लव जिहाद: सहारनपुर के मुकर्रम ने करण बन की शादी,बच्चे,जेल
नाम बदलकर शादी की, पोल खुली तो गया जेल
लव जिहाद की शिकार पीड़िता की शिकायत पर सदर बाजार थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपित ने नाम बदलकर पीड़िता को प्रेम जाल में फंसाया था और मतांतरण करने का प्रयास किया था। इन्कार करने पर आरोपित ने पीड़िता को तीन तलाक का नोटिस भेजकर नाता तोड़ लिया। पीड़िता के पास एक बच्चा भी है।
सहारनपुर,11 मार्च । लव जिहाद की शिकार पीड़िता की शिकायत पर सदर बाजार थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपित ने नाम बदलकर पीड़िता को प्रेम जाल में फंसाया था और मतांतरण करने का प्रयास किया था। इन्कार करने पर आरोपित ने पीड़िता को तीन तलाक का नोटिस भेजकर नाता तोड़ लिया। पीड़िता के पास एक बच्चा भी है।
सदर बाजार थाना क्षेत्र की एक कालोनी निवासी युवती तीन साल पहले चंडीगढ़ में एक कंपनी में नौकरी करती थी। वहीं पर उसकी मुलाकात सरसावा थानाक्षेत्र के हरड़ाखेड़ी गांव निवासी मुकर्रम नामक युवक से हुई थी। मुकर्रम वहां गाड़ी चलाता था। महिला का आरोप है कि आरोपित ने अपना नाम कर्ण बताकर उससे बात करनी शुरू कर दी और शादी का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद मुकर्रम ने पीड़िता के ही धर्मस्थल पर जाकर उससे शादी कर ली। इस शादी से पीड़िता के स्वजन नाराज हो गए। इसके बाद वह अपना घर छोड़कर पति के साथ रहने लगी। बाद में पीड़िता को पता चला कि कर्ण का असली नाम मुकर्रम है। जब मुकर्रम को पता चला कि पत्नी को उसके धर्म के बारे में जानकारी हो गई है तो उसने पीड़िता पर मतांतरण का दबाव बनाया, लेकिन उसने इन्कार कर दिया। इसके बाद आरोपित ने तीन तलाक का नोटिस भेजकर पीड़िता छोड़ दिया।
तीन तलाक अधिनियम व मतांतरण में दर्ज हुआ मुकदमा
सदर बाजार थाना प्रभारी हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा मतांतरण प्रतिषेध अध्यादेश 2020 की धारा तीन, तीन तलाक अधिनियम की धारा पांच (1) व धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इन्हीं धाराओं में आरोपित को जेल भेजा गया है।
आखिर कहां जाए लड़की
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता और तीन तलाक का केस लड़ने वाली फराह फैज ने एक प्रेसवार्ता कर बताया कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोपित को जेल भेज दिया, लेकिन पीड़िता सड़क पर है। मायके वाले भी उसे रखने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि सरकार को लव जिहाद पर कानून बनाने से पहले ऐसी लड़कियों के ठहरने की भी व्यवस्था करनी चाहिए थी। फराह फैज ने सामाजिक संस्थाओं से मांग की है कि पीड़िता की मदद की जाए।