जूनियर पहलवानों का बजरंग,साक्षी और विनेश फोगाट के विरुद्ध प्रदर्शन
‘कुश्ती बर्बाद कर दी…’, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के विरुद्ध जूनियर रेसलर्स का प्रदर्शन
बसों में भरकर जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे,लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी.जूनियर पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना देते हुए उनकी वर्तमान स्थिति को सीनियर पहलवान बजरंग पुनिया,साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को दोषी ठहराया.
जंतर-मंतर पर जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन
नई दिल्ली, तीन जनवरी 2024,भारतीय कुश्ती में चल रहे संकट ने बुधवार को एक नया मोड़ ले लिया.कारण,सैकड़ों जूनियर पहलवान अपने करियर के एक महत्वपूर्ण वर्ष के नुकसान के विरोध में जंतर मंतर पर पहुंचे और धरना प्रदर्शन करने लगे.बसों में भरकर जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे,लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी.जूनियर पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना देते हुए उनकी इस स्थिति को सीनियर पहलवान बजरंग पुनिया,साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को दोषी ठहराया.
जंतर-मंतर पर पहुंचे जूनियर पहलवानों में से लगभग 300 छपरौली,बागपत के आर्य समाज अखाड़े से आए,जबकि कई अन्य नरेला में वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से पहुंचे.वहीं कई लोग अलग-अलग अखाड़ों से यहां धरना प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे और बजरंग पुनिया,साक्षी मलिक,विनेश फोगाट के खिलाफ नारे लगाए.इस बीच पुलिसकर्मियों को इन जूनियर पहलवानों को नियंत्रित करने को संघर्ष करना पड़ा.
जूनियर पहलवानों के प्रदर्शन के बीच एड-हॉक कमेटी ने काम करना शुरू कर दिया है.कमेटी की तरफ से कहा गया है कि अगले 6 हफ्ते के भीतर लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान,ग्वालियर में अंडर-15 और अंडर-20 श्रेणियों के लिए नेशनल चैंपियनशिप कराने की योजना बनाई जा रही है.
‘हमारी कुश्ती को 3 पहलवानों से बचाएं’
बता दें कि जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतियोगिताएं रुकी हुई हैं क्योंकि WFI को दो बार निलंबित कर दिया गया है और एक एड-हॉक पैनल फिलहाल खेल संचालित कर रहा है. विरोध करने वालों ने मांग की कि खेल मंत्रालय से खेल चलाने को नियुक्त एड-हॉक पैनल भंग करके निलंबित डब्ल्यूएफआई को बहाल किया जाए.प्रदर्शनकारियों के हाथ में बैनर थे,जिन पर लिखा था, ‘UWW हमारी कुश्ती को इन 3 पहलवानों से बचाएं,कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद.’
JUNIOR WRESTLERS ACCUSED SAKSHI MALIK VINESH PHOGAT AND BAJRANG PUNIA OF RUINING WRESTLING
जूनियर पहलवानों ने जंतर-मंतर पर कहा- विनेश, बजरंग और साक्षी मलिक ने की कुश्ती बर्बाद
दिल्ली के जंतर मंतर पर जूनियर पहलवानों ने बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. पहलवानों ने कहा कि पिछले 2 साल से कुश्ती खेल में राजनीति चल रही है. इसका नुकसान जूनियर पहलवानों को उठाना पड़ रहा है. यह सारी राजनीति सिर्फ तीन पहलवान कर रहे हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. अब युवा पहलवानों ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के खिलाफ मोर्चा खोला है. दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे जूनियर पहलवानों ने इन तीनों पर कुश्ती बर्बाद करने का आरोप लगाया है.
पहले भारतीय सीनियर पहलवानों ने भारतीय कुश्ती फेडरेशन संघ के चुनाव को लेकर विरोध किया था. इसके बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को निलंबित कर दिया. लेकिन अब जूनियर पहलवानों ने कुश्ती की कोई भी प्रतियोगिता नहीं कराए जानें को लेकर प्रदर्शन किया. दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जगह से आए जूनियर पहलवानों का कहना है कि बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक से उनकी ट्रेनिंग बाधित हो रही है. वह कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं.
बता दें, जनवरी 2023 से डब्ल्यूएफआई के दो बार के निलंबन से नेशनल कैंप और प्रतियोगिता निलंबित हो गई थी. युवा पहलवान राहुल चौधरी ने बताया कि 28 से 30 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के नंदिनी नगर गोंडा में कुश्ती चैंपियनशिप आयोजित होनी थी. लेकिन इन तीन पहलवानों ने फेडरेशन पर आरोप लगाकर चैंपियनशिप रुकवा दी. हैरानी की बात है कि जो आदमी अध्यक्ष पद की कुश्ती संभाल ही नहीं पाया, उसके ऊपर भी इन लोगों ने आरोप लगा दिए. चौधरी ने कहा कि जूनियर पहलवानों का भविष्य पिछले 2 साल से अंधकार में लटका है.हम लोग गरीब परिवार से हैं.हर साल 40 से 50 हजार खर्च होते हैं.हमारे मां-बाप इतना पैसा कहां से लाएंगें? इन लोगों ने तो अपना करियर बना लिया.नाम पैसा सब कमा लिया,इन लोगों के पास पैसा भी बहुत है.अब यह लोग सिर्फ राजनीति कर रहे हैं और जूनियर पहलवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.दिल्ली के अखाड़ा से पहुंचे कार्तिक ने बताया कि पिछले 2 साल से कुश्ती खेल में जो राजनीति चल रही है,वह गलत है.कोई भी कंपटीशन नहीं हो रहा है और इसका नुकसान जूनियर पहलवानों को उठाना पड़ रहा है.सारी राजनीति सिर्फ तीन पहलवान कर रहे हैं.कुश्ती फेडरेशन इन तीनों पहलवानों ने बदनाम कर दिया.आज कोई भी मां-बाप अपनी बहन-बेटियों को कुश्ती में भेजने से पहले सौ बार सोचेगा.
वहीं,जूनियर महिला पहलवान की मां आकांक्षा चौधरी ने बताया कि मेरी बेटी कुश्ती की तैयारी कर रही है.मुश्किल से तो बच्चों को चैंपियनशिप खेलने को एक डेट मिली थी.वह भी इन तीनों पहलवानों के कारण कैंसिल हो गई.बार-बार चैंपियनशिप की डेट आती है.बार-बार कैंसिल हो जाती है. पहले यह पहलवान कहते थे कि कुश्ती संघ का चुनाव नहीं हो रहा, बृजभूषण हटाओ.लेकिन जब संजय सिंह चुने गये तो इन लोगों को उनसे भी आपत्ति हो गई.
क्या होती है एड-हॉक कमेटी?
एड-हॉक कमेटी का मतलब है किसी विशेष विषय को सुलझाने को बनाई गई अस्थायी कमेटी.सामान्य रुप से कार्यकारी नेतृत्व ही एड-हॉक कमेटी बनाता है.लैटिन भाषा में,एड-हॉक का मतलब होता है,’इसके लिए’.जबकि इंग्लिश में इसका मतलब ‘केवल इस उद्देश्य को’ होता है. एड-हॉक कमेटी का मुख्य काम होता है, विशेष परामर्श और सुझाव देना.सलाह और सुझाव,कमेटी की स्थापना के उद्देश्य और कर्तव्यों पर केंद्रित होने चाहिए.एड-हॉक कमेटी में अलग-अलग पृष्ठभूमि और विषयों के लोग हो सकते हैं. जैसे- वकीलों,अकाउंटेंट और व्यावसायिक सलाहकारों की टीम. या फिर डॉक्टरों,नर्सों और चिकित्सा शोधकर्ताओं का ग्रुप.एड-हॉक कमेटी सीमित समय को और किसी विशेष विषय को सुलझाने को बनाई जाती है.
एक साल पहले इसी जगह धरने पर बैठे थे सीनियर पहलवान
उल्लेखनीय है कि लगभग एक साल पहले इसी जंतर-मंतर पर तीन सीनियर पहलवान बजंरग पुनिया,साक्षी मलिक और विनेश फोगाट तत्कालीन WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे थे.उन्होंने बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.इस दौरान तीनों पहलवान अपने उद्देश्य के लिए भारी समर्थन पाने में सफल रहे थे.किसान संगठन, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं,महिला संगठन और कुश्ती समुदाय के सदस्यों समेत तमाम लोग इनके समर्थन में आ गए थे.