क्षेत्रीय विकास, रोजगार और जनसामान्य से जुड़ी योजनाओं पर दें ध्यान: तीरथ
*जनता से जुङी योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए: मुख्यमंत्री*
*योजनाओं का नियमित आकलन और प्रभावी क्रियान्वयन महत्वपूर्ण*
*मुख्यमंत्री ने राज्य, जिला सेक्टर केन्द्र पोषित एवं वाह्य सहायतित योजनाओं की समीक्षा की*
देहरादून 17 मार्च। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजनाओं के क्रियान्वयन की विभागवार प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं की जिलावार भी समीक्षा की। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिवों के साथ ही सभी प्रमुख सचिव, सचिव विभागाध्यक्ष एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश का चहुंमुखी विकास हम सबका दायित्व है। इसके लिये सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके, इसके लिये स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर होना जरूरी है। उन्होंने योजनाओं की सफलता के लिये उनके आकलन एवं क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि केन्द्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजनाओं का प्रभावी अनुश्रवण पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। इन योजनाओं से सम्बन्धित वांछित विवरण समय पर भारत सरकार को उपलब्ध कराये जाने की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। समय पर भारत सरकार को योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की सूचना उपलब्ध कराने से धनराशि स्वीकृत होने में सुविधा रहती है।
मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय विकास एवं सामान्य जनता से जुड़ी योजनाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ ही रोजगार सृजन,कौशल विकास स्वास्थ्य,शिक्षा कृषि एवं ग्रामीण विकास से सम्बन्धित योजनाओं पर विशेष ध्यान देने की बात कही,उन्होंने कहा कि पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी में विशेष माध्यम है। अतः इससे जुड़ी योजनाओं रोप वे,होम स्टे आदि के साथ ही जौलीग्रांट एवं पन्तनगर हवाई अड्डों के विस्तारीकरण एवं गौचर चिन्याली सौड,पिथौरागढ़,हवाई पट्टियों के विकास पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय स्तर पर जिन योजनाओं को मंजूरी मिलनी हो उसके लिये वे केंद्रीय मंत्रियों से भी वार्ता करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी यह ध्यान रखें कि योजनाओं के लिये स्वीकृत धनराशि का शत प्रतिशत उपयोग हो। उन्होंने कहा कि धनराशि चाहे केन्द्र से मिलनी हो या राज्य सरकार से उसका जनपद स्तर तक वितरण समयबद्धता के साथ किया जाय। उन्होंने कहा कि योजनाओं की थीम भी विकासपरक होनी चाहिए। उन्होंने भविष्य की योजनाओं की प्लानिंग भी अभी से सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आम जनता के विश्वास एवं विकास के लिये हम सबको एक टीम के रूप में कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सड़को की मरम्मत सरफेसिंग आदि कार्यो के लिये विधायक गणों को दी जा रही 50 करोड़ रूपए की धनराशि से किये जाने वाले कार्यों का अनुश्रवण कार्य भी जिलाधिकारी देखे।
अपर मुख्य सचिव नियोजन श्रीमती मनीषा पंवार ने बताया कि इस वर्ष के लिये 57590 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रविधान किया गया था। जिसके सापेक्ष 37443 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। जबकि 28933 करोड़ रूपए की धनराशि 28 फरवरी तक व्यय हुई है। इसी प्रकार जिला सेक्टर में 665.50 करोड़ रूपये की स्वीकृतियां जारी की गई जिसके सापेक्ष 587 करोड़ रूपू की धनराशि व्यय हो चुकी है। राज्य सेक्टर में 45324 करोड़ रूपए स्वीकृत किया गया तथा 23831 करोड़ रूपू व्यय हुआ है। इसी प्रकार केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत 9993 करोड़ रुपए के प्राविधान के सापेक्ष 5971 करोड़ रूपए की स्वीकृति जारी हुई तथा 3945 करोड़ रूपए व्यय 28 फरवरी तक हुआ है। इसी प्रकार बाह्य सहायतित योजनाओं के अन्तर्गत 1607 करोड़ रूपए का प्राविधान के साथ 798 करोड़ स्वीकृत किया गया। इसके सापेक्ष 569.52 करोड़ रूपए व्यय हुआ है।
सचिव वित्त अमित नेगी ने सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे जिला योजना, नाबार्ड फण्ड से स्कूलों में पेयजल शौचालय, फर्नीचर कम्प्यूटर लेब की स्थापना, कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने तथा उनकी विपणन व्यवस्था मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों के रखरखाव आदि की योजना तैयार कर इसकी व्यवस्था करने को कहा।