गला काटने की धमकी, सरदाना की मौत पर जश्न छोड़ कंगना का ट्वीटर हैंडल सस्पेंड
अमानतुल्लाह ने दी गला काटने की धमकी, शरजील ने मनाया सरदाना की मौत का जश्न: इन्हें छोड़ Twitter ने सस्पेंड किया कंगना का हैंडल
शरजील उस्मानी और अमानतुल्लाह खान का ट्विटर हैंडल सस्पेंड नहीं (फाइल फोटो)
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का ट्विटर हैंडल सस्पेंड कर दिया गया है। कंगना रनौत ने पश्चिम बंगाल में TMC के गुंडों द्वारा की जा रही हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाई थी, जिसके बाद हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप में ट्विटर ने उनका हैंडल हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया। लेकिन, खुलेआम हत्या की बात करने वाले अमानतुल्लाह खान और एक पत्रकार की असामयिक मौत का जश्न मनाने वाले शरजील उस्मानी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आइए, आपको याद दिलाते हैं कि कैसे तथाकथित एक्टिविस्ट शरजील उस्मानी और AAP विधायक अमानतुल्लाह खान की करतूतों के बावजूद ट्विटर ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। शरजील उस्मानी आजतक के एंकर रोहित सरदाना की मौत की खबर के तुरंत बाद उन्हें ‘Sociopath’ ‘genocide enabler’ और ‘pathological liar’ कहा था। साथ ही उनकी मौत पर जश्न माने को जायज ठहराया था।
इसी तरह अमानतुल्लाह ने ट्विटर पर लिखा था, “हमारे नबी की शान में गुस्ताखी हमें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं, इस नफ़रती कीड़े की ज़ुबान और गर्दन दोनों काट कर इसे सख़्त से सख़्त सजा देनी चाहिए। लेकिन हिंदुस्तान का कानून हमें इसकी इजाज़त नहीं देता, हमें देश के संविधान पर भरोसा है और मैं चाहता हूँ कि दिल्ली पुलिस इसका संज्ञान ले।” ट्विटर ने इस ट्वीट को डिलीट कर के इतिश्री कर ली और उनका हैंडल सस्पेंड नहीं हुआ
जबकि कंगना रनौत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर कार्रवाई करने की अपील की तो ट्विटर ने उनके हैंडल को हटा दिया। लोग इसे कंपनी का दोहरा रवैया बता रहे हैं। इससे पहले ट्विटर पर पीएम मोदी को नरसंहारक बताया गया था, जिस पर केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया था। कंगना रनौत ने सस्पेंशन के बाद कहा है कि उनके ट्विटर हैंडल को हटाए जाने से ज्यादा ज़रूरी है बंगाल हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाना।
बंगाल हिंसा पर रखें फोकस,कंगना ने कहा, अकाउंट सस्पेंड होना नहीं महत्वपूर्ण
पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर मुखर होकर बात रखने के लिए माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने आज (मई 4, 2021) बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का अकाउंट सस्पेंड कर दिया। ट्विटर ने कहा कि ये कार्रवाई नियमों के उल्लंघन पर हुई है। वहीं कंगना रनौत ने इस कार्रवाई को पक्षपाती और अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा रोकने के लिए लोगों को लगातार आवाज उठानी चाहिए।
कंगना ने कहा, “मैं सभी से अनुरोध करना चाहती हूँ कि बंगाल हिंसा पर ध्यान केंद्रित रखें और नरसंहार को रोकने के लिए सरकार पर दबाव डालें। पूरा ध्यान निलंबन (मेरे ट्विटर अकाउंट) पर चला गया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं कई प्लेटफार्मों के माध्यम से आ सकती हूँ। इसे विवाद मत बनाइए।”
जब अकाउंट सस्पेंड पर ट्विटर द्वारा दी गई वजह पर कंगना से सवाल पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह सिर्फ़ उन लोगों को न्याय दिलाने के बारे में बात कर रही थीं, जिन्हें टीएमसी की प्रचंड जीत के बाद मार डाला गया।
मीडिया रिपोर्ट्स में जहाँ बताया जा रहा है कि कंगना का अकाउंट हिंसा की माँग करने के कारण सस्पेंड किया गया, वहीं कंगना ने कहा कि उन्हें ट्विटर की ओर से अलग से ऐसी कोई वजह नहीं बताई गई है।
उन्होंने कहा कि वह राज्य में हिंसा के लिए नहीं बोल रहीं थी, बल्कि राज्य भर में हो रही हिंसा, जिसमें अधिकतर भाजपा कार्यकर्ता मर रहे हैं, उसके मद्देनजर राष्ट्रपति शासन लागू करने की बात कह रही थीं। सीपीएम और कॉन्ग्रेस के स्थानीय नेता भी कह रहे हैं कि उनके अधिकारी और कार्यकर्ताओं पर ममता बनर्जी की टीएमसी के गुंडों ने हमला किया।
कंगना ने बताया कि उनके अकाउंट सस्पेंड होने के कुछ मिनटों पहले उन्होंने एक वीडियो मैसेज रिलीज किया था। इसमें उन्होंने राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग की। उन्होंने पूछा कि मीडिया को आखिर क्यों चिंता नहीं है और क्यों केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लागू करने से डर रही है।
नीचे जोड़ी गई वीडियो में देख सकते हैं कि कंगना अपनी बात कहते हुए कितनी परेशान हैं और रो भी रही हैं। वह कहती हैं, “जब मैंने ये वीडियो पोस्ट की। मात्र 15-20 मिनट में बाद मेरा अकाउंट सस्पेंड हुआ।” इसके अलावा कंगना ने बताया कि उनके विरुद्ध बंगाल में कई मुकदमे भी दर्ज करवाए गए हैं।
कंगना ने कहा कि वह नहीं चाहतीं कि ये मुद्दा उनकी ओर घूमे। उनके मुताबिक, “हमें जरूरतमंद लोगों से ध्यान हटाकर, मेरे जैसों पर इसे (ध्यान) लेकर नहीं आना है जिनके पास प्राइम टाइम शो या फिर बढ़िया समचार पत्रों में बात रखने की सुविधा है।”
वीडियो में क्या बोलीं कंगना?
रिलीज वीडियो में कंगना कहती हैं, “दोस्तों हम लोग देख रहे हैं कि बंगाल से बहुत ज्यादा डिस्टर्ब करने वाली खबरें सामने आ रही हैं। मर्डर हो रहे हैं। दंगे हो रहे हैं। गैंगरैप हो रहे हैं। घरों को जलाया जा रहा है। कोई भी लिबरल कुछ नहीं कह रहा है। कोई इंटरनेशनल मीडिया भी इसे खबर नहीं कर रहा है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ये कौन सी कॉन्सपिरेसी चल रही है इंडिया के खिलाफ। कोई बहुत बड़ी कॉन्सपिरेसी है। ये बहुत ही ज्यादा अननेचुरल है।”
उन्होंने कहा, “मैं सरकार की बहुत बड़ी सपोर्टर हूँ। मैं ये सब देख कर बहुत ज्यादा निराश हूँ। वहाँ पर खून की नदियाँ बह रही हैं। तो आप लोग धरना देना चाहते हैं। कड़ी निंदा करना चाहते हैं। क्यों डर गए हैं आपलोग देशद्रोहियों से? क्या अब देशद्रोही ये देश चलाएँगे? मुझे पता है कि हम लोग बुरी तरह से फँस गए हैं। इस वक्त पर जब प्रेसिडेंट रूल की जरूरत है। पंडित नेहरू ने 12 बार लगाया था। इंदिरा गाँधी ने 50 बार लगाया था। मनमोहन सिंह ने 10 बार लगाया था। हम किससे डर रहे हैं? क्या मासूमों की हत्या होगी और हम लोग सिर्फ धरना देंगे। मेरा सरकार से कहना है कि ये नरसंहार रोकिए और कड़े से कड़े कदम उठाइए।”