आईएएस की इकलौती बेटी को भी फंसाया लव जिहाद में

IAS ऑफिसर की बेटी लव जिहाद में फंसी:पहले दोस्ती , फिर उबला तेल डाल बदसूरत किया; गाजियाबाद में मुकदमा

आईएएस ऑफिसर की शिकायत पर दिल्ली से जांच ट्रांसफर हुई जिसके बाद गाजियाबाद नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है।

नई दिल्ली 05अप्रैल।दिल्ली  में तैनात IAS ऑफिसर रणजीत कुमार सारंगी ने उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में अब्दुल रहमान नामक व्यक्ति पर धोखाधड़ी करके बेटी से शादी करने की FIR दर्ज कराई है। ऑफिसर का सीधे तौर पर आरोप है कि रहमान ने यह शादी सिर्फ और सिर्फ उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन कराने को की थी। इस षड्यंत्र में कई और भी लड़कियां फंसी हुई हैं। शादी कराने वाली दो संस्थाओं को भी FIR में शामिल किया गया है।

यूक्रेन से लौटते ही अब्दुल रहमान से संपर्क में आई युवती
मूल रूप से भुवनेश्वर (ओडिशा) निवासी RK सारंगी की बेटी है जो केंद्रीय सचिवालय दिल्ली में अंडर सैक्रेट्री  हैं। सारंगी ने बताया कि बेटी डॉक्टर हर्षा भारती सारंगी साल-2016 में यूक्रेन से MBBS करके भारत लौटी थी। साल-2017 में एक दुर्घटना के बाद हर्षा दिल्ली के एक हॉस्पिटल में इलाज करा रही थी। उसी दौरान वह मेरठ (उत्तर प्रदेश) में मवाना कस्बा निवासी अब्दुल रहमान के संपर्क में आ गई। रहमान ने खुद को यूनानी पद्धति से उपचार का अच्छा जानकार बताया था।

FIR के अनुसार, अब्दुल रहमान ने शुरुआत में  उनकी बेटी को मीठी बातों में फंसाया। फिर जब हर्ष भारती पूरी तरह काबू में आ गई तो दोनों लिव-इन में नोएडा के सेक्टर-137 स्थित एक सोसाइटी के फ्लैट में रहने लगे। यहां से हर्ष भारती के टॉर्चर करने की कहानी शुरू हुई।

पिता का सवाल- जब रहमान ने धर्म नहीं बदला तो हिन्दू रीति-रिवाज से कैसे रजिस्टर्ड हुई शादी?

पिता RK सारंगी के अनुसार, 18 नवंबर 2017 को अब्दुल रहमान ने खाना पकाने के उबले हुए तेल से हर्ष भारती का चेहरा जलाने का प्रयास किया, ताकि वह बदसूरत हो जाए और किसी अन्य व्यक्ति से शादी करने का विकल्प न रहे। 15 अक्तूबर 2018 को दोनों ने आर्य समाज मंदिर तीस हजारी दिल्ली में शादी कर ली। इस शादी को गाजियाबाद के रेलवे रोड स्थित वैदिक हिन्दू सभा कार्यालय में रजिस्टर्ड भी कराया गया।

सभी दस्तावेजों में अब्दुल रहमान और हर्ष भारती सारंगी नाम लिखा है। FIR में सवाल उठाया गया है कि जब अब्दुल रहमान ने अपना धर्म और नाम नहीं बदला तो हिन्दू रीति-रिवाजों से यह शादी कैसे रजिस्टर्ड कर दी गई? किन परिस्थितियों में पंडित/पुजारी ने अनुष्ठान किए? इसलिए इस विवाह को FIR में कानूनन शून्य बताया गया है।

‘लव जिहाद की शिकार मेरी बेटी नहीं, कई और बेटियां पीड़ित’

RK सारंगी का कहना है कि यह शादी 15 अक्तूबर 2018 को एक मंदिर में दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद संपन्न हुई और उसी दिन संस्था ने इस शादी को रजिस्टर्ड भी कर दिया। जबकि शादी रजिस्टर्ड करने से पहले कागजी दस्तावेजों की पूरी जांच होती है। दस्तावेजों के अनुसार, दूल्हा मुस्लिम और दुल्हन हिन्दू है। ऐसे में यह शादी हिन्दू रीति-रिवाज में कैसे रजिस्टर्ड कर ली गई?  आईएएस ऑफिसर ने एफआईआर में लिखा है कि लव जिहाद की शिकार अकेले मेरी बेटी नहीं है, कई और अबोध भोलीभाली बच्चियां इससे पीड़ित हैं।

शादी कराने और उसे रजिस्टर्ड करने वाली संस्थाएं भी आरोपित

आईएएस ऑफिसर ने दिसंबर-2021 में इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस में की। दिल्ली पुलिस ने लंबी जांच-पड़ताल के बाद प्रथम दृष्टया आरोपों को सही पाया और शून्य पर FIR दर्ज कर ली। इसके बाद यह केस गाजियाबाद जिले को ट्रांसफर किया गया। गाजियाबाद के नगर कोतवाली में 22 अप्रैल को यह मुकदमा दर्ज किया गया है जिसमें अब्दुल रहमान सहित वैदिक हिन्दू सभा गाजियाबाद और आर्य समाज मंदिर दिल्ली के पदाधिकारियों को भी आरोपित बनाया गया हैै। असल में दिल्ली में कचहरियों के पास सिर्फ लव मैरिज कराने को वकीलों ने आर्य समाज मंदिर चला रखें है जहां लव जिहाद की शादियां ही होती है। इनसे वकील नोट छाप रहे हैं।

SSP बोले- दंपति साथ रह रहे, नियमानुसार कार्रवाई करेंगे

इस पूरे प्रकरण में गाजियाबाद के SSP मुनीराज जी. ने बताया कि लड़की के पिता ने धोखाधड़ी से शादी का मुकदमा नगर कोतवाली में दर्ज कराया है। फिलहाल दोनों पति-पत्नी साथ रह रहे हैं। हमने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करा रहे हैं। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस अनुसार कार्रवाई करेंगे।

मेरठ के दो केस नजीर बने, तब लागू हुआ था लव जिहाद कानून

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश को 27 नवंबर 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी। इस अध्यादेश में विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है। कानून लागू होने के शुरुआती एक महीने में ही उत्तर प्रदेश में 14 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। 21 दिसंबर 2021 को कानपुर में इस कानून में कोर्ट ने पहली सजा भी सुनाई।  कानून लागू करने में मेरठ के दो मामले आधार बने थे, जिसमें दो मुस्लिम युवकों ने हिन्दू लड़कियों से सिर्फ प्रॉपर्टी हड़पने के लिए दोस्ती/शादी की और फिर उन्हें मार डाला।

2016 में एमबीबीएस,2017 से पीछे पड़ा अब्दुल रहमान

पीड़िता की मां ने बताया कि 2016 में बेटी यूक्रेन से एमबीबीएस कर लौटी और आगे की पढ़ाई के लिए कोचिंग के साथ इंटर्नशिप करने लगी। तभी उनके पति का ट्रांसफर हो गया और वे बेटी को यहां छोड़कर चले गए।

केंद्र सरकार के एक अनुसचिव ने अपनी इकलौती बेटी के लव जिहाद का शिकार होने की आशंका जताई है। गैर हिंदू युवक पर बेटी से धोखाधड़ी कर शादी करने का आरोप लगाते हुए नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। मुकदमे में दिल्ली के खन्ना मार्केट के आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों और गाजियाबाद के छोटी बजरिया स्थित वैदिक हिंदू सभा को भी आरोपित बनाया है, जिन्होंने उनकी बेटी और आरोपित युवक की शादी का प्रमाण-पत्र जारी किया है।

पीड़िता की मां ने बताया कि 2016 में बेटी यूक्रेन से एमबीबीएस कर लौटी और आगे की पढ़ाई को कोचिंग और इंटर्नशिप करने लगी। तभी उनके पति का ट्रांसफर हो गया और वे बेटी को यहां छोड़कर चले गए। कुछ दिन बाद बेटी को जली हालत में अस्पताल में भर्ती कराये जाने की सूचना मिली। वह पहुंचीं तो अब्दुल रहमान नामक व्यक्ति बेटी के पास मिला। तीन माह तक सर्जरी के बाद वह बेटी को साथ ले गईं।

कुछ दिन बाद बेटी नोएडा के अस्पताल में नौकरी लगने की बात कहकर चली गई और संपर्क तोड़ दिया। बेटी से उनका संपर्क नहीं हुआ तो वह भी नोएडा चली आईं और युवक के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी।

दवा देकर वश में करने का आरोप

मां के मुताबिक अब्दुल यूनानी चिकित्सा का कोर्स कर रहा था और बेटी से परिचित भी नहीं था। उन्होंने बेटी को दवा देकर वश (हिप्नोटाइज) में करने का आरोप लगाया। अब्दुल के पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बेटी लव जिहाद का शिकार  है, क्योंकि वह उन्हें धमकी भी देता है। अनुसचिव ने मैरिज रजिस्ट्रार पंचम पर भी आरोप लगाया है। नोएडा पुलिस के सुनवाई न करने पर उन्होंने दिल्ली पुलिस से गुहार लगाई थी, जहां से शिकायत को गाजियाबाद ट्रांसफर किया गया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु कुमार गुप्ता ने बताया कि हिंदू मैरिज एक्ट में अलग-अलग धर्म के व्यक्तियों की शादी का पंजीकरण के लिए जिलाधिकारी दोनों के अभिभावकों की सहमति से संस्तुति देते हैं।

और लड़कियां भी फंसी हैं लव जिहाद में

दिल्ली में तैनात आईएएस अधिकारी आर. के. सारंगी ने गाजियाबाद नगर कोतवाली में एफआईआर में आरोप लगाया है कि युवक अब्दुल रहमान ने उनकी इकलौती बेटी डॉक्टर हर्ष भारती सारंगी से बड़े षड्यंत्र में शादी की है। इसमें उसका एकमात्र उद्देश्य लव जिहाद में बेटी का धर्म परिवर्तन कराने का है। शादी कराने वाली दो संस्थाएं भी इसमें शामिल हैं। पुलिस ने संस्थाओं के पदाधिकारियों से जवाब तलब किया है।

आर. के. सारंगी ने एफआईआर में कहा कि बेटी 2016 में यूक्रेन से एमबीबीएस कर लौटी थी। मेरठ के मवाना निवासी अब्दुल रहमान 2017 से उसके पीछे पड़ा था। उसने फरेब का जाल बुनकर बेटी को फंसाया। बेटी को पहले घायल किया, फिर सहानुभूति दिखाई और उसके बाद दबाव बनाकर साथ में रखने लगा। इसमें मौलानाओं ने उसका साथ दिया। उसने खौलते तेल से बेटी का चेहरा जलाने की कोशिश की ताकि उससे शादी की बात मानने के सिवाय उसके पास कोई चारा न रहे। उसने कानूनी कार्रवाई से बचने को नवंबर 2018 में मंदिर में शादी रचाकर इसका पंजीकरण भी कराया। शादी के बाद से अब्दुल रहमान और हर्ष भारती नोएडा में रहते हैं। एफआईआर में अब्दुल रहमान, वैदिक हिंदू सभा, गाजियाबाद के पदाधिकारी, आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट, दिल्ली के पदाधिकारी नामजद हैं।

और भी लड़कियां जाल में फंसी

के सारंगी ने एफआईआर में कहा कि लव जिहाद की इस साजिश में सिर्फ उनकी बेटी नहीं, और भी लड़कियां फंसी हैं। पुलिस से गुहार है कि इस केस में कड़ी कार्रवाई करे ताकि अन्य लड़कियां सुरक्षित वातावरण में रह सकें। पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी के इस मामले में नामांकित दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। उन्हें बुलाया गया है। उनसे पूछा जाएगा कि अलग-अलग धर्म के युवक-युवती की शादी का प्रमाणपत्र किस आधार पर जारी किया गया।

बिना धर्मपरिवर्तन अलग धर्मों के कपल की आर्य समाज मंदिर में शादी असंभव

मेरठ रोड गाजियाबाद स्थित नया आर्य समाज मंदिर के पुरोहित आचार्य रामाशंकर के मुताबिक, आर्य समाज के जानकारों का मानना है कि शादी के लिए कपल से एफिडेविट लिया जाता है और घर वालों को भी सूचना दी जाती है. क्योंकि धर्म परिवर्तन पर स्टे है, बिना धर्म परिवर्तन के अलग धर्म के लोगों के बीच आर्य समाज मंदिर में शादी नहीं की जा सकती है. दोनों विवाह करने वाले युगल का हिंदू धर्म का होना जरूरी है.

क्या कहते हैं SSP मुुुुुुनिराज

गाजियाबाद एसएसपी एम मुनिराज के मुताबिक, शिकायत पर 420 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है. लड़की की पिता की तरफ से शिकायत मिली है कि लड़के ने धोखे से लड़की से शादी कर ली, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया. मगर लड़का-लड़की दोनों अभी साथ रह रहे हैं. अभी पुलिस जांच कर रही है. लड़की और लड़कों से पूछताछ के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

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