ज़मीन कब्जाने को राधास्वामियों का उप्र पुलिस से गुरिल्ला युद्ध
AgraSatsangis Attacked Police With Sticks In Dayalbagh Agra News
आगरा : दयालबाग में सत्संगियों की ‘जंग’, पुलिस पर लाठी लेकर टूट पड़े उपद्रवी, पुलिस ने दौड़ाकर पीटा
रविवार शाम को सत्संगियों और पुलिस के बीच जमकर लाठियां चलीं। पहले पत्थर बरसाए गए फिर लाठियां भांजी गईं। कई पुलिसकर्मी और दर्जनों सत्संगी घायल हो गए।
आगरा 25 सितंबर: दयालबाग में चकरोड, सार्वजनिक मार्ग और ग्रामीणों के खेल के मैदान पर कब्जा करने वाले सत्संगियों ने रविवार को पुलिस के सामने मोर्चा खोल दिया। लाठियां लेकर महिलाएं और पुलिस एकत्रित हो गए। कब्जा हटाने गई पुलिस पर हमला बोल दिया। पथराव कर सत्संगियों ने पुलिस को खदेडऩे का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर सत्संगियों को दौड़ा लिया। इसे देख ग्रामीणों स्थानीय निवासियों की सांसे अटक गईं और बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कवरेज करने पहुंचे मीडियो कर्मियों को भी सत्संगियों ने लाठियां मारकर घायल कर दिया। देर रात तक सत्संगी अपना मेडिकल कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। इसके साथ ही पुलिस भी जिला अस्पताल पहुंच गई। रात भर जिला अस्पताल में पुलिस बल मौजूद रहा।
सरकारी जमीन पर दोबारा किए गए कब्जे को हटाने पहुंची पुलिस और राजस्व टीम पर रविवार शाम को राधा स्वामी सत्संग सभा के सदस्यों ने हमला बोल दिया। गुरिल्ला अंदाज में हमला बोलने वाले सत्संगियों ने महिलाओं और बच्चों को आगे कर लाठियां लेकर बेटियों को लड़ने भेजा। पुलिस के कुछ समझने के पहले ही हमला कर दिया।
पुलिस पर गोरिल्ला हमला, महिलाओं-बच्चों को ढाल बना कांटेदार लाठियों से हमला; सिटी मजिस्ट्रेट और 10 पुलिसकर्मियों समेत 40 घायल
सरकारी जमीन पर दोबारा किए गए कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और राजस्व टीम पर राधा स्वामी सत्संग सभा सदस्यों ने गुरिल्ला अंदाज में हमला बोल दिया । सत्संगियों ने महिलाओं और बच्चों को आगे कर लाठियां लेकर लड़कियां लड़ने भेजी।
पुलिस कुछ समझ पाती, उससे पहले हमला कर दिया। पहले पथराव और फिर कील लगे लोहे के डंडे बरसाए। पुलिस ने लाठियां चलाकर खदेड़ा तो दूसरी तरफ से हमला किया। हमले में सिटी मजिस्ट्रेट,एसओ समेत दस पुलिसकर्मी व मीडियाकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस प्रशासन बैकफुट पर आया तो 24 घंटे में जमीन के दस्तावेज तहसील में प्रस्तुत करने का अल्टीमेटम देकर वापस लौट गया। राधास्वामी सत्संग सभा पर मौजा जगनपुर में खसरा नंबर 271, 309, 320 और 297 और खासपुर मौजा में खसरा नंबर 105 में सार्वजनिक रास्तों, श्मशान घाट और खेल के मैदान पर कब्जे के आरोप जांच में सही पाए गए थे।
तहसीलदार सदर न्यायालय के आदेश पर शनिवार को पुलिस और राजस्व टीम ने दो बार छह स्थानों से अवैध कब्जा हटाया। मगर, रात में ही सत्संगियों ने फिर सभी स्थानों पर कब्जा कर लिया। टेनरी चक रोडपर नया गेट लगा दिया।
रविवार शाम साढ़े चार बजे पुलिस और पीएसी के साथ राजस्व टीम अवैध कब्जा हटाने पहुंची। टीम टेनरी चकरोड पर लगे गेट को हटा पाती, उससे पहले सत्संगियों के बीच सेना जैसी आरएएफ लिखी वर्दी में डंडे लेकर खड़ीं युवतियों ने दंड युद्ध का प्रदर्शन कर दिया। इसके बाद प्रशासन के बुलडोजर(बैकहो लोडर) के आगे महिलाएं और बच्चे कर दिये। इसी बीच युवतियों ने सामने लाठियां चलाना शुरू कर दिया।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय और एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद समेत अन्य अधिकारियों ने पहले सत्संगियों के कथित रेपिड एक्शन फोर्स के डंडे हाथों पर लिए। मगर, पीछे से अन्य सत्संगी भी कील जड़े डंडे लेकर आ गए। ये डंडे ऐसे थे जैसे चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी में चलाए थे।
पुलिस ने पीछे हटकर कई बार गेट तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन हर बार सत्संगियों ने पथराव कर दिया। पुलिस का हल्का बल प्रयोग भी काम नहीं आया।
पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार और एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र सिंह समेत 10 पुलिसकर्मी और लेखपाल राजीव कुमार घायल हुए हैं। अन्य कई अधिकारी और पुलिसकर्मी भी चोटिल हैं। सत्संग सभा महिलाओं और बच्चों को आगे कर रही थी। आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
शनिवार को जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी के निर्देश पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी राधा स्वामी सत्संग सभा द्वारा कब्जाई भूमि को मुक्त कराने के लिए पहुंचे थे। शनिवार को पुलिस ने सार्वजनिक मार्ग और सरकारी भूमि पर लगाए गए अवैध कब्जे और 6 गेटों को हटा दिया था, लेकिन रात ही रात में सत्संगियों ने फिर से वहां पर गेट खड़े कर दिए और ग्रामीणों को पीटकर भगा दिया। इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो रविवार शाम 5 बजे पुलिस की टीम कब्जा हटाने के लिए फिर से पहुंची ।
महिलाएं लाठियां लेकर खड़ी हो गईं
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैय्यर का कहना है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को जमीन के कागज दिखाए थे, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हैं। पुलिस ने बर्बरता दिखाई है। कई दर्जन लोग घायल हो गए हैं। सरन हॉस्पिटल में उन्हें एडमिट किया गया है। नैय्यर का कहना है कि पीएमओ को सत्संगियों पर हुए लाठीचार्ज का वीडियो भेज दिया गया है।
पहले गेट पर ही हो गया हमला
राधा स्वामी सत्संग सभा के लोगों ने दयालबाग के बसेरा, खासपुरा, मनोहरपुर, नगला तल्फी समेत पोइया घाट पर भी कब्जा कर लिया है। यहां उन्होंने ग्रामीणों के आने जाने का सार्वजनिक मार्ग रोकने को गेट लगा दिया है। बच्चों के खेलने के मैदान पर शूटिंग रेंज बनाकर कब्जा कर लिया है। बच्चों का कहना है कि वे खेलने जाते हैं तो उन्हें मारकर भगा देते हैं। शनिवार को हटाए गए 6 गेटों को फिर से खड़ा कर लिया था। गेट फिर से हटाने पहुंची पुलिस पर पहले गेट पर ही पुलिस को सत्संगियों ने रोक लिया।
मेडिकल कराने पहुंचे सत्संगी
रविवार रात करीब 8.30 बजे सत्संगी जिला अस्पताल में मेडिकल कराने पहुंचे। इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो पुलिसकर्मी भी अपना मेडिकल कराने पहुंच गए। मेडिकल कराने आए सत्संगियों के पास पुलिस की मजरुम चिठ्ठी नहीं थी। जिला अस्पताल प्रशासन ने उनके मजरुम चिठ्ठी मांगी। इस पर सत्संगियों के भीड़ एकत्रित होने लगी। वहीं एहतियात के तौर पर जिला अस्पताल में रात भर पुलिस बल मौजूद रहा।
प्रशासन और पुलिस की पूरी तैयारी थी। सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए दस्तावेज के साथ-साथ बुलडोजर(बैकहो लोडर) लेकर प्रशासन निकला। प्रशासन के इरादों की भनक लगते ही सत्संगियों ने मोर्चा संभाल लिया। पुलिस की कार्रवाई के साथ रणनीति बदलते रहे। प्रशासन की टीमें कब्जा हटाकर आगे बढ़ती रहीं और सत्संगी पीछे से कब्जा करते हुए चलते रहे। रात को टेनरी पर स्थाई कब्जा कर लिया गया।
बुलडोजर आगे बढ़ता रहा, पीछे कब्जा करते गए, राधा स्वामी सत्संग सभा की कब्जाई जमीन की पूरी कहानी
प्रशासन और पुलिस की पूरी तैयारी थी। सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए दस्तावेज के साथ-साथ बुलडोजर(बैकहो लोडर) लेकर प्रशासन निकला। प्रशासन के इरादों की भनक लगते ही सत्संगियों ने मोर्चा संभाल लिया। पुलिस की कार्रवाई के साथ रणनीति बदलते रहे।
प्रशासन की टीमें कब्जा हटाकर आगे बढ़ती रहीं और सत्संगी पीछे से कब्जा करते चलते रहे। रात को टेनरी पर स्थाई कब्जा कर लिया। हजारों सत्संगियों ने एकजुट होकर नया गेट खड़ा कर दिया। कार्रवाई के बाद दोपहर एक बजे पुलिस लौट गई, लेकिन संत्सगियों ने पहरा बिठा दिया।
सत्संग सभा दयालबाग के सार्वजनिक रास्तों व अन्य स्थानों पर कब्जे के आरोपों के मामले में प्रशासन सख्त रुख अपनाया हुआ है। सत्संग सभा बचाव को कानूनी तरीके अपना रही हैं। मगर, प्रशासन के आगे उनकी नहीं चल सकी। शुक्रवार देर रात जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने कब्जा हटाने के आदेश दे दिए। रात में पूरी तैयारी हुई। सुबह साढ़े सात बजे से ही अधिकारी न्यू आगरा थाने पहुंच गए।
सत्संगियों को भी प्रशासनिक तैयारी की भनक थी। सत्संग सभा ने सुबह नौ बजे ‘सभी लाठी-डंडे के साथ पहुंचें पोइया घाट’ का संदेश दिया, क्योंकि सबसे पहले यहीं कार्रवाई होनी थी। किशोरों से लेकर युवा और बुजुर्ग सभी वहां डंडे लेकर पहुंच गए। कुछ देर बाद ही यहां से किशोर वापस कर दिये गये। अन्य सभी वहीं बैठे रहे।
सुबह साढ़े नौ बजे प्रशासन ने सबसे पहले कार्रवाई टेनरी का गेट ढहाकर की। पोइया घाट पर बैठे सत्संगियों को इसकी खबर लगी। वे पुलिस प्रशासन के आगे बढ़ने का इंतजार करते रहे। टीम के वहां से हटते ही सत्संग सभा के पदाधिकारियों के साथ सैकड़ों सत्संगियों ने दोबारा गेट लगा दिया। इसके बाद प्रशासन ने खेल गांव स्पोर्टस काम्प्लैक्स रोड पर चक रोड से कब्जा हटाया।
वहां से हटते ही इस पर भी कब्जा कर लिया। स्थिति यह हुई कि पुलिस प्रशासन दोपहर डेढ़ बजे कार्रवाई करके लौट गया। शाम छह बजे तक सत्संगियों ने पूरा कब्जा कर लिया। बाकी कसर रात साढ़े आठ बजे टेनरी का गेट बदलकर पूरी कर दी।
छावनी बना दिया दयालबाग, सुनाई देते रहे सायरन
पूर्व में सत्संग सभा दयालबाग और ग्रामीणों के बीच संघर्ष हो चुके हैं। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन की टीम पूरी तैयारी के साथ पहुंची थी। दयालबाग को छावनी बना दिया गया। दयालबाग से पोइया घाट तक सिर्फ पुलिस प्रशासन की गाड़ियों के सायरन सुनाई दे रहे थे।
प्रशासन ने की थी बड़ी तैयारी
कार्रवाई को लेकर पुलिस प्रशासन का बड़ा अमला था। डीसीपी नगर और एसडीएम सदर के नेतृत्व में एडीशनल डीसीपी क्राइम, एडीशनल डीसीपी प्रोटोकाल, चार एसीपी, दो कंपनी पीएसी,150 पुलिस कांस्टेबल,100 महिला कांस्टेबल,10 थानों का पुलिस फोर्स, 25 लेखपाल , दो नायब तहसीलदार टीम में शामिल थे।
टाइम लाइन
– सुबह छह बजे : तहसील सदर में लेखपाल सहित अन्य जुटे।
– सात बजे : न्यू आगरा थाना के बाहर फोर्स जुटना शुरू हुआ।
– नौ बजे : पुलिस-प्रशासन के अधिकारी दयालबाग स्थित टेनरी व खेल का मैदान में पहुंचे।
– 9.30 बजे: टेनरी गेट, खेल का मैदान को खाली कराने का काम शुरू।
– 10 बजे : श्मशान घाट को खाली कराया।
– 10.10 बजे : संत कबीर नगर रोड की तरफ की दीवार तोड़ी।
– 10.30 बजे : सत्संगियों ने टेनरी के पास गेट, श्मशान घाट में तारबंदी व संत कबीर नगर रोड की तरफ पत्थर व तार लगाना शुरू किया।
– 10.40 बजे: खेलगांव स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स रोड के सार्वजनिक रास्ते को खाली कराना शुरू किया।
– 11.15 बजे : ग्राम पंचायत खासपुर कार्यालय के सामने से चक मार्ग पर बनी दीवार को ध्वस्त किया।
– 11.35 बजे : नागवानी फार्म हाउस के पास सड़क पर बने गेट को तोड़ा गया।
– दोपहर 12.30 बजे : टेनरी, खेल के मैदान, श्मशान घाट व संत कबीर नगर रोड की तरफ से दूसरी बार कब्जा हटाया गया।
– 1.30 बजे: पुलिस-प्रशासन की टीम वापस लौटी।
– 1.35 बजे : 300 से अधिक सत्संगी पहुंचे और टेनरी सहित अन्य जगहों पर तारबंदी करना शुरू किया।
– रात आठ बजे : संबंधित स्थलों पर बड़ी संख्या में सत्संगी जुटना शुरू।
दयालबाग में प्रशासन को दी जा रही चुनौती
सात साल पहले मथुरा के जवाहर बाग में कब्जा हटाने को लेकर प्रशासन से संघर्ष हुआ था। सत्संग सभा दयालबाग के कब्जे से रास्ते और खेल के मैदान मुक्त कराने को लेकर भी वैसे ही टकराव की स्थिति बन सकती है। कारण कि सत्संग सभा प्रशासन के हटते ही कब्जा कर लेती है। प्रशासन एक बार फिर कार्रवाई की तैयारी में है। वहीं सत्संग सभा के तेवर भी तीखे हैं।
मथुरा के जवाहर बाग में वर्ष 2014 में रामवृक्ष यादव के संगठन स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह को दो दिन के लिए प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी। इसके बाद रामवृक्ष के संगठन ने पार्क में कब्जा कर लिया। यहां उनकी अलग सरकार चलती थी। झोपड़ियां बनाकर कथित सत्याग्रही रहने लगे। इसके बाद प्रशासन ने जब दो जून 2016 को इसे खाली कराने की कोशिश की तो संघर्ष हो गया।
दयालबाग क्षेत्र के आसपास के गांवों के लोगों का कहना है कि अब दयालबाग क्षेत्र में भी ऐसी ही स्थिति बनती जा रही है। सत्संग सभा कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं है। यहां वे अपनी सरकार अपने तरीके से चलाते हैं। यहां भी जवाहर बाग जैसे हालात बनते जा रहे हैं।