29वें सेना प्रमुख ले.जन. मनोज पाण्डे पहली मई को संभालेंगें पद, इस पद पर पहले इंजीनियर
मनोज पांडे होंगे अगले आर्मी चीफ:इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले देश के पहले सेना प्रमुख; कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम को कर चुके हैं लीड
नई दिल्ली 18 अप्रैल।लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारत के नए आर्मी चीफ होंगे। 29वें सेना प्रमुख बनने वाले पांडे इस पद पर पहुंचने वाले पहले इंजीनियर होंगे। अब तक इन्फैंट्री, आर्मर्ड और आर्टिलरी अधिकारी ही आर्मी चीफ बनते रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे 1 फरवरी 2022 को उप सेना प्रमुख बने थे। वो नागपुर के रहने वाले हैं। पांडे चीन से सटे सिक्किम और लद्दाख बॉर्डर पर कई ऑपरेशन का नेतृत्व कर चुके हैं।
ADGPI ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर नए आर्मी चीफ का स्वागत किया है। आर्मी की ओर से बताया गया है कि 1 मई 2022 को मनोज पांडे नए सेना प्रमुख का कार्यभार संभालेंगे। वर्तमान सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे का कार्यकाल इसी महीने 30 तारीख को खत्म हो रहा है।
मनोज पांडे 1 सितंबर 2017 को लेफ्टिनेंट जनरल बनाए गए थे।
कौन हैं नए सेना प्रमुख मनोज पांडे?
नेशनल डिफेंस एकेडमी के 1982 बैच से पासआउट मनोज पांडे इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले पहले आर्मी चीफ हैं। पांडे ने जम्मू-कश्मीर के LOC पल्लनवाला में चलने वाले ऑपरेशन पराक्रम को लीड किया है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में 2001 में संसद हमले के बाद चलाया गया था, जिसमें आतंकियों के हथियार सप्लाई के नेक्सस का खुलासा किया गया था। इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे सेना में अपनी करियर की शुरूआत बतौर ब्रिगेड मेजर के तौर पर की थी।
चीन से सटी सीमाओं पर काम करने का अनुभव
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे चीन से सटे ईस्टर्न कमांड में कमांडर और ब्रिगेडियर स्टाफ के पद पर काम कर चुके हैं। वे लद्दाख इलाके के माउंटेन डिविजन में इंजीनियर ब्रिगेड के पद पर तैनात रह चुके हैं। वहीं नॉर्थ-ईस्ट रीजन में भी लेफ्टिनेंट जनरल रहते कई ऑपरेशन में भाग ले चुके हैं। इसके अलावा, वे अंडमान-निकोबार में बतौर कमांडर भी काम कर चुके हैं। पांडेय परम विशिष्ट मेडल से सम्मानित हो चुके हैं।
LOC पर दिखा चुके हैं ‘पराक्रम’..
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे को दिसंबर 1982 में बॉम्बे सैपर्स में कमीशन मिला था।लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे जनरल एम. एम. नरवणे का स्थान लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अभी थल सेना के उप-प्रमुख हैं। थल सेना का उप-प्रमुख बनने से पहले वह पूर्वी सैन्य कमांडर के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा (LOC) पर इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली।
ऑपरेशन पराक्रम में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम के तहत पश्चिमी सीमा पर हथियारों और सैनिकों की बड़े पैमाने पर तैनाती कर दी गई थी। इस घटना के वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बन गए थे। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के पास इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली। इसके साथ ही वो पश्चिमी सेक्टर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी के साथ एक पैदल सेना ब्रिगेड और पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके में एक पहाड़ी डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाल चुके हैं।
General MM Naravane #COAS & All Ranks of #IndianArmy congratulate Lieutenant General Manoj Pande #VCOAS on being appointed as the 29th Chief of the Army Staff #COAS of the #IndianArmy. Lt Gen Manoj Pande will assume the appointment of #COAS on 01 May 2022.#InStrideWithTheFuture pic.twitter.com/fiUpc29U2A
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) April 18, 2022
शानदार सेवा के लिए हो चुके हैं सम्मानित
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे का परिवार नागपुर से है। शुरुआती स्कूल की पढ़ाई के बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी जॉइन किया। NDA के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी जॉइन की। 3 मई 1987 को डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना सल्पेकर से शादी की। उनकी शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है।
आतंकवाद के खिलाफ कई ऑपरेशन में रहे हैं शामिल
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे को दिसंबर 1982 में बॉम्बे सैपर्स में कमीशन मिला था। अपने विशिष्ट करियर में, उन्होंने सभी प्रकार के इलाकों में पारंपरिक और साथ ही आतंकवाद विरोधी अभियानों में कई प्रतिष्ठित कमांड और स्टाफ संबंधी दायित्वों का निर्वहन किया है। वह संयुक्त राष्ट्र के कई मिशनों में भी योगदान दे चुके हैं। वह जून 2020 से मई 2021 तक अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ भी रहे।