नेतृत्वहीन किसान आंदोलन में घुसे माओवादी, इसलिए समाधान में दिक्कत:

किसान आंदोलन: पंजाब MP नेताओं ने की PM से मुलाकात, जल्द मामला सुलझ जाने का किया दावा
पंजाब भाजपा (Punjab BJP) के इन नेताओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात सरकार और किसानों के बीच सोमवार को संपन्न हुई सातवें दौर की वार्ता के ठीक एक दिन बाद हुई है.

किसान आंदोलन: पंजाब MP नेताओं ने की PM से मुलाकात, जल्द मामला सुलझ जाने का किया दावा
पंजाब के भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. (PIC: BJP Twitter)

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पंजाब इकाई के नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर जारी किसानों के आंदोलन से संबंधित गतिविधियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) पूरी तरह वाकिफ हैं और जल्द ही इस मसले का हल निकाल लिया जाएगा. पिछले लगभग छह सप्ताह से जारी आंदोलन के बीच पंजाब के बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी (Surjit Kumar Jyani) और हरजीत सिंह ग्रेवाल (Harjeet Singh Grewal) ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की.

ज्याणी को पिछले साल तीन कृषि विधेयकों पर पंजाब के किसानों से चर्चा के लिए बीजेपी की ओर से गठित किसान समन्वय समिति की अध्यक्षता सौंपी गई थी. उस समय ये विधेयक संसद से पारित नहीं हुए थे. ग्रेवाल भी इस समिति के सदस्य थे. लगभग दो घंटे की प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद इन बीजेपी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री पंजाब को बहुत अच्छे से समझते हैं और वे किसानों को लेकर चिंतित हैं.

ग्रेवाल ने कहा, ‘‘मोदी बहुत कुछ जानते हैं…सब कुछ सुलझा लिया जाएगा और कुछ अच्छा होगा. मुलाकात के दौरान क्या बातें हुई इसका तो मैं खुलासा नहीं कर सकता लेकिन कुछ अच्छा होगा… जब कुछ अच्छे का विचार चल रहा होता है तो साथ ही यह डर भी रहता है कि कुछ गड़बड़ ना हो जाए.’’उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पंजाब को बहुत अच्छी तरह समझते हैं, वह पूरे राज्य का दौरा कर चुके हैं और पार्टी का काम काज भी देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से उनकी पंजाब संबंधी सभी मुद्दों पर चर्चा हुई.

ज्याणी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसानों को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के हित में कुछ करने के लिए हमेशा तैयार है, ‘‘लेकिन माओवादी इस (किसानों) आंदोलन में घुस गए हैं और इस मुद्दे (कृषि कानूनों) का समाधान होने नहीं दे रहे हैं’’.

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री दूरदृष्टा हैं और किसानों को लेकर चिंतित हैं…माओवादी तत्व किसानों के आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं और मामले का समाधान नहीं होने दे रहे हैं.’’ कृषि कानूनों के बारे में पूछे जाने पर ज्याणी ने कहा, ‘‘किसान संगठनों को कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर नहीं अड़ना चाहिए. सरकार किसानों के हित में कुछ भी करने को हमेशा तैयार रही है. आंदोलन नेताविहीन है, इसलिए उनसे वार्ता में दिक्कत आ रही है.’’

भाजपा नेता ने सुझाव दिया कि किसान संगठनों को सरकार से वार्ता के लिए एक या कुछ और नेता चयन करने चाहिए. पंजाब भाजपा के इन नेताओं की प्रधानमंत्री से मुलाकात सरकार और किसानों के बीच सोमवार को संपन्न हुई सातवें दौर की वार्ता के ठीक एक दिन बाद हुई है. उस बैठक में गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकल सका था.

अगले दौर की वार्ता आठ जनवरी को है.

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