किशोर को भाजपा नेताओं से मुलाकात पड़ी भारी, कांग्रेस कमेटियों से निकाला

कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाया, चोरी छिपे मिल रहे थे भाजपा नेताओं से
कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को चुनाव संबंधित समितियों समेत सभी पदों से हटा दिया है। इस संबंध में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आदेश जारी कर दिया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाया गया है।

Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाया, चोरी छिपे मिल रहे थे भाजपा नेताओं से कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को चुनाव संबंधित समितियों समेत सभी पदों से हटा दिया है।

देहरादून 12जनवरी । पिछली सरकार में कांग्रेस विधायक दल में टूट का घाव कांग्रेस के लिए ऐसा दुस्वप्न बना हुआ है जिसे वह चाहकर भी भुला नहीं पा रही है। कांग्रेस को जनता छोड़िए, अपने नेताओं तक पर भरोसा नहीं बन पा रहा। वह ‘दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है’ कहावत पर अमल करती दिख रही है। आज बुधवार को कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को चुनाव संबंधित समितियों समेत सभी पदों से हटा दिया है। इस संबंध में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आदेश जारी कर दिया है। क‍िशोर उपाध्‍याय पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने और भाजपा के नेताओं से मुलाकात कर कांग्रेस की सरकार के खिलाफ मुहिम को कमजोर करने का आरोप लगाया गया है। इस घटनाक्रम को कांग्रेस में हरीश रावत गुट का वर्चस्व मजबूत होने का प्रमाण भी माना जा सकता है। याद रहे, कांग्रेस के प्रथम परिवार के नजदीक माने जाने वाले किशोर उपाध्याय की हरीश रावत से तब भी नहीं बनती थी जब वे कांग्रेस अध्यक्ष और हरीश रावत मुख्यमंत्री थे। हालांकि उपाध्याय भाजपा ही नहीं, अपने वनाधिकार मुद्दे पर और दलों से भी समय-समय पर मिलते रहे हैं। कुछ दिन पहले उनके समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव तक से मुलाकात की फोटो सार्वजनिक हुई थी।

कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय से सभी जिम्मेदारियां वापस ली

– पार्टी को डर है कि भाजपा में शामिल हो सकते हैं उपाध्याय

– उपाध्याय चुनाव के लिए बनी कांग्रेस समन्वय समिति के प्रमुख थे

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। इसलिए, पार्टी ने सख्ती दिखाते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से चुनाव से जुड़ीं सभी जिम्मेदारियां वापस ले ली हैं। उपाध्याय पर भाजपा के नजदीकी का आरोप है।

प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने किशोर उपाध्याय को पत्र लिखकर कहा है कि उत्तराखंड के लोग भाजपा की भ्रष्ट सरकार से परेशान हैं और उसे उखाड फेंकना चाहते हैं। इसके बावजूद आपके लगातार भाजपा और दूसरी पार्टियों से मिलने से लड़ाई कमजोर हो रही है। देवेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर कई बार किशोर उपाध्याय को चेतावनी दी थी, पर इनका कोई असर नहीं हुआ। इसलिए, अगले आदेश तक पार्टी ने उपाध्याय से चुनाव सहित सभी जिम्मेदारियों को वापस ले लिया है। इन सबके बीच किशोर उपाध्याय पार्टी छोड़ने की अटकलों को लगातार खारिज करते रहे हैं। यह अलग है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देहरादून कार्यक्रम में भी किशोर उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने की चर्चा गर्म रही लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

प्रदेश के पूर्व उद्योग मंत्री किशोर उपाध्याय उत्तराखंड विधान सभा चुनाव के लिए बनी कांग्रेस समन्वय समिति के प्रमुख की भूमिका निभा रहे थे। वह राज्य कांग्रेस कोर कमेटी और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे। उपाध्याय 2002 और 2007 में टिहरी विधानसभा क्षेत्र से जीते थे। उपाध्याय 2014 से 2017 तक कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष थे। उत्तराखंड में 14 फरवरी को विधानसभा की सभी 70 सीटों पर मतदान होना है।

रात के अंधेरे में भाजपा नेताओं से मिलने का आरोप

उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव के मौके पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के रात के अंधेरे में भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री और चुनाव प्रभारी से मुलाकात ने राजनीति को गर्मा दिया था। इससे कांग्रेस भी असहज नजर आ रही थी। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने ऐसी किसी संभावना से इन्कार किया था। उन्होंने कहा था कि किशोर भाजपा जैसी सांप्रदायिक पार्टी में जाएंगे, ऐसा नहीं लगता।

कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं तेज

बता दें कि प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने चार जनवरी की रात भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से उनके फ्लैट में मुलाकात की थी। इस दौरान वहां केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी भी मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद किशोर उपाध्याय के भाजपा में जाने की चर्चाएं तेज हो गईं थीं। दरअसल, बीते दिनों किशोर उपाध्‍याय भाजपा राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी से भी मिले थे। उनके भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं तेज हो गए थी। हालांकि उन्होंने सफाई दी थी कि वे वनाधिकार मुद्दे को लेकर सभी दलों से मिलते रहे हैं और यह मुलाकात भी इसी सिलसिले में थी। वे कांग्रेस कतई नहीं छोड़ रहे हैं।

कार्रवाई पर हरीश रावत बोले, बीजेपी नेताओं से किशोर का मिलना मुझे भी अटपटा लगा

कांग्रेस की इस कार्रवाई पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत का भी बयान आया है. हरीश रावत ने इसके पीछे के कारणों के बारे में बताया है.
किशोर उपाध्याय पर कांग्रेस पार्टी की कार्रवाई को लेकर हरीश रावत ने कहा कि इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे पार्टी को उनके खिलाफ क्या-क्या प्रमाण मिलेंगे होंगे? इस पर मेरी कोई चर्चा नहीं हुई, जब चर्चा होगी. तब में बताऊंगा, लेकिन राजनीति के अंदर आपको केवल शब्दों से ही नहीं, कभी-कभी व्यवहार से भी लोगों को आश्वस्त करना होता है कि आप सही दिशा में सोच रहे हैं और सही दिशा में कदम उठा रहे हैं. कुछ दिन पहले देर रात किशोर उपाध्याय बीजेपी के राष्ट्रीय नेता से मुलाकात की थी, जो मुझे भी अटपटा लगा. क्योंकि मैंने भी इस मुलाकात के फुटेज देखें थे.

किशोर उपाध्याय मेरे वर्षों के सहयोगी हैं. उन पर हुई कार्रवाई को लेकर मैं कारणों को जानने की कोशिश करूंगा. मामले में मैं प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से बात करूंगा. क्योंकि मेरा इस विषय में कुछ कहना तभी सार्थक होगा.
किशोर उपाध्याय पर हुई कार्रवाई पर हरीश रावत बोले-मामले में कुछ तो प्रमाण आए होंगे, तभी उनके खिलाफ इस तरह का कदम उठाया गया होगा. उन्होंने मुझे जरूर बताया था कि सपा के लोग उनको अपने यहां आमंत्रित करना चाहते हैं, लेकिन सिर्फ इस आधार पर किसी को नहीं हटाया जा सकता है. कांग्रेस बहुत सहनशील पार्टी है और लोगों को बहुत अवसर देती है. जरुर इससे आगे कुछ बात हुई होंगी. जिसके आधार पर कदम उठाया गया होगा. बीते कुछ दिनों पहले किशोर उपाध्याय प्रदेश भाजपा के संगठन महासचिव अजय कुमार के आवास पहुंचे थे, जहां उन्होंने बीजेपी चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *