अल्पावधि विधानसभा सत्र पर नेता प्रतिपक्ष आगबबूला
मानसून सत्र की अवधि पर नेता प्रतिपक्ष ने खड़े किये सवाल, धामी सरकार को घेरा
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन की अवधि पर सवाल खड़े किये हैं.उन्होंने कहा सरकार सवालों से बचने की कोशिश कर रही है.नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार की मंशा सदन को चलाने की रही ही नहीं है.
देहरादून 10 सितंबर:उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र खत्म हो गया है.इसके बाद एक बार फिर से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन की कम अवधि को लेकर सवाल उठाए हैं.नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार जनता और विपक्ष के सवालों से बचने की कोशिश कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने सदन के नियमों की अनदेखी की है. इससे प्रतीत होता है कि सरकार की मंशा सवालों से बचने की रही है.उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों का 10% क्षैतिज आरक्षण का बिल प्रवर समिति को सौंप दिया गया. इसके साथ ही उपनल के कर्मचारियों को सरकार बाहर का रास्ता दिखाने जा रही है.उन्होंने कहा कि सरकार भू कानून पर चुप्पी साधे हुए है.साथ ही प्रदेश में अफसरशाही पूरी तरह से बेलगाम है.आर्य ने कहा कि प्रदेश में दिन और रात नदियां खोदी जा रही हैं.भू माफियाओं का राज चल रहा है. उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने रेरा कानून का भी प्रकरण भी उठाया.उन्होंने कहा कि रेरा की वजह से हल्द्वानी में किसानों को मार झेलनी पड़ रही है.उन्होंने जोशीमठ आपदा प्रभावितों का मसला उठाते हुए कहा कि जोशीमठ के पुनर्वास के लिए कोई बजट अब तक रिलीज नहीं किया गया है,जबकि पुनर्वास के लिए सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए की बात की थी.
नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा कि सदन का कार्य संचालन नियमावली से चलता है,लेकिन कुछ सालों से देखने में आ रहा है कि पिछले वर्ष सदन की कार्रवाई केवल आठ दिन चली,इस वर्ष सदन की कार्यवाही सात दिन चली, इससे साफ पता चलता है कि सरकार की मंशा सदन को चलाने की रही ही नहीं है.उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए जनता के सवाल और मुद्दे उठाता रहेगा.