RSS पर बैन,नौकरियों में 10% आरक्षण समेत 17 मांगें इंडी माना,उलेमा करेंगें प्रचार
Muhammad Ali Jinnah Like Demands In Maharashtra Elections, Has Mva Succumbed To Blackmailing Of Muslims
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जिन्ना वाली मांगें! मुसलमानों की ब्लैकमेलिंग के आगे झुक गया एमवीए?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले मुसलमानों की संस्था उलेमा बोर्ड ने विपक्षी गठबंधन एमवीए के सामने 17 सूत्री शर्तें रख दी हैं। 95 वर्ष पहले 1929 में भी मुस्लिम लीग के प्रमुख मोहम्मद अली जिन्ना ने भी ऐसे ही 14 सूत्री प्रस्ताव रखे थे। मतलब मुसलमान फिर से अपने विभाजनकारी एजेंडे के साथ खुलकर सामने आने लगे हैं।
मुख्य बिंदु
1-ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की मांगों में मुस्लिम लीग के 14 सूत्री प्रस्ताव की झलक
2-महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस गठबंधन को ब्लैकमेल करने के लिए रखीं गईं 17 मांगें
3-विभाजनकारी मांगों के आगे झुकीं कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (SCP)
4-उलेमा बोर्ड ने की विभाजनकारी मांगें।
नई दिल्ली 12 नवंबर 2024: तब देश आजाद होने वाला था, अभी महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव होने वाला है। तब भी मुसलमानों ने अपने लिए विशेषाधिकार की मांग की थी, अब भी लंबा चिट्ठा तैयार किया है। इस बीच करीब 100 साल का अंतर है। इसलिए सवाल गंभीर है कि क्या इतिहास दुहरा रहा है? दोनों मांगों में चौंकाने वाली समानताएं देखने को मिल रही हैं, जिससे देश में फिर से द्विराष्ट्र सिंद्धांत की मानसिकता को हवा मिलने का डर पैदा हो गया है। ये हैं- 1929 में मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा रखे गए 14 सूत्रीय प्रस्ताव और महाराष्ट्र में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की 14 मांगें। इन दोनों ही मांगपत्रों में मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण, नौकरियों और सरकार में प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया गया है, जिससे भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले वो दिन याद आने लगे हैं।
अलगाववादी भावना उजागर?
1929 का जिन्ना का प्रस्ताव भारत में मुस्लिम हित रक्षा को एक अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग का पहला कदम माना जाता है, वहीं ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल की मांगों में भी उसी की झलक दिख रही है। उलेमा बोर्ड ने अपने 17 सूत्री प्रस्ताव में बताया है कि महाराष्ट्र में अगर कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार बनी तो उसे क्या-क्या चाहिए। दूसरी तरफ, एमवीए का उलेमा बोर्ड की मांगों के समर्थन में उतरना द्विराष्ट्र सिद्धांत की मानसिकता को और मजबूत कर सकता है।
ये थीं जिन्ना की 14 सूत्री मांगें
जिन्ना के 14 सूत्रीय प्रस्ताव में संघीय ढांचे के साथ प्रांतों को अधिक स्वायत्तता देने; सभी निर्वाचित निकायों में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने; केंद्र में मुस्लिमों को कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधित्व देने; पंजाब, बंगाल और NWFP में मुस्लिम बहुमत वाले क्षेत्रों में कोई बदलाव नहीं करने; धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने; मुस्लिम हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी विधेयक या प्रस्ताव का विरोध करने के लिए मुस्लिम सदस्यों को वीटो पावर देने जैसे मुद्दे शामिल थे।
इसके अलावा, सिंध को बॉम्बे प्रेसीडेंसी से अलग करने; NWFP और बलूचिस्तान में अन्य प्रांतों की तरह ही सुधार लागू करने; सभी सरकारी सेवाओं और स्थानीय स्वशासित निकायों में मुस्लिमों को उनकी योग्यता के आधार पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने; मुस्लिम संस्कृति और शिक्षा की रक्षा के लिए संवैधानिक गारंटी देने और कैबिनेट में कम से कम एक तिहाई मुस्लिम मंत्रियों को शामिल करने की मांग भी की गई थी। इसके साथ ही, जिन्ना ने यह भी मांग की थी कि केंद्र सरकार भारतीय संघ बनाने वाले राज्यों की सहमति के बिना संविधान में कोई बदलाव नहीं कर सकेगी।
अब उलेमा बोर्ड भी जिन्ना की राह पर?
मोहम्मद अली जिन्ना ने 28 मार्च, 1929 को यह 14 सूत्रीय प्रस्ताव रखा था। इसमें भारत का बंटवारा करवाने वाली मुस्लिम लीग का नजरिया स्पष्ट होता है। इस प्रस्ताव के जरिए मुस्लिम लीग ने भारत में मुस्लिम समुदाय के लिए विशेषाधिकारों की मांग की थी। दूसरी तरफ, लगभग 100 साल बाद ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल ने भी महाराष्ट्र में 14 सूत्रीय मांगें रखी हैं, जिनमें से कुछ मांगें जिन्ना के 14 सूत्रीय प्रस्ताव से मिलती-जुलती हैं। उलेमा काउंसिल ने वक्फ बिल का विरोध; नौकरियों और शिक्षा में मुस्लिमों के लिए 10% आरक्षण; महाराष्ट्र के 48 जिलों में मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों की जब्त की गई जमीन का सर्वेक्षण कराने; महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये देने; 2012 से 2024 तक दंगों के सिलसिले में कैद बेगुनाह मुस्लिमों को रिहा करने और मौलाना सलमान अजहरी को जेल से रिहा
मुसलमानों को विशेषाधिकार की मांग क्यों?
इसके अलावा, उलेमा बोर्ड ने यह भी मांग की है कि महाराष्ट्र में मस्जिदों के इमामों और मौलानाओं को हर महीने 15,000 रुपये पेंशन ; पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को प्राथमिकता ; पुलिस भर्ती में शिक्षित मुस्लिम समुदाय को प्राथमिकता दी जाए; रामगिरी महाराज और नीतेश राणे को जेल में डालें; ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के मुफ्ती मौलाना और अलीम हाफिज मस्जिद के इमाम को सरकारी समिति में शामिल किया जाए; विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के 50 उम्मीदवारों को टिकट; राज्य वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती और महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर से अतिक्रमण हटाने को विधानसभा में कानून पारित हो।
मुस्लिम वोटों के लिए शर्तों पर झुकी कांग्रेस
उलेमा बोर्ड आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने और भड़काऊ बयान देने वाले मौलाना सलमान अजहरी को छोड़ने की मांग कर रहा है। बोर्ड ने कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को अपनी मांगों की चिट्ठी सौंपते हुए एमवीए के समर्थन का खुला ऐलान किया है। उसने अपनी 17 मांगों में आततायी मुसलमानों की जेल से रिहाई तो हिंदू संतों और बीजेपी नेताओं को गिरफ्तारी की मांग की है। साफ है कि उलेमा बोर्ड मुस्लिम सांप्रदायिकता को हवा देना चाहता है, लेकिन हिंदुओं के मुंह पर ताले जड़ने का सपना देखता है। हैरत की बात है कि वोटों के लिए उलेमा बोर्ड की इस ब्लैकमेलिंग टैक्टिक्स को कांग्रेस गठबंधन ने खुले दिल से स्वीकार लिया है।
All india ulama board maharashtra MVA Support ban rss muslim reservations 17 demands Assembly polls
इमाम-मौलाना को 15000, नौकरी में 10% मुस्लिम आरक्षण, RSS पर बैन… इंडी ने मानी उलेमा बोर्ड की 17 शर्तें
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड, महाराष्ट्र ने महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों को समर्थन देने और प्रचार करने के लिए 17 शर्तें रखी हैं, जिनमें इमामा-मौलाना को हर माह 15000 रुपए का भत्ता, आरएसएस पर बैन सहित 17 मांगें शामिल हैं. एमवीए ने उनकी शर्तों को स्वीकार कर लिया है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड महाराष्ट्र ने महाविकास अघाडी को समर्थन देने के लिए 17 सूत्री शर्त रखी है, जिनमें वक्फ बिल का विरोध, नौकरी और शिक्षा में 10% मुस्लिम आरक्षण, इमाम और मौलाना का मासिक 15000 रुपए भत्ता, सरकार बनने पर आरएसएस पर प्रतिबंध जैसी शर्तें हैं. इस बाबत ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड, महाराष्ट्र के चेयरमैन नायाब अंसारी ने महाविकास अघाड़ी को पत्र दिया गया है. कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) ने सभी शर्तें मान ली है और उलेमा बोर्ड के नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित किया है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने उलेमा बोर्ड को जवाबी पत्र में कहा कि हमें ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड से एक बयान मिला है, जो 17 मांगों के लिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में हमारा समर्थन करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि आपके समर्थन को आपका शुक्रिया. उम्मीद है कि ऑल इंडिया उलमा बोर्ड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की जीत को प्रचार करेगा. उन्होंने कहा कि 17 मांगों के संबंध में हम आपको बताना चाहेंगे कि महाराष्ट्र में अखिल भारतीय सरकार बनने के बाद हम अपनी मांगों को लागू करने को निश्चित रूप से कदम उठाएंगे.
इसके साथ ही महाराष्ट्र के ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के 17 मांगों वाले पत्र के बाद शरद पवार की एनसीपी ने पत्र भेजकर उनके समर्थन को आभार व्यक्त किया और बोर्ड से एमवीए उम्मीदवारों की जीत को प्रचार करने की अपील की.
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड महाराष्ट्र की शर्तें-
1-वक्फ बिल का विरोध.नौकरी और शिक्षा में 10% मुस्लिम आरक्षण.
2-महाराष्ट्र के 48 जिलों में मस्जिद,कब्रिस्तान और दरगाह की जप्त जमीन को आयुक्त के जरिए सर्वे कराने का आदेश दिया जाए.
3-महाराष्ट्र के वक्फ मंडल के विकास के लिए 1000 रूपए का फंड दिया जाए.
4-साल 2012 से 2024 के बीच दंगे फैलाने के आरोपों में जेल में बंद मुसलमानों को बाहर निकालने की मांग.
5-मौलाना सलमान अजहरी को जेल से बाहर निकालने को एमवीए के 30 सांसद पीएम मोदी को खत लिखे.
6-महाराष्ट्र में मस्जिदों के इमाम और मौलाना को सरकार हर महीने 15000 रुपये .
7-पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को भी प्राथमिकता.
8-महाराष्ट्र में शिक्षित मुस्लिमों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता .
9-इंडिया गठबंधन रामगिरी महाराज और नितेश राणे को जेल में डालने को काम करे.
10-महाराष्ट्र में भारत गठबंधन के सहयोगियों के सत्ता में आने के बाद ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के मुफ्ती मौलाना, अलीम हाफिज मस्जिद के इमाम को सरकारी समिति में लिया जाना चाहिए.
11-महाराष्ट्र विधानसभा में 2024 के चुनाव में मुस्लिम समुदाय के 50 उम्मीदवारों को टिकट दिया जाना चाहिए.
12-महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र सरकार के माध्यम से महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए.
13-महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने को महाराष्ट्र विधानसभा में कानून पारित हो.
14-हमारे पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलने वाले लोगों पर कानूनी प्रतिबंध लगाने को कानून .
15-जब महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन सहयोगी सरकार बने, तो आरएसएस पर प्रतिबंध.
16-महाराष्ट्र में 48 जिलों में अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड है। बयान में उल्लिखित मांग को मंजूरी देने को इंडिया गठबंधन के नाना पाटोले, ठाकरे, शरद पवार को आश्वासन पत्र देना चाहिए.
17-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 इंडिया गठबंधन के लिए प्रचार करने को अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड को 48 जिलों में आवश्यक मशीनरी दें.