है।”
पाशा ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी एक परिवार के खिलाफ की थी, जिसने डाकपत्थर ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा कर लिया था। पूर्व भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने उस परिवार को बाहर करने को कहा था, न कि ब्राह्मण समुदाय को।
सुहेल पाशा ने अपने त्याग पत्र में आगे दावा किया कि यह वीडियो उनके खिलाफ साजिश है। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जाँच और “असली” दोषियों को सजा देने की माँग की। राज्य के बीजेपी प्रमुख से अपना इस्तीफा मंजूर करने की अपील करते हुए सुहैल पाशा ने जोर देकर कहा कि उन्होंने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में पार्टी को मजबूत बनाया है।