नकारात्मकता का पत्रकार दमखम से करें प्रतिकार: नंदकिशोर यादव
*नकारात्मक शक्तियों का प्रतिकार करें पत्रकार : नंदकिशोर यादव*
जमुहार (रोहतास) 04 अगस्त 2024 : एक समय राष्ट्रीय विचार के पत्रकारों का उपहास किया जाता था, जबकि अब वैसी स्थिति नहीं है। पत्रकारों से आग्रह है कि वे देश में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की भी चर्चा करें और पूरे दमखम के साथ नकारात्मक विचार फैलाने वाली शक्तियों का प्रतिकार भी करें। उक्त बातें बिहार विधान सभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने रविवार को नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स इंडिया की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि आसन से कहीं। रोहतास जिले के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय सभागार में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति के समापन सत्र में ।
उन्होंने आपातकाल के दिनों की चर्चा करते हुए कहा कि वह भी लोकवाणी नाम के प्रकाशन के साथ सक्रिय रूप से जुड़े थे और इस दौरान इस नीति पर काम किया कि हमारे किसी काम से किसी को भी नुकसान नहीं हो। उन्होंने महाभारत के संजय की चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपने अतीत पर गर्व हो और हम वर्तमान में यथार्थ के धरातल पर खड़े रहे, तब जाकर ही हम एक स्वर्णिम भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह ने आपातकाल के दौरान रामनाथ गोयनका के संघर्षों को याद किया। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से दलितों की समस्याओं को उद्घाटित करने और उन्हें जोड़ने का कार्य करना चाहिए। यूनियन के पत्रकारों को समाज में हो रही टूटन रोकने के लिए अभियान चलाकर कार्य करना होगा।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मलिक ने कहा कि संघर्ष से निकली पत्रकारिता का सम्मान होना चाहिए। तकनीक के कारण आज पत्रकारिता बदल रही है। हमारी सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीयता की है। जमीनी सच्चाई को देखकर समाज की आंख-कान की भूमिका निभाने का प्रयत्न आज के पत्रकार करें।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव सुरेश शर्मा ने कहा कि विगत दो दिनों तक चले राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में हुए महत्वपूर्ण बातों को साझा किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद किसी हमारे राष्ट्रीय अधिवेशन में इतनी खुली चर्चा हुई है, जो स्वागत योग्य है। राष्ट्रीय विचार के पत्रकारों की समस्या है कि वे वोकल नहीं हैं। पत्रकारिता में किस प्रकार से निखार आए। मीडिया संस्थाओं के स्वनियमन और अवलोकन की आवश्यकता है।
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स बिहार के अध्यक्ष राकेश प्रवीर ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि आज का दो दिनों का यह आयोजन आगे के लिए पाथेय बनेगा। एसपी जैन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर गुरुचरण सिंह ने महात्मा गांधी के इंडियन ओपिनियन के हिंदी संस्करण का काम देखने वाले रोहतास निवासी भवानी दयाल संन्यासी के अवदानों को रेखांकित किया। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स बिहार के महासचिव कृष्ण कांत ओझा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए पत्रकारों को नारद से प्रेरणा लेकर कार्य करने की बात कही।
इसके अलावा गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह, चिकित्सक डॉक्टर निर्मल कुशवाहा ने भी समापन समारोह को संबोधित किया। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स बिहार के उपाध्यक्ष ददन पांडेय ने मंच संचालन किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्यों को सम्मानित किया गया। ऑल मीडिया जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन उत्तरांखड के महामंत्री रवीन्द्रनाथ कौशिक ने मुख्य अतिथि बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, अनुशासन समिति संयोजक राजकुमार ग्रोवर ने पूर्व राज्यसभा सांसद तथा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह तथा कार्यकारिणी सदस्य श्री तरुण मोहन ने एनयूजेआई बिहार अध्यक्ष राकेश प्रवीर को अमजा उत्तराखण्ड की ओर से ओऊम गायत्री पटका पहना कर सम्मानित किया।
*पत्रकार के शब्द समाज के लिए मार्गदर्शन: संतोष कुमार सिंह
इससे पूर्व नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, इंडिया के राष्ट्रीय कार्य समिति का शनिवार को उद्घाटन करते हुए बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि पत्रकारिता समाज का दर्शन और मार्गदर्शन है। उन्होंने पत्रकारिता के आरंभ का संदर्भ सनातन संस्कृति से देते हुए बताया कि जब हमें पत्रकारीय आदर्श की बात करनी होती है तो हम देव ऋषि नारद की ओर देखते हैं। इसलिए पत्रकार का काम नारद जी की भांति समाज को सजग और सतर्क रखना भी है।
रोहतास जिले के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय में 03 और 04 अगस्त, 2024 को आयोजित इस राष्ट्रीय कार्य समिति में उन्होंने देशभर से आए पत्रकारों को आश्वासन देते हुए कहा कि पत्रकारों के वेतनभत्ते को लागू करने को श्रम संस्थान मंत्री के रूप में उनसे जो भी संभव होगा, वह करेंगे। इस अवसर पर नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स बिहार की ओर से प्रकाशित स्मारिका ‘उद्घोष’ का विमोचन किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि पत्रकार समाज का पथप्रदर्शक होता है, यह पैसे कमाने का माध्यम नहीं होता। उन्होंने पत्रकारिता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज देश चौराहे पर खड़ा है, जहां विभिन्न तरीके से देश पर प्रहार हो रहे हैं। इसे सहने और इसका सामना करने में पत्रकारिता की बड़ी भूमिका हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहां के लोग अपनी ही संस्कृति और संस्कार को लेकर हीनभावना ग्रस्त रहते हैं। इस नैरेटिव का भेदन करने की क्षमता सिर्फ पत्रकारिता में है, ऐसे में इसका दायित्व और भी अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने रामराज की अवधारणा को परिभाषित करते हुए कहा कि जहां हर कोई एक दूसरे की चिंता करता है, ऐसी भावना हमें पत्रकारिता जगत में भी लानी चाहिए।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मलिक ने आपातकाल में पत्रकारों पर लगाए गए प्रतिबंध और उसे दौरान एनयूजे की जीवटता की चर्चा की। उन्होंने बताया कि एनयूजे के प्रयासों से ही प्रेस काउंसिल ने स्वरूप में आया। उन्होंने श्रम न्यायालय में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने के लिए त्रिपक्षीय समिति निर्माण की मांग की। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव सुरेश शर्मा ने एन यू जे का सांगठनिक परिचय दिया और जनसरोकार वाली पत्रकारिता की वकालत की।
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, बिहार के अध्यक्ष राकेश प्रवीर ने देश के कोने-कोने से आए पत्रकार बंधुओ का अपने संबोधन से स्वागत किया और इस राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक की तैयारी से अवगत कराया। गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने इस आयोजन को ज्ञान का अमृत मंथन बताया। धन्यवाद ज्ञापन नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, बिहार के महासचिव कृष्णकांत ओझा ने किया, वहीं मंच संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष ददन पांडेय ने किया।
व्यवसायिक सत्र में राष्ट्रीय महामंत्री सुरेश शर्मा ने यूनियन की ईकाईयों के पत्रकार कल्याण और सुरक्षा के लिए आंदोलनों के उल्लेख में कहा कि यूनियन के पूर्व राष्ट्रीय पार्षद सुनील चौधरी की भूमि दबंगों के कब्जा लेने और प्राणभय को उपजा प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह तथा अमजा उत्तराखण्ड महामंत्री रवीन्द्रनाथ कौशिक के उत्तर प्रदेश शासन के सामने उठाने के बावजूद राहत न मिलना चिंता की बात है। इसे पूरे देश के पत्रकार समुदाय को गंभीरता से लेना चाहिए। इस अवसर पर श्री कौशिक ने सकारात्मक और राष्ट्रीय पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने को अमजा उत्तराखण्ड द्वारा शुरू किए गये स्वनामधन्य छह स्वर्गीय पत्रकारों के नाम पर प्रथम वर्ष 10 पत्रकारों को सम्मानित करने की जानकारी भी दी जो राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मलिक तथा स्थानीय वरिष्ठ विधायक विनोद चमोली के साथ भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल के हाथों वितरण कराये गये थे।