जाखन गांव भूधंसाव प्रभावितों को छह माह चार चार हजार रुपए किराया मिलेगा
VIKASNAGAR DISASTER AFFECTED FAMILIES OF JAKHAN VILLAGE WILL GET 4 THOUSAND RUPEES EVERY MONTH IN DEHRADUN
जाखन गांव के आपदा पीड़ित परिवारों को हर महीने मिलेंगे 4 हजार रुपए, जमीन फटने से धंस गए हैं कई घर
देहरादून जिले के जाखन गांव का हाल भी चमोली जिले के जोशीमठ जैसा ही हो गया है. यहां भी भू धंसाव के कारण जमीनों और घरों में दरारें पड़ गई हैं, जिस कारण पूरा गांव खतरे की जद में आ गया. जमीन फटने के कारण कई घर तो जमींदोज भी हो गए थे. हालांकि अब सरकार की तरफ से आपदा पीड़ित परिवारों की आर्थिक मदद देने का फैसला लिया गया.
विकासनगर 18 अगस्त:देहरादून जिले के विकासनगर तहसील क्षेत्र में आपदा प्रभावित जाखन गांव के पीड़ित परिवारों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद का फैसला लिया गया है. विकासनगर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि परगनाधिकारी को 6 महीने पर प्रत्येक परिवार को चार हजार रुपए महीना मकान किराए के रूप में देने को कहा है ं.
अधिकारियों से वार्ता करते बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान.
शुक्रवार 18 अगस्त को विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने अधिकारियों और आपदा पीड़ित परिवारों से बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को पीड़ितों को फौरी तौर पर हर संभव मदद देने को कहा है. इसके अलावा पीड़ित परिवार को हर महीने चार हजार रुपए दिए जाएंगे.
‘साथ ही गांव के विस्थापन को लेकर भी कमेटी बनाई जाएगी. जल्द ही जगह चिन्हित की जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रभावित गांव से लगते अन्य गांवों के लिए वैकल्पिक मार्ग खोला जा रहा है. जिससे ग्रामीणों की आवाजाही सुचारू हो सके. इसके अलावा पेयजल और विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई है, उनको भी सुचारू करने के प्रयास हो रहे हैं.
बता दें कि बीते बुधवार 16 अगस्त को विकासनगर के जाखन गांव में अचानक घरों में दरारें आने लगी थी. मुख्य सड़क में दरारें पड गई थी. इन दरारों की परिधि में आने से 10 मकान और सात गौशालाएं धंस गई थी. पुलिस-प्रशासन ने समय रहते प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था. तभी से ये परिवार राहत कैंपों में रह रहे हैं. गनीमत रही कि घटना में कोई जनहानि नहीं हुई. एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य किया.
कहीं धंस रही जमीन तो कहीं मकानों में आ रही दरारें, जाखन गांव पर छाए संकट की पड़ताल करेगी सर्वे टीम
जिलाधिकारी सोनिका ने गुरुवार को विकासनगर तहसील के जाखन गांव पहुंच भूस्खलन व भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र देखा । उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि प्रभावितों को किसी प्रकार की समस्या न हो। प्रभावित 28 परिवारों के लगभग 150 लोगों को नजदीकी गांव पष्टा के जूनियर हाईस्कूल में राहत कैंप बना ठहराया गया है।
भूविज्ञानी करेंगे जाखन गांव का सर्वे
जिलाधिकारी सोनिका ने जाखन गांव के भूस्खलन व भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र का किया निरीक्षण
डीएम ने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के दिए निर्देश
जिलाधिकारी सोनिका ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को क्षति का आकलन करने, भूविज्ञानियों को क्षेत्र का सर्वे करने और प्रभावित परिवारों को विस्थापित करने का प्रस्ताव बनाने के भी निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों से वार्ता कर उनका हालचाल जाना।
भूधंसाव से 10 मकान धराशायी हो गए थे।
जिला प्रशासन की ओर से फौरी तौर पर प्रभावितों को मुआवजे के रूप अहेतुक धनराशि के चेक भी वितरित हुए। इस दौरान परगनाधिकारी विनोद कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी बीएल शाह, कोतवाल संजय कुमार, चौकी इंचार्ज अर्जुन गुसाईं आदि मौजूद रहे।
और चौड़ी हो गईं दरार
मदरसू ग्राम पंचायत के जाखन गांव में बुधवार को भूस्खलन व भूधंसाव से 10 मकान धराशायी हो गए थे।
जिन मकानों में हल्की दरारें थी,वह गुरुवार को और चौड़ी हो गईं। ग्रामीण खतरा उठाकर पूरे दिन घरों से सामान निकालने में लगे रहे। प्रभावित 28 परिवारों के लगभग 150 लोगों को नजदीकी गांव पष्टा के जूनियर हाईस्कूल के राहत कैंप में ठहराया गया है।
खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से खाने-पीने की व्यवस्था कराई है। कुछ प्रभावित परिवार पष्टा में अपने रिश्तेदारों के यहां ठहरे हैं।
पहाड़ चढ़ते समय जिलाधिकारी की तबीयत खराब हो गई
प्रभावित परिवारों की महिलाओं ने गांव में एक घर में शरण ले रखी है। निरीक्षण बाद जिलाधिकारी सोनिका जाखन गांव से लौट रही थीं तो अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई।
दरअसल, जाखन गांव तक जाने के लिए लांघा-मटोगी मार्ग से रास्ता कटकर सीधे नीचे उतरता है। वापसी में मुख्य मार्ग तक आने को खड़ी चढ़ाई है। ऐसे में पहाड़ चढ़ते समय जिलाधिकारी की तबीयत खराब हो गई और फिर वह दून लौट गईं।
बताते हैं कि बारिश के बाद चटख धूप खिली तो जाखन गांव के ऊपर से गुजर रहे मुख्य मार्ग में दरारें बढ़ गईं जो बढ़ती हुईं सड़क के नीचे जाखन गांव तक जा पहुंची व भूस्खलन शुरू हो गया। दरार से सबसे पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय भवन को नुकसान पहुंचा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य मकानों में भी दरार आनी शुरू हो गईं।
पछवादून क्षेत्र की बिन्हार की मदरसू ग्राम पंचायत का जाखन गांव देहरादून जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में है। यहां 10 आवासीय भवन धराशायी हो गए और 10 अन्य चौड़ी दरारें आने से क्षतिग्रस्त हो गए।
प्रशासन के अनुसार दरारें छह इंच से एक फीट तक चौड़ी हैं। अचानक मकानों में दरारें आती देख आनन-फानन लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। धराशायी हुए भवनों से ग्रामीणों को सामान निकालने का भी समय नहीं मिला। कुछ ही देर बाद मकान भरभराकर गिरने लगे। जिला प्रशासन ने पूरा गांव खाली करा दिया। जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को स्कूल व पंचायत भवन में ठहराया गया है।
पूरा गांव आया आपदा की चपेट में
गांव में करीब 25 आवासीय भवन और कुछ छानियां (गोशाला) हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ऊपर से गुजर रही सड़क पर विगत शाम हल्की दरारें दिखीं थीं, जो भूधंसाव की वजह से 12 घंटे के अंतराल में गांव तक आ पहुंची और पूरा गांव आपदा की जद में आ गया। दरअसल, मदरसू पंचायत का जाखन गांव भूस्खलन जोन में है। दो दिन पहले हुई वर्षा के चलते यहां मुख्य मार्ग में दरार आ गई थीं। जिससे गांव से करीब 100 मीटर आगे बड़ी चट्टान खिसक गई थी।
25 परिवारों को किया गया विस्थापित
जिन मकानों में बाद में दरारें आईं, उनके परिवारों ने जैसे-तैसे सामान निकालकर घर खाली कर दिए। राज्य आपदा मोचन बल व पुलिस ने प्रभावित 25 परिवारों को वहां से हटाकर समीप के लांघा व पष्टा स्थित स्कूल भवनों व पंचायत भवनों में ठहराया है। भूस्खलन के चलते व्यासी जल विद्युत परियोजना की 220 केवी लाइन का टावर भी झुक गया है। जिससे व्यासी जल विद्युत परियोजना में उत्पादन बंद करा दिया गया है।
जिलाधिकारी ने कही ये बात
मदरसू पंचायत के जाखन गांव में भूधंसाव व भूस्खलन की मुख्य वजह अभी ज्ञात नहीं हो सकी है। भूगर्भीय विज्ञानी ही इसकी मुख्य वजह बता सकते हैं, लेकिन मुख्य मार्ग से गांव तक पहुंची दरारों में वर्षा का पानी जाने से भूधंसाव की स्थिति पैदा होने की आशंका है। प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने पष्टा और लांघा में सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करा दिया है। –सोनिका, जिलाधिकारी देहरादून
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