कोश्यारी की वापसी, 13 राज्यों के राज्यपाल बदले
13 राज्यों में गवर्नर बदले, 9 में इसी साल चुनाव:राम मंदिर फैसले में शामिल जस्टिस नजीर आंध्र के गवर्नर, महाराष्ट्र में कोश्यारी की जगह बैस
शिवाजी महाराज विवाद में फंसे भगत सिंह कोश्यारी ने अमित शाह से कहा था- आपके कहे राज्यपाल पद स्वीकारा था, आप ही रास्ता दिखाएं।
नई दिल्ली/मुंबई 12 फरवरी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है। झारखंड राज्यपाल रमेश बैस महाराष्ट्र के नए राज्यपाल बने हैं। इनके अलावा 12 राज्यों में राज्यपाल और उप-राज्यपाल बदले गए हैं। भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले साल नवंबर में अमित शाह को चिट्ठी लिख पद से त्यागपत्र की इच्छा व्यक्त की थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दो राज्यपालों कोश्यारी के साथ लद्दाख के उप-राज्यपाल राधाकृष्ण माथुर का भी त्यागपत्र स्वीकार किया है।
इन राज्यों में भी राज्यपाल और उप-राज्यपाल बदले गए…
1. लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक अब अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल
2. उत्तर प्रदेश के विधान पार्षद लक्ष्मण प्रसाद आचार्य अब सिक्किम के राज्यपाल
3. तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सीपी राधाकृष्णन अब झारखंड के राज्यपाल
4. भाजपा कार्यसमिति सदस्य गुलाब चंद कटारिया अब असम के राज्यपाल
5. उत्तर प्रदेश के भाजपा नेता शिव प्रताप शुक्ला अब हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल
6. अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रिटायर्ड ब्रिगेडियर डॉक्टर बीडी मिश्रा अब लद्दाख के उप-राज्यपाल
7. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस एस अब्दुल नजीर अब आंध्र प्रदेश के राज्यपाल
8. मणिपुर के राज्यपाल एलए गणेशन अब नगालैंड के राज्यपाल
9. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान अब मेघालय के राज्यपाल
10. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर अब बिहार के राज्यपाल
11. आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन अब छत्तीसगढ़ के राज्यपाल
12. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके अब मणिपुर के राज्यपाल
नौ चुनावी राज्यों के गर्वनर बदले गए
इसी साल देश के नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव के क्रम में पूर्वोत्तर के चार राज्यों त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वहीं, हिंदी पट्टी के तीन बड़े राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नवंबर में चुनाव हैं। दक्षिण के कर्नाटक और तेलंगाना में भी इसी साल चुनाव हैं। जम्मू-कश्मीर से अलग करके केंद्र शासित प्रदेश (UT) बनाए गए लद्दाख में उपराज्यपाल (LG) की नियुक्ति की गई है।
शिवाजी पर बयान के बाद विवादों में थे कोश्यारी, शाह से पूछा था- पद पर रहें या नहीं
छत्रपति शिवाजी महाराज पर दिए गए बयान को लेकर विवादों में रहने वाले महाराष्ट्र के पूर्व गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने गृहमंत्री अमित शाह को 6 दिसंबर को चिट्ठी लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। उन्होंने गृहमंत्री से पूछा था- उन्हें इस पद पर बने रहना है या नहीं। और उन्होंने इसे सार्वजनिक भी कर दिया था। तभी उनकी विदाई तय मानी जा रही थी।
कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिवाजी को पुराने दिनों का और नितिन गडकरी और शरद पवार को महाराष्ट्र का नया आइकॉन कहा था। कोश्यारी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी और NCP प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे। यहीं नहीं,वे यह बयान देकर भी विवादों में आ गए थे कि महाराष्ट्र से गुजरात की पूंजी निकाल ली जाए तो यहां कुछ नहीं बचेगा।
उत्तराखंड के कुमाऊं में जन्मे कोश्यारी 2004 से 2007 तक राज्य के भाजपा अध्यक्ष थे। 2000 में उन्हें नए राज्य उत्तरांचल में मंत्री बनाया गया। 2001 में वे मुख्यमंत्री बने। 2002 में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। 2007 में विधानसभा चुनाव जीतने पर भी भाजपा ने कोश्यारी की जगह लेफ्टिनेंट जनरल भुवन चंद्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया था। 2014 में कोश्यारी नैनीताल सीट से जीते, 2019 में उन्हें टिकट न देकर 2019 में महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया था।
आंध्र के गवर्नर पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर, राम मंदिर पर फैसले में शामिल थे
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का गवर्नर बनाया गया है। जस्टिस नजीर 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए। 40 दिन बाद ही उन्हें राज्यपाल बनाया गया । जस्टिस नजीर राम मंदिर पर फैसला देने वाली पीठ में शामिल थे। उन्होंने मंदिर निर्माण के पक्ष में सर्वसम्मत निर्णय का श्रेय है।
सेवानिवृत्ति के समय जस्टिस नजीर ने कहा था- अगर नौ नवंबर 2019 को फैसले में उन्होंने अपनी राय अलग रखी होती तो अपने समुदाय के हीरो बन गए होते। लेकिन उन्होंने समुदाय नहीं, देश के बारे में सोचा। देश के लिए सब न्यौछावर है।
इसके अतिरिक्त जस्टिस अब्दुल नजीर ट्रिपल तलाक और डिमोनेटाइजेशन जैसे मामलों पर फैसला देने वाली पीठ में भी शामिल रहे हैं।
7 बार के सांसद बैस को महाराष्ट्र की कमान
रमेश बैस छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वे लगातार सात बार लोकसभा सांसद रहे हैं। इससे पहले वे त्रिपुरा और झारखंड के राज्यपाल रह चुके। अब उन्हें महाराष्ट्र की कमान सौंपी गई है। बैस ने हेमंत सोरेन सरकार के झारखंड वित्त विधेयक 2022 को लौटाया था। वहीं, हेमंत सोरेने के इलेक्शन मामले में उनके बयान पर काफी विवाद हुआ था।
चीन-पाकिस्तान से युद्ध लड़ चुके हैं सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा
सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डॉक्टर बीडी मिश्रा को लद्दाख का उप-राज्यपाल बनाया गया है। इससे पहले वह अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के राज्यपाल रहे। मिश्रा 31 जुलाई, 1995 को सेना से सेवानिवृत्त हुए। वह एनएसजी (ब्लैक कैट कमांडो) काउंटर हाईजैक टास्क फोर्स के कमांडर थे, जिसने 24 अप्रैल 1993 को राजा सांसी एयरफील्ड, अमृतसर में इंडियन एयरलाइंस के हाईजैक्ड विमान को आतंकियों के कब्जे से छुड़वाया था। उन्होंने भारत-चीन 1962 युद्ध, नगालैंड में नागा विद्रोहियों के विरुद्ध 1964, सियालकोट में पाकिस्तान के खिलाफ 1965 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एलए गणेशन- फोटो खिंचवाने के लिए सुनील छेत्री को धक्का दिया था, अब नगालैंड के राज्यपाल
एलए गणेशन को नगालैंड का राज्यपाल बनाया गया है। वे मणिपुर के राज्यपाल रहे थे। गणेशन ने 18 जुलाई 2022 से 17 नवंबर 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे हैं। तमिलनाडु भाजपा के वरिष्ठ नेता गणेशन डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट 2022 में फाइनल मैच के बाद स्टेज पर ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचवाने के लिए सुनील छेत्री को धक्का देते नजर आए थे। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद उनकी आलोचना हुई थी।