विवेचना: अंधों का हाथी नहीं है लोनी कांड,खेती है राजनीति की
इन्वेस्टिगेशन:ताबीज के नाम पर शुरू हुआ झगड़ा, पेशाब पिलाने की कोशिश, जय श्रीराम का नारा न लगाने पर काट दी 40 साल पुरानी दाढ़ी
बुलंदशहर17जून।( पूनम कौशल)उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के अनूपशहर कस्बे का यह घर मीडिया की गाड़ियों से घिरा हुआ है। अब्दुल समद सैफी अपने बेटे का सहारा लेकर कमरे में आते हैं। उनके चेहरे पर सूजन है। समद के कमरे में आते ही पत्रकार उन पर सवालों की झड़ी लगा देते हैं। हाथ में तस्बीह (माला) घुमाते हुए समद धीमी आवाज में जवाब देते रहते हैं।
72 साल के समद सैफी पर 5 जून को गाजियाबाद के लोनी इलाके में हमला हुआ था। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें कुछ युवक उनकी दाढ़ी काटते दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
इस घटना पर विवाद अब इतना बढ़ गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्विटर पर आमने-सामने आ गए। इसी मामले को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर, कांग्रेस प्रवक्ताओं और कई पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज किया है।
घटना को 12 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं। मामला तूल पकड़ रहा है, लेकिन इस मामले में सच क्या है, यह अभी भी साफ नहीं है। आरोपित, पीड़ित पक्ष और पुलिस सभी का अलग-अलग वर्जन है। पूरे मामले की पड़ताल के लिए हम पीड़ित अब्दुल समद के गांव पहुंचे, जांच अधिकारी और आस-पड़ोस के लोगों से बातचीत की। इसमें यह भी सामने आया कि मुस्लिम बुजुर्ग पर हमले करने वाले और आरोपितों के बीच ताबीज बनाने को लेकर भी झगड़ा था।
बुलंदशहर के अनूपशहर कस्बे में समद सैफी के घर पर पत्रकारों की भीड़ जुटी हुई है। आरोप है कि जय श्रीराम का नारा नहीं लगाने पर कुछ युवकों ने उनकी दाढ़ी काट दी।
समद सैफी और उनका परिवार घटना के बारे में क्या कहता है?
हमारी टीम अनूपशहर में समद सैफी के घर पहुंची तो उनकी बुजुर्ग पत्नी ने कैमरा देखते ही मुंह फेर लिया। वो हाथ जोड़ते हुए कहती हैं, ‘जब मेरे पति को बुरी तरह पीटा , तब कोई मदद को नहीं आया, सरकार से किसी ने परिवार की सुध नहीं ली, कोई हमारे घर हालचाल लेने नहीं आया, अब इतने लोग आ रहे हैं।
बहरहाल, काफी मशक्कत के बाद समद से बात होती है। वे बताते हैं, ‘मैं गाजियाबाद के लोनी इलाके में अपने एक रिश्तेदार के घर जा रहा था, तभी कुछ अज्ञात युवकों ने मुझे एक ऑटो में अगवा कर लिया। साफे से चेहरा ढंक कर मुझे अज्ञात स्थान पर लेकर गए और तीन घंटों तक यातनाएं दीं।’
समद बताते हैं, ‘मैं रहम की गुहार लगाता रहा, वे मुझे मारते रहे। मैंने उन्हें अल्लाह का वास्ता दिया और कहा कि भले मेरी जान ले लो, लेकिन मेरी दाढ़ी मत काटो, लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने मेरी 40 साल से बढ़ाई दाढ़ी काट दी।’ मुझ पर हमला करने वालों में कोई मुसलमान नहीं था, सभी गुर्जर लड़के थे। उन्होंने मुझसे जय श्री राम के नारे लगवाए, पीने को पानी मांगा तो पेशाब दिया। कान पर पिस्टल लगाई। दो बार गोली चलाई गई, लेकिन मिस हो गई।’
समद आगे बताते हैं, ‘उन्होंने मुझे छोड़ दिया तो मैं अगले दिन थाने गया। मेरी शिकायत सुनकर दो हजार रुपए देकर लौटा दिया गया। फिर किसी ने मुझे सपा नेता उम्मेद पहलवान से मिलाया। उन्होंने मेरी मदद की। वे हमारे लिए फरिश्ते की तरह आए।’ बता दें कि उम्मेद पहलवान ही समद को मीडिया के सामने लेकर आए थे।
समद के बेटे तैयब सैफी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं। कहते हैं, ‘मेरे पिता को जान से मारने की कोशिश हुई, लेकिन पुलिस ने FIR में हत्या के प्रयास की धारा 307 का जिक्र नहीं किया। हमले में शामिल सभी लड़कों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि सबके वीडियो हैं।’
पुलिस का कहना है कि समद पर हमले की कोई धार्मिक वजह नहीं है। हमला करने वाले युवकों को वे पहले से जानते हैं। हमलावरों में कई मुसलमान भी थे। हमले की वजह आपसी विवाद हो सकता है।
समद पर हमला आपसी झगड़े में हुआ, हमले में मुसलमान युवक भी शामिल थे : पुलिस
समद सैफी का आरोप है कि उन्हें अगवा कर युवक उनसे जय श्रीराम के नारे लगाने को कह रहे थे, लेकिन पुलिस इस बात को सिरे से खारिज करती है। पुलिस का कहना है कि झगड़े की वजह आपसी विवाद है। गाजियाबाद के एसपी (देहात) इराज राजा ने बताया, ‘समद पर हमला करने वाले में कई मुसलमान युवक भी थे। इस संबंध में सद्दाम, आदिल और इंतेजार नाम के युवकों को गिरफ्तार भी किया गया है। आदिल को जमानत मिल गई है।
पुलिस का कहना है कि सभी हमलावरों को समद सैफी पहले से जानते थे, लेकिन उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा क्यों दर्ज करवाया, यह जांच का विषय है ।
पुलिस का कहना है कि इस बात के सबूत हैं कि पीड़ित समद सैफी और मुख्य आरोपित प्रवेश गुर्जर के बीच घटना से पहले तीन बार फोन पर भी बात हुई है और वे इस घटना से पहले प्रवेश के घर भी गए थे। इस मामले में जल्द ही सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) सबूत अदालत में पेश की जाएगी।
लोनी क्षेत्र के सर्किल ऑफिसर अतुल कुमार सोनकर के मुताबिक हमले के आरोप में गिरफ्तार इंतेजार और समद सैफी के बीच पैसों का लेनदेन भी था, जिसकी जांच हो रही है।
पीड़ित समद सैफी ये भी कहते हैं कि उन्हें इस बारे में न बोलने की धमकियां दी गई हैं। वे यह भी आशंका जताते हैं कि उन्हें कभी भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।
ताबीज बनाने की झगड़े की वजह गलत ताबीज तो नहीं ?
पुलिस और पीड़ित पक्ष के अलावा भी हमने गांव के तमाम लोगों से बातचीत की। पहचान छुपाकर कई लोगों ने बताया कि झगड़े के पीछे ताबीज बनाने का विवाद है। पड़ताल में पता चला कि पीड़ित समद सूफी ताबीज बनाने का काम करता है। इंतेजार नाम के एक युवक के माध्यम से प्रवेश गुर्जर ने अपने किसी दोस्त की पत्नी के लिए ताबीज बनवाई थी, लेकिन बाद में इन लोगों का कहना था कि समद ने ताबीज गलत बना दी है जिससे गर्भपात हो गया और घर में आग भी लग गई। इसी को लेकर समद से मारपीट की गई।
हमने समद सैफी से पूछा कि क्या वह ताबीज बनाने का काम करते हैं, इस पर समद ने साफ इनकार कर दिया, लेकिन हमें इस घटना से जुड़े दो वीडियो मिले। पहले वीडियो में दाढ़ी काटने का मुख्य आरोपित प्रवेश गुर्जर समद से पूछताछ करता दिखाई दे रहा है। वीडियो में समद मान रहे हैं कि उन्होंने इंतेजार के कहने पर ताबीज बनाई है। हालांकि यह ताबीज किसके लिए बनाई गई है, यह साफ नहीं होता।
दूसरे वीडियो में समद सैफी के सामान की तलाशी ली जा रही है। इसमें ताबीज बनाने वाले धागे और कुछ और सामान दिखते हैं, जो ताबीज बनाने में इस्तेमाल होते हैं। यानी समद ताबीज बनाने का काम करते हैं, यह बात सही है।
एक और वीडियो हाथ लगा, जिसमें पुलिस सद्दाम से पूछताछ कर रही है। सद्दाम इसमें मानता है कि उसने अपनी पत्नी के लिए समद से ताबीज बनवाया था। सद्दाम यह भी मान रहा है कि वही समद को प्रवेश गुर्जर के घर ले गया था।
हमने जब यह आरोप और सवाल समद के सामने दोहराए तो उन्होंने सभी से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने ये जरूर माना कि वे इंतेजार को जानते हैं। सद्दाम और इंतेजार समद पर हमले के ही मामले में पुलिस की गिरफ्त में हैं। हमने पुलिस से इस बारे में पूछताछ कि तो पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘ झगड़ा ताबीज बनाने और उससे जुड़े लेन-देन को लेकर ही हुआ है। सबूत जुटाने के बाद हम इसे अदालत में पेश करेंगे।’
अब्दुल समद की दाढ़ी काटने का मामला धीरे-धीरे सांप्रदायिक रंग लेता जा रहा है। बुलंदशहर स्थित उनके घर पर स्थानीय लोगों की भीड़ भी जुटी रहती है।
इस मामले में अब तक तीन FIR हो चुकी हैं
पहली FIR: यह सूफी समद सैफी पर हमले के संबंध में है, जिसमें प्रवेश गुर्जर मुख्य आरोपित है। पुलिस जांच में सामने आया है कि उन पर हमला प्रवेश गुर्जर के घर में बने एक कमरे में हुआ था।
दूसरी FIR: यह ट्विटर, कांग्रेस नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ है। इसमें ट्विटर और पत्रकारों पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और समाज में नफरत फैलाने के आरोप लगाए गए हैं। इस मुकदमे के संबंध में अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन ट्विटर और केंद्र सरकार इसे लेकर आमने-सामने आ गई है।
तीसरी FIR: यह सपा नेता उम्मेद पहलवान के खिलाफ दर्ज की गई है। उन पर भी धार्मिक भावनाएं भड़काने और समुदायों के बीच नफरत फैलाने का आरोप है। उम्मेद पहलवान ही सबसे पहले समद को लेकर मीडिया के सामने आए थे।
उम्मेद पहलवान का इस बारे में कहना है, ‘मैं सूफी समद सैफी को पहले से नहीं जानता था। 7 जून को मुझे फोन पर उनके साथ हुई घटना के बारे में बताया गया था। मैंने उसी दिन उनके साथ अपने फेसबुक पेज पर लाइव किया और लोगों को इस बारे में बताया। मेरे लाइव करने के दो घंटे बाद ही पुलिस ने FIR दर्ज की।’
झगड़ा ताबीज बनाने को लेकर है या जय श्रीराम के नारे लगवाने को लेकर? इस पर उम्मेद पहलवान कहते हैं, ‘यह जय श्रीराम या हिंदू-मुसलमान का मुद्दा नहीं है। यह एक मुसलमान बुजुर्ग की दाढ़ी काटने का मामला है। यह हमारी सुन्नत पर हमला है। हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे, भले ही हमें गिरफ्तार कर लिया जाए।’
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