ज्ञान:12लाख रुपए तक टैक्स फ्री तो 10% का स्लैब क्यों?

अगर 12 लाख तक इनकम टैक्स FREE तो ये 10 प्रतिशत की स्लैब क्यों? आसान भाषा में समझें
अगर आपकी सैलरी 13 लाख रुपए है और इसे टैक्स स्लैब के हिसाब से 4 हिस्सों में बांट लेते हैं. पहले चार लाख, दूसरे चार लाख, तीसरे चार लाख और आखिरी में बचा एक लाख. पहले चार लाख रुपए पर कोई टैक्स नहीं है. अब अगले 4 से 8 लाख वाला जो हिस्सा है, उसमें 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा, यानी ये जाएगा 20 हजार रुपए. अब इसके आगे 8 से 12 लाख रुपये वाले हिस्से पर 10 प्रतिशत टैक्स लगेगा. जो करीब 40 हजार रुपए होगा. अब बचे आखिरी के एक लाख रुपए. ये एक लाख रुपए 15 प्रतिशत टैक्स में आएंगे.

सरकार ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है

नई दिल्ली,01 फरवरी 2025।आज सरकार ने 12 लाख तक की आय पर टैक्स माफ का ऐलान किया है, लेकिन लोगों के मन में इसे लेकर कई सवाल हैं, जैसे अगर किसी की सैलरी 13 लाख है तो उस पर कितना टैक्स लगेगा? इसके साथ ही सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन ये है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स माफ है तो फिर क्या सिर्फ एक लाख पर टैक्स देना होगा? इसका जवाब है- नहीं.

लोगों का एक सवाल ये भी है कि अगर सैलरी 13 लाख है तो क्या हमें 15 प्रतिशत टैक्स देना होगा? तो इसका जवाब भी है- नहीं.

इसी से जुड़ा तीसरा सवाल है कि जब 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री है तो सरकार ने ये स्लैब सिस्टम क्यों दिया है, 4 से 8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत, 8 से 12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत का इनकम टैक्स क्यों?

ऐसे मिलेगा जबरदस्त फायदा
अब सारे सवालों का जवाब एक-एक कर देते हैं.

अगर आपकी सैलरी 13 लाख रुपए है और इसे टैक्स स्लैब के हिसाब से 4 हिस्सों में बांट लेते हैं. पहले चार लाख, दूसरे चार लाख, तीसरे चार लाख और आखिरी में बचा एक लाख. पहले चार लाख रुपए पर कोई टैक्स नहीं है. अब अगले 4 से 8 लाख वाला जो हिस्सा है, उसमें 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा, यानी ये जाएगा 20 हजार रुपए. अब इसके आगे 8 से 12 लाख रुपये वाले हिस्से पर 10 प्रतिशत टैक्स लगेगा. जो करीब 40 हजार रुपए होगा. अब बचे आखिरी के एक लाख रुपए. ये एक लाख रुपए 15 प्रतिशत टैक्स में आएंगे… अब एक लाख का 15 प्रतिशत हुआ 15 हजार रुपए. अब पूरे अमाउंट पर लगने वाले टैक्स को जोड़ दें तो ये जाएगा 75 हजार रुपए. यानी 13 लाख की आय वाले को 75 हजार रुपए टैक्स देना होगा.

इसी फॉर्मूले पर आगे की सैलरी वालों की टैक्स प्रणाली भी काम करेगी. जैसे 14 लाख आय पर 90 हजार रुपये टैक्स, 15 लाख पर 105000 रुपये, 16 लाख पर 1,20,000 रुपये टैक्स बनेगा. पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से 16 लाख रुपये पर 1 लाख 70 हजार रुपये टैक्स देना होता था, लेकिन नए स्लैब के हिसाब से सिर्फ 1,20,000 रुपये टैक्स देना होगा. यानी यहां भी उसे फायदा होगा.

किसे मिलेगा टैक्स में छूट का लाभ?

कन्फ्यूजन ये है कि ये फैसला सिर्फ नौकरीपेशा लोगों के लिए लागू हुआ है, हालांकि सरकार ने बजट में साफ-साफ कहा है चाहे आप नौकरी करते हों, कोई व्यापार करते हों या कोई दुकान चलाते हों,  आपकी सालाना आय 12 लाख या उससे कम है, तो आपको इनकम टैक्स देने की कोई ज़रूरत नहीं है. इसमें नौकरीपेशा लोगों को एक एडवांटेज ये है कि उन्हें इस छूट के साथ 75 हज़ार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलता रहेगा. उदाहरण को अगर किसी नौकरीपेशा व्यक्ति का वार्षिक वेतन 12 लाख 75 हज़ार रुपये है, तो 75 हज़ार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलने से उसका वेतन  12 लाख हो जाएगा और उसे कोई इनकम टैक्स नहीं
 ओल्ड टैक्स रिजीम के ताबूत पर सरकार ने ठोक दी आखिरी कील? जाने न्यू टैक्स स्लैब के फायदे
वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने बताया कि अब 12.75 लाख रुपये तक की इनकम  टैक्स फ्री कर दी गयी है. ये मिडिल क्लास को एक बड़ी राहत की बात है.

न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब में सरकार ने किया बड़ा बदलाव

सरकार ने मिडिल क्लास को राहत देते हुए शनिवार को पेश किए गए बजट (Budget 2025) में बड़ा ऐलान किया. वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने अपनी बजट स्पीच में सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री करने की घोषणा की. इसके अलावा 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलेगा. इसके बाद ऐसा लगा कि सरकार ने ओल्ड टैक्स रिजीम के ताबूत पर आखिरी कील ठोक दी है. अगर कैलकुलेशन देखें तो तमाम तरीके की छूट लेने के बाद भी ओल्ड टैक्स रिजीम के मुकाबले न्यू टैक्स रिजीम बेहतर साबित हो रहा है.

वैसे तो अगर आप डिडक्शन लाभ नहीं लेते हैं तो हर तरह से न्यू टैक्स रिजीम बेहतर है. लेकिन अगर आपकी आय 15 लाख या उससे ज्यादा है तो फिर न्यू टैक्स रिजीम फायदे का सौदा साबित होगा. अगर आपकी 20 लाख, 25 लाख या फिर 30 लाख है फिर आपके लिए न्यू टैक्स रिजीम बेहतर होगा. आइए जानते हैं फायदे का पूरा गणित…

ओल्ड टैक्स रिजीम में कैसे फायदा

ओल्ड टैक्स रिजीम (स्लैब)
– 0 से 2.5 लाख रुपये तक की आय पर: 0%
– 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर: 5%
– 05 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय: 20%
– 10 लाख से अधिक की आय पर: 30%

कैलकुलेशन समझने के लिए मान लेते हैं राकेश की सालाना कमाई 15 लाख रुपये है और वो ओल्ड टैक्स रिजीम चुनता है, तो फिर इसके तहत में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) 50,000 रुपये तक मिलता है. इसे सबसे पहले उसकी आय में घटा देते हैं, जिसके बाद (15,00,000-50,000= 14,50,000 रुपये), टैक्स के दायरे में 14.50 लाख रुपये की आय आती है.

इसके बाद राकेश 80C मॅ 1.5 लाख रुपये बचा सकते हैं. इसको EPF, PPF, ELSS, NSC में निवेश करना होता है. आप दो बच्चों के ट्यूशन फीस में 1.5 लाख रुपये तक की रकम पर आयकर (Income Tax) छूट का लाभ उठा सकते हैं. फिर उसकी टैक्सेबल इनकम डेढ़ लाख रुपये और कम होकर 13 लाख रुपये रह जाती है. अगर इसमें वो नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश पर सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये की टैक्स बचत कर सकता है. जिससे टैक्सेबल इनकम 12.50 लाख रुपये रह जाता है.

इनकम टैक्स

इसमें और भी छूट ले सकते हैं और मान लीजिए राकेश ने होम लोन (Home Loan) लिया है, तो 24B के तहत वो अतिरिक्त 2 लाख रुपये तक बचा सकता है. इसे भी आप सालाना आय में घटा देते हैं तो फिर सिर्फ 10.50 लाख रुपये की इनकम टैक्स में दायरे में आती है. इसके अलावा भी इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत मेडिकल पॉलिसी लेकर आप 25 हजार रुपये के अलावा राकेश अपने माता-पिता के नाम पर हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) खरीदकर 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त डिडक्शन पा सकते हैं और इन सब छूटों को मिलाने के बाद कुल टैक्स देनदारी के दायरे में 9.75 लाख रुपये की इनकम आती है, जिस पर ओल्ड टैक्स रिजीम के हिसाब से 1,11,800 रुपये का आयकर बनता है.

न्यू टैक्स रिजीम (2025) से कैलकुलेशन
शनिवार को न्यू टैक्स रिजीम मॅ इनकम टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव को देखें, तो 15 लाख की इनकम 15 फीसदी टैक्स के दायरे में आती है. अब अगर राकेश न्यू टैक्स रिजीम चुनता है, तो इसमें ओल्ड टैक्स रिजीम से ज्यादा 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. तो आयकर के दायरे में 14.25 लाख रुपये आते हैं. उसके बाद प्रस्तावित न्यू टैक्स स्लैब-2025 के हिसाब से टैक्स को कैलकुलेट करते हैं.

इनकम टैक्स

स्टैंडर्ड डिडक्शन घटाने के बाद….
1500000- 75000 = 14,25000 रुपये

0–4 0% = 0
4–8 5% = 20,000 रुपये
8–12 10% = 40,000 रुपये
12–16 15% = 33,750 रुपये

अब 12 से 16 लाख के स्लैब में 15 लाख की आय वालों की इनकम 2.25 लाख रुपये रह जाती है, जिसपर 15 फीसदी आयकर लागू होता है. इस हिसाब से 15 लाख की आय पर इनकम टैक्स 93,750 रुपये बनता है, इसपर अलग से 4 फीसदी सेस की व्यवस्था है, जो कि 3750 रुपये बनता है. इस तरह से कुल आयकर 97,500 रुपये होता है.

14300 रुपये का सीधा फायदा
इस कैलकुलेशन से साफ हो जाता है कि Budget 2025 में सरकार की ओर से टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव के बाद राकेश के लिए न्यू टैक्स रिजीम की ओर जाना फायदे का सौदा साबित होता है. अगर बचत की बात करें, तो ऐसा करके वो 15 लाख रुपये तक की कमाई पर सीधे 14,300 रुपये बचा लेता है. इस अंतर को देखकर ये कहना गलत न होगा कि Old Tax Regime की तुलना में अब New Tax Regime बेहतर है.

TOPICS:
इनकम टैक्स
बजट
निर्मला सीतारमण

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