ज्ञान: सेव के बीज में साइनाइड जहर? हां,थोडा सा..लेकिन…

क्या सेब के बीज में वाकई जहर होता है? इस बारे में क्या कहती हैं रिसर्च, दूर कर लें कंफ्यूजन
Can Apple Seeds Kill You: सेब के बीजों को नुकसानदायक माना जाता है. कई लोग मानते हैं कि सेब के बीज में जहरीले तत्व होते हैं और इन बीजों को ज्यादा मात्रा में चबाकर खाएं, तो मौत हो सकती है. क्या वाकई इस बात में सच्चाई है?

क्या सेब के बीज में वाकई जहर होता है? इस बारे में क्या कहती हैं रिसर्च
सेब के बीज ज्यादा मात्रा में खाना खतरनाक हो सकता है.
हाइलाइट्स
सेब के बीज में एमिग्डालिन होता है, जो सायनाइड रिलीज कर सकता है.
थोड़ी मात्रा में सेब के बीज चबाने से शरीर को कोई खतरा नहीं होता है.
लगभग 200 बीज चबाने से सायनाइड की खतरनाक मात्रा बन सकती है.
Apple Seeds Myths Vs Facts: सेब को सबसे अच्छा फल माना जाता है. माना जाता है कि रोज एक या सेब खाने से लोग लंबी उम्र तक स्वस्थ और निरोगी बने रह सकते हैं. सेब में तमाम नेचुरल तत्व होते हैं, जो बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. हालांकि सेब खाते वक्त उसके बीज निकालना बहुत जरूरी है. सेब के बीज में जहरीले पदार्थ होने की बात कही जाती है और कई लोग तो मानते हैं कि उसमें जहरीला साइनाइड होता है. यहां तक कहा जाता है कि ज्यादा मात्रा में सेब के बीज खाने से लोगों की मौत भी हो सकती है अब सवाल है कि क्या वाकई सेब के बीज जहरीले होते हैं? इस बारे में फैक्ट जान लेते हैं.

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक सेब के बीज में सेब के बीजों में एमिग्डालिन (Amygdalin) नामक एक कंपाउंड होता है, जो शरीर में पाचन के दौरान सायनाइड नामक केमिकल रिलीज करता है. सायनाइड एक बेहद जहरीला रसायन है, जिसके चाटने भर से लोगों की मौत हो सकती है. इतिहास में युद्ध और आत्महत्या के लिए सायनाइड का इस्तेमाल किया जाता रहा है. सेब के बीजों को अगर अच्छी तरह चबाया जाए, तो एमिग्डालिन रिलीज हो सकता है और शरीर में सायनाइड बन सकता है. अच्छी बात यह है कि शरीर थोड़ी मात्रा में सायनाइड को डिटॉक्सीफाई कर सकता है. यही वजह है कि अगर आप सेब खाते वक्त गलती से एकाध बीज चबाकर खा लें, तो आपको कोई खतरा नहीं होगा. हालांकि ज्यादा मात्रा में ये बीज चबाने से तबीयत बिगड़ सकती है.

अक्सर सवाल उठता है कि सेब के कितने बीज जानलेवा हो सकते हैं? यूएस के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेशन (CDC) के अनुसार एक सेब में लगभग 5 बीज होते हैं, लेकिन यह संख्या सेब की किस्म और क्वालिटी पर डिपेंट करती है. एक सेब के बीज चबाने से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हो सकती है. अगर कोई व्यक्ति सेब के करीब 200 बीज चबाकर खा जाए, तो इससे बड़ी मात्रा में सायनाइड रिलीज हो सकता है और व्यक्ति की मौत हो सकती है. 200 बीज करीब 40 सेब में होते हैं. कुल मिलाकर बात यह है कि गलती से सेब के कुछ बीज निगलने से कोई खतरा नहीं होता, लेकिन फिर भी इन्हें निगलने से बचना चाहिए. एक्सपर्ट्स की मानें तो एप्पल सीड्स ऑयल भी इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होता है.

6000 Times More Poisonous Than Cyanide What Is Ricin Poison
साइनाइड से 6000 गुना ज्यादा जहरीला, नमक जितना दाना ही ले सकता है जान… अचानक क्यों खबरो में आया राइसिन जहर?
राइसिन एक ऐसा खतरनाक जहर है, जो अरंडी के बीजों से निकाला जाता है। इस जहर का दो मिलियनवां औंस यानी बारीक नमक के दाने के बराबर कण ही किसी की जान ले सकता है। कई हमलों में इस जहर का इस्तेमाल हुआ है और इसका कोई इलाज नहीं है। यह जहर साइनाइड से भी 6000 गुना ज्यादा खतरनाक है.

मुख्य बिंदू

29 जुलाई को चाकू के हमले में गई थी 3 बच्चियों की जान
लंकाशायर में हमलावर के घर से मिला राइसिन जहर
2020 में डोनाल्ड ट्रंप को भेजे गए पैकेट में मिला था रायसिन
29 जुलाई 2024 को इंग्लैंड के लंकाशायर में एक किशोर ने डांस क्लास के बीच तीन छोटी बच्चियों की चाकू मारकर हत्या कर दी। बच्चियों की उम्र 6 साल, 7 साल और 9 साल थी। हमले में कई अन्य लोग घायल भी हुए। इसके बाद जब पुलिस ने हमलावर के घर की तलाशी ली, तो उसके घर में राइसिन जहर और आतंकवाद से जुड़ी सामग्री मिली। हालांकि, पुलिस ने 29 जुलाई के हमले को आतंकवादी घटना नहीं माना है, लेकिन हमलावर के घर में राइसिन मिलने से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता को बढ़ा दिया है। आखिर क्या है ये राइसिन, आइए आपको इस जहर के बारे में सबकुछ बताते हैं।

साइनाइड से भी ज्यादा खतरनाक
राइसिन एक ऐसा जहर है, जो साइनाइड से भी 6,000 गुना ज्यादा जहरीला माना जाता है। यह जहर पाउडर, धुंध और गोली के रूप में मिलता है और सांस के जरिए, खाने या इंजेक्शन से शरीर में जाने पर जान ले लेता है। डरावनी बात यह है कि इस जहर का दो मिलियनवां औंस यानी नमक के दाने के बराबर अंश किसी इंसान को मारने के लिए काफी है।

नहीं है कोई इलाज
इस जहर का कोई इलाज नहीं है, क्योंकि शरीर के भीतर जाते ही राइसिन अंदर की कोशिकाओं को मार देता है। कोशिकाओं के नष्ट होने से शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और इंसान की मौत हो जाती है। राइसिन के संपर्क में आने पर तुरंत कपड़े उतारकर अलग कर देने चाहिए। साबुन और पानी से अच्छे से नहाना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

कैसे बनाया जाता है?
अरंडी के बीजों में प्राकृतिक तौर पर यह जहर पाया जाता है। जब अरंडी का तेल निकाला जाता है, तो पिराई के बाद जो खली बचती है, उसमें राइसिन मौजूद रहता है। इसके बाद रासायनिक तरीके से इस खली से राइसिन को बनाया जाता है। इस जहर की चपेट में आने से सांस लेने में दिक्कत, जी मिचलाना, बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

हथियार के तौर पर इस्तेमाल?
पहले विश्व युद्ध में अमेरिकी सेना गोलियों और शार्पनेल पर राइसिन का लेप करने के बारे में सोच रही थी। लेकिन, राइसिन गर्मी से जल्दी खराब हो जाता है, इसलिए ऐसा करना मुश्किल था। इसके बाद सेना ने राइसिन का धूल का बादल बनाने के बारे में भी सोचा, जिसका इस्तेमाल हथियार के रूप में किया जा सके। लेकिन उन्होंने तब तक के लिए इसे टाल दिया, जब तक कि इसका तोड़ ना मिल जाए।

कब-कब इस्तेमाल हुआ?
1978 में बुल्गारिया के पत्रकार जॉर्जी मार्कोव पर लंदन के वाटरलू ब्रिज पर एक छतरी से हमला हुआ था। इस छतरी में यही जहर इस्तेमाल हुआ था, जिससे मार्कोव की मौत हो गई। साल 2003 में वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस में यह जहर मिला था। 2020 में उस समय राष्ट्रपति रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भेजे गए एक पैकेज में भी राइसिन पाया गया था।

 

tags :
Health

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *