किशोर उपाध्याय का हरीश रावत को जवाब- मैं नहीं किसी का हनुमान
वह राम होंगे, मैं हनुमान नहीं, किशोर उपाध्याय का हरीश रावत को जवाब
वह राम होंगे, मैं हनुमान नहीं, किशोर उपाध्याय का हरीश रावत को जवाब
टिहरी 03 मार्च । कभी कांग्रेस अध्यक्ष रहकर भी टिहरी सेे टिकट के लिए तरसने वाले किशोर उपाध्याय टिहरी से ही विधायक हैं और उन्हीं दिनेश धनै को धूल चटाकर जिनसे वे कुछ सौ वोटों से हार कर सत्ता में भागीदारी से रह गये थे। वे सबको चौंकाते हुए धुर विरोधी भाजपा में शामिल हुुए और सहज भाव से उसमें एकाकार भी हो गये। चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त करवा दी।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश द्वारा खुद को एक समय उनका हनुमान बताने पर अब टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने कड़ी आपत्ति जताई है। एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा है कि आप राम होंगे लेकिन मैं बिलकुल भी हनुमान नहीं हूं।
असल में एक पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा था कि उन्हें जरुरत पड़ी तो उनके हनुमान किशोर उपाध्याय दुश्मन खेमे में खड़े मिले। किशोर उपाध्याय के भाजपा में जाने को हरीश रावत ने उनका पतन बताया था।
पूर्व मुुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा अपनी तुलना हनुमान जी से करने पर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने कड़ी आपत्ति की। कभी रावत के सबसे विश्वासपात्र रहे किशोर चुनाव के वक्त कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस चुनाव में वो टिहरी से चुनाव जीते हैं। किशोर ने राज्य में वनाधिकार लागू न होने के लिए रावत को भी जिम्मेदार ठहराया है।
बकौल किशोर, मैंने आज ही रावत की एक सोशल मीडिया पोस्ट देखी। उसमें उन्होंने स्वयं को भगवान राम के रूप में चित्रित करते हुए मुझ नाचीज को एक समय अपने हनुमान के रूप में बताया है। रावत जी भले राम हो सकते हैं लेकिन मेरे जैसा साधारण गरीब हल्या का बेटा हनुमान नहीं हो सकता।
किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि हनुमान जी की कृपा से मैंने, धीरेंद्र प्रताप, पूर्ण सिंह डंगवाल और रणजीत रावत ने रावत की राजनीतिक इच्छाओं को अपना बलिदान देकर पूरा किया है। रावत को इसका ख्याल रखना चाहिए। वरना एक वक्त वो बसंत कुंज में अवसादग्रस्त बैठे थे।
किशोर ने आगे कहा कि, कौन रावण है, इस समय मतदाता ने आइना दिखा दिया है। स्वयं को राम घोषित करना, रावत जैसे महान व्यक्ति को शोभा नहीं देता है और अगर आप भगवान राम हैं तो देवप्रयाग जाकर अपने पापों का मोचन अवश्य करिएगा।
वैसे किशोर उपाध्याय की आज दिन भर टिहरी से विक्रमी नवसंवत्सर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आयोजन अवसर पर पूर्ण स्वयंसेवक गणवेश में फोटो सोशल मीडिया में तैरती रहीं जो कांग्रेस के जले पर नमक का काम कर रहीं हैं। याद रहे, भाजपा में शामिल होते उपाध्याय ने जोर देकर कहा था कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कामों से प्रभावित होकर भाजपा में आये हैं। उन्हे अपने राजनीतिक अनुभव से पता था कि भाजपा में अपनी जगह बनाने को सबसे विश्वसनीय रास्ता संघ ही है। वैसे उन्होंने अपने व्यक्तिगत विषय वनाधिकार कानून को अभी भी नहीं छोड़ा और इस पोस्ट में वे यह कहने से नहीं चूके कि हरीश रावत जैसे जनप्रतिनिधियों के रहते ही प्रदेश के लोग इससे वंचित रहे हैं।