वामपंथी कुप्रचार के बीच सेवारत है संघ का सेवा भारती
सेवा भारती के खिलाफ वामपंथी पत्रकार फैला रहे प्रोपेगेंडा, इससे बेपरवाह कोविड महामारी में बेमिसाल सेवा कर रहा RSS का ये संगठन
सेवाभारती कोविड सेवा
सेवा भारती Covid-19 महामारी में भी भोजन और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में तत्परता से जुटा हुआ है। (फोटो : सेवा भारती/ट्विटर)
भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच जब स्वास्थ्य सुविधाएं भीषण दबाव में हैं तब कई संगठन हैं जो निःस्वार्थ भाव से देश की मदद के लिए आगे आए हैं। इन संगठनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबंधित सेवा भारती प्रमुख रूप से सक्रिय है। संक्रमण की पहली लहर की तरह दूसरी लहर में भी सेवा भारती संगठन देश को अपनी सहायता प्रदान कर रहा है।
हालाँकि जहाँ एक ओर संगठन अपने समाज सेवा के कार्य में जुटा हुआ है तो वहीं ‘द वायर’ और ‘कारवाँ’ जैसे वामपंथी मीडिया समूहों के लिए काम करने वाली पत्रकार नेहा दीक्षित ट्विटर के माध्यम से RSS से संबंधित संगठनों के खिलाफ अपना प्रपंच फैला रही हैं। दीक्षित ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘सेवा इंटरनेशनल’ जनजातीय इलाकों के बच्चों को बरगलाते हैं और भाजपा सरकार के अपराधों में भी सहयोग देते हैं।
नेहा दीक्षित के ट्वीट का स्क्रीनशॉट
आपको बता दें कि राष्ट्रीय सेवा भारती और सेवा इंटरनेशनल दोनों ही RSS से संबंधित हैं। राष्ट्रीय सेवा भारती जहाँ भारत में राष्ट्रीय स्तर पर संचालित है वहीं सेवा इंटरनेशनल भारत और अमेरिका में सक्रिय हैं, जिसका कार्य है फंड इकट्ठा करना और चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद करना।
ऑपइंडिया से चर्चा करते हुए सेवा भारती के दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने कहा कि सेवा भारती को ऐसे प्रोपेगेंडा और झूठे प्रचार से कोई फर्क नहीं पड़ता। सेवा भारती न तो पत्रकार और न ही ऐसे किसी झूठे दावे पर कोई एक्शन लेने वाला है। अग्रवाल ने कहा कि सेवा भारती एक समाज सेवी संस्थान है जहाँ कार्यकर्ताओं को सेवा करना ही सिखाया जाता है। उन्होंने पत्रकार नेहा दीक्षित द्वारा लगाए झूठे आरोपों पर कहा, “वो क्या कहते हैं इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हम छोटी लाइन के सामने बड़ी लाइन खींचने में विश्वास रखते हैं।“
द वायर की पत्रकार नेहा दीक्षित ने 2016 में आउटलुक के लिए एक लेख लिखा था, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि RSS के दो संगठनों राष्ट्र सेविका समिति और सेवा भारती ने असम से 31 जनजातीय लड़कियों को पंजाब और गुजरात लाकर उनका ‘हिन्दूकरण’ किया।
हालाँकि सेवा भारती ने दीक्षित के दावों पर कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया लेकिन सोशल मीडिया के यूजर्स ने दीक्षित को आईना दिखा दिया।
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में सेवा भारती संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में रमेश अग्रवाल बताते हैं कि संगठन ने दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए ‘प्राणवायु सेवा’ शुरू की है। इस अभियान के तहत कार्गो ट्रक पोर्टेबल मेडिकल वैन में बदले गए हैं जिनमें ऑक्सीजन, मास्क और अत्यावश्यक सुविधाओं और पेशेवर चिकित्सा स्टाफ के साथ 4 बेड उपलब्ध हैं। सेवा भारती की इस पहल का उद्देश्य है मरीजों को अस्पतालों में बिस्तर मिलने तक ऑक्सीजन की कमी से बचाना।
इसके अलावा सेवा भारती द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को भी ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। यह सेवा बिल्कुल मुफ्त है। संगठन ऑक्सीजन सिलेंडरों की सुरक्षा निधि के तौर पर कुछ राशि लेता है जो कि रिफंडेबल होती है।
सेवा भारती के पोर्टेबल वैन से मरीजों को मिल रही ऑक्सीजन की सुविधा
हालाँकि इसके अलावा भी सेवा भारती संगठन कई अन्य समाज सेवा के कार्य करता रहता है। ऑपइंडिया ने दिल्ली के मजनूँ का टीला इलाके में रह रहे शरणार्थी परिवारों के लिए सेवा भारती द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों पर रिपोर्ट दी थी। इन शरणार्थी परिवारों ने ऑपइंडिया को बताया था कि उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन दिल्ली की आप सरकार ने उनकी कोई सहायता नहीं की। हालाँकि इन शरणार्थियों ने बताया कि RSS और सेवा भारती शुरू से ही उनकी सहायता कर रहे हैं और महामारी के समय में भी उन्हें सहायता मुहैया करा रहे हैं।
RSS का समाज सेवा संगठन सेवा भारती
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सेवा भारती संगठन का मुख्यालय दिल्ली में है। संगठन द्वारा पूरे देश में राहत कार्य किया जाता है। सेवा भारती के समर्पित कार्यकर्ता लगातार समाज सेवा का कार्य करते रहते हैं जो महामारी में भी चल रहा है। खाने के पैकेट, मास्क, सैनिटाइजर, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक सहायता सेवा भर्ती के लगभग 2.10 लाख कार्यकर्ताओं के द्वारा पूरे देश में जरूरतमंदों को पहुँचाई जा रही है।
दिल्ली में सेवा भारती की 45 रसोइयाँ
अकेले दिल्ली में ही सेवा भारती की 45 रसोइयाँ कार्यरत हैं जहाँ से सेवा भारती के 5,000 कार्यकर्ता लगभग 75,000 दिल्ली वासियों को भोजन उपलब्ध कराते हैं। इन रसोइयों में Covid-19 प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन करते हुए और चिकित्सकों एवं सरकार की सलाह को ध्यान में रखते हुए भोजन का निर्माण किया जाता है। सेवा भारती के कार्यकर्ता झंडेवालान मंदिर जैसे कई अन्य मंदिर ट्रस्ट के साथ मिलकर रोज हजारों लोगों को भोजन की आपूर्ति कर रहे हैं।