केरल हाईकोर्ट का वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट से मोदी फोटो हटाने से इंकार,पिटीशनर पर जुर्माना यथावत
प्रधानमंत्री की फोटो विज्ञापन नहीं:केरल हाईकोर्ट ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से PM की फोटो हटाने की मांग वाली याचिका खारिज की
तिरूवनंतपुरम 25 जनवरी। केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री के फोटो के खिलाफ लगाई गई याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का जनता को दिया संदेश है,कोई विज्ञापन नहीं। चीफ जस्टिस एस मणि कुमार और जस्टिस शाजी पी शाली की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की। उन्होंने सिंगल जज बेंच के आदेश को बदलने का कोई कारण नहीं पाया,न ही याचिकाकर्ता पर लगे जुर्माने को कम किया।
बाद में फैसला देगा हाई कोर्ट
हाई कोर्ट, सिंगल जज बेंच के उस फैसले पर सहमत था जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री का फोटो कोई विज्ञापन नहीं है। संदेश देना उनका अधिकार है, भले ही वह वैक्सीनेशन सर्टिफकेट पर ही क्यों न हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले में बाद में फैसला जारी करेगा।
इससे पहले 21 दिसंबर को भी RTI एक्टिविस्ट के जरिए लगाई गई याचिका को सिंगल जज बेंच ने खारिज कर दिया था। साथ ही याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
सर्टिफिकेट पर मोदी की फोटो से परेशानी
याचिकाकर्ता के वकील अजीत जॉय ने दलील दी कि प्रधानमंत्री की फोटो सर्टिफिकेट पर लगाने से जनता का कोई फायदा नहीं हो रहा है। किसी का सर्टिफिकेट उसकी प्राइवेट प्रॉपर्टी है, इस पर उसकी जानकारी दर्ज होती है। यह प्रचार की जगह नहीं है। इस तरह की फोटो से मतदाता का मन बदल सकता है। फोटो लगाकर सर्टिफिकेट देने वाले को अपनी बात सुनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
चुनाव वाले राज्यों के सर्टिफिकेट में फोटो नहीं
पांच राज्यों में चुनावों की तारीख घोषित होने के साथ ही चुनाव आयोग ने यह घोषणा कर दी थी कि आचार संहिता के दौरान सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी का फोटो नहीं होगा। को-विन ऐप पर इसे फिल्टर लगाकर हटा दिया जाएगा।
इन पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड शामिल हैं। यहां 10 फरवरी से 7 मार्च तक चुनाव होने हैं। इस वजह से यहां सर्टिफिकेट पर PM मोदी की फोटो हटाने का निर्देश दिया गया था।
बिहार के पूर्व CM ने भी की थी आपत्ति
वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर होने का विवाद नया नहीं है। इसके पहले बिहार में NDA सरकार में साझीदार रहे पूर्व CM जीतन राम मांझी ने भी यही सवाल उठाया था कि सर्टिफिकेट पर संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए। यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए। यही न्याय संगत होगा।