महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या में आनंद गिरि समेत तीन हिरासत में
Narendra Giri Death : महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को उत्तराखंड पुलिस ने पकड़ा, उत्तर प्रदेश पुलिस हरिद्वार रवाना
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उत्तराखंड पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार में हिरासत में ले लिया है। उसे गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस हरिद्वार रवाना हो गई है।
हाइलाइट्स
हरिद्वार पुलिस की हिरासत से आनंद गिरि को अरेस्ट करने यूपी पुलिस रवाना हो गई है
महंत की मौत की सूचना पर हरिद्वार पुलिस आनंद गिरि के आश्रम पहुंची और उन्हें हिरासत में लिया
महंत का पार्थिव शरीर सम्मान के साथ बाघम्बरी मठ में रखा जाएगा, कल सुबह होगा पोस्टमार्टम-आईजी
महंत नरेंद्र गिरि का निधन, सूइसाइड नोट में लिखी शिष्यों से दुखी होने की बात
हरिद्वार 20 सितंबर।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि ने अपने मठ बाघंबरी गद्दी में सोमवार की शाम कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। हालांकि पुलिस को शव के पास से सूइसाइड नोट भी बरामद किया है। बताया गया कि सूइसाइड नोट में महंत ने अपने शिष्य आनंद गिरि से दुखी होने की बात कही। उधर, उत्तराखंड पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार में हिरासत में ले लिया है। उसे गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस हरिद्वार के लिए रवाना हो गई है।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर योगेंद्र रावत के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस से सूचना मिली थी कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है। महंत के कमरे में एक सूइसाइड नोट सामने आया है, जिसमें संत आनंद गिरि का नाम सामने आया है। इस सूचना पर हरिद्वार पुलिस एक्टिव हुई। इसके बाद हरिद्वार पुलिस की एक टीम श्यामपुर के गाजावाली स्थित संत आनंद गिरि के आश्रम पहुंची और उन्हें हिरासत में लिया है। बताया गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम आनंद गिरि को अरेस्ट करने के लिए वहां से रवाना हो गई है।
मठ बाघंबरी गद्दी में पंखे से लटका मिला महंत का शव
इससे पहले पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज रेंज केपी सिंह ने मठ बाघंबरी गद्दी में पत्रकारों को बताया कि शाम को पुलिस के पास फोन आया कि महाराज जी (महंत नरेंद्र गिरि) पंखे पर फांसी के फंदे पर लटक गए हैं। महंत के शिष्यों के मुताबिक, घटना के समय दरवाजा भीतर से बंद था और उन्होंने दरवाजा तोड़कर उन्हें फंदे से उतारकर जमीन पर लिटाया। सिंह ने बताया कि पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो महंत की मृत्यु हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला नजर आता है और घटनास्थल से सात-आठ पेज का सूइसाइड नोट भी मिला है जिसमें महंत ने अपने आश्रम के बारे में क्या करना है.. एक तरह से वसीयतनामा लिखा है।
सूइसाइड नोट में महंत ने लिखा- शिष्य से दुखी हूं
आईजी ने कहा कि सूइसाइड नोट में महंत ने लिखा है कि वह अपने एक शिष्य से दुखी थे। सिंह ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का निधन बहुत दुखद है। हम आगे की विवेचना कर रहे हैं। महंत जी दिन में जिस गेस्ट हाउस में रहते थे, उनका शव वहां मिला। उन्होंने बताया कि महंत ने अपने सूइसाइड नोट में इस कठोर कदम के पीछे कई कारण लिखे हैं और कई मार्मिक बातें लिखी हैं।
सूइसाइड नोट की जांच कर रही पुलिस
सिंह ने कहा कि फॉरेंसिक टीम सूइसाइड नोट की जांच कर रही है और महंत के शव का मंगलवार को पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड की टीम अपना काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के आने के बाद महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम संस्कार पर निर्णय किया जाएगा। सिंह ने कहा कि महंत ने अपने पत्र में समाधि बनाए जाने का भी जिक्र किया है, जिस पर अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी निर्णय करेंगे। उन्होंने कहा कि महंत के निधन की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को भी दे दी गई है और कल प्रोटोकॉल आने के बाद ही पता चलेगा कि कौन-कौन लोग यहां आ रहे हैं।
प्रयागराज कुंभ मेले में महंत गिरि की थी महत्वपूर्ण भूमिका
दरअसल साल 2019 के प्रयागराज कुंभ मेले के भव्य आयोजन में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। मेले के दौरान उन्होंने समय-समय पर शासन का मार्गदर्शन किया था। मठ बाघंबरी गद्दी में शाम छह बजे से ही भारी पुलिस बल तैनात था और मठ के आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग लगा दी गई थी। मठ में मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित सभी आला अधिकारी मौजूद थे।
शिष्य आनंद गिरि का आरोप- बड़ी साजिश है
उत्तराखंड पुलिस की ओर से हिरासत में लिए जाने से पहले महंत के शिष्य आनंद गिरि ने महाराज की मौत को साजिश करार दिया है। आनंद ने दावा करते हुआ कहा कि नरेंद्र गिरि की मौत सामान्य नहीं है, बड़ी साजिश हुई है। अभी मैं हरिद्वार में हूं, मंगलवार को प्रयागराज पहुंचकर देखूंगा क्या सच है।’ नरेंद्र गिरी से विवादों पर आनंद गिरी ने कहा, ‘मेरा उनसे नहीं,मठ की जमीन को लेकर विवाद था।’ आनंद गिरी ने कहा, ‘शक के दायरे में कई लोग हैं,उन्होंने ही नरेंद्र गिरी को मेरे खिलाफ किया।’
आनंद गिरि समेत तीन हिरासत मे
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
देश भर में अपने बयान से सुर्खियों में रहने वाले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार शाम संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनका शव अल्लापुर में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के कमरे में फंदे से लटका मिला। खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी वहां पहुंच गए। पुलिस महानिरीक्षक रेंज केपी सिंह ने बताया कि वह भी कुछ ही देर में मठ पहुंच गए थे। फिलहाल यह फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला लग रहा है। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर जांच की। पता चला कि शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा। उनका शव पंखे में बंधे भगवा धोती के फंदे से लटका था। पुलिस को वहां आठ पेज का सुसाइड नोट मिला जिसमें आनंद गिरि समेत तीन लोगों से प्रताड़ित होने का जिक्र है। देर रात पुलिस अपर महानिदेशक जोन प्रेम प्रकाश और मेडिकल कालेज के प्राचार्य डाक्टर एसपी सिंह भी डाक्टरों की टीम के साथ पहुंचे। डाक्टरों ने शव का मुआयना किया और कहा कि नाक से खून रिसा है। गले में कसाव के निशान हैं। बाकी पोस्टमार्टम से साफ होगा।
अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम से मौत की वजह साफ होगी। सुसाइट नोट की हैंड राइटिंग की भी जांच होगी। इस बीच हरिद्वार में महंत के विवादित शिष्य आनंद गिरि और प्रयागराज में दो अन्य शिष्यों मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को पुलिस हिरासत में लिया है। इन तीनों का नाम सुसाइड नोट में है।
कई दिन से तनाव में थे और ज्यादा झुंझलाने लगे थे महंत
पुलिस को शिष्यों से बातचीत में पता चला है कि पिछले पांच दिन से महंत नरेंद्र गिरि खासे तनाव और चिंता में दिख रहे थे। वह बात-बात पर झुंझलाने भी लगे थे। इस बीच जांच में जुटी पुलिस ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के मुख्य गेट और भीतर लगे अलग अलग सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच और शिष्यों से पूछताछ शुरू की है।
आनंद गिरि ने कहा, हत्या की गई है, होनी चाहिए जांच
आइजी जोन ने बताया कि सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है कि वह सम्मान से जीवन जीते रहे लेकिन अब अपमानित होकर जीना पड़ रहा है। सुसाइड नोट में शिष्य से दुखी होने की बात है। इस बीच खबर है कि महंत से विवाद के बाद सुर्खियों में आए शिष्य नरेंद्र गिरि ने इस घटना को कत्ल करार दिया है और कहा कि यह बड़ी साजिश है। उन्हें प्रताडित कर अपनी जान देने मेरा नाम सुसाइड नोट में लिखने के लिए मजबूर किया गया। मैंने तो माफी मांग ली थी और गुरू जी ने माफ भी कर दिया था। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। मैंने खुद और गुरू जी की हत्या की आशंका जाहिर की थी। आनंद गिरि ने पुलिस के एक बड़े अधिकारी और एक भू- माफिया को इस साजिश के पीछे बताते हुए जांच कराने की बात कही है।
मठ पर जुटे भक्त, पुलिस संभालती रही
महंत की मौत की खबर फैलने पर शहर भर से उनके भक्त मठ पर जुट गए। पुलिस को भीड़ को संभालने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। रात नौ बजे तक बाघम्बरी मठ के भीतर पुलिस अधिकारी और फोरेंसिक टीम ही रही। रात करीब पौने दस बजे फोरेंसिक टीम मठ से निकली। पार्थिव शरीर रखने के लिए डीप फ्रीजर मंगाया गया।
शिष्य आनंद गिरि से विवाद रहा चर्चित
संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत स्वामी नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य चर्चित योग गुरू आनंद गिरि के बीच पिछले दिनों विवाद सुर्खियों में रहा है। आनंद गिरि को अखाड़ा परिषद तथा मठ बाघम्बरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया गया था। तब दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी किए थे। तमाम साधु संत ने महंत नरेंद्र गिरि का समर्थन किया था। नरेंद्र गिरि ने कहा था कि आनंद गिरि माफी मांगे तब उनके बारे में कुछ सोचा जा सकता है। बाद में आनंद गिरि ने माफी मांग ली थी। हालांकि, उनका निष्कासन वापस नहीं किया गया।
महंत ने लिखा- जब तक जिया सम्मान से जिया, अपमान में जीना नहीं चाहता
आइजी जोन केपी सिंह ने बताया कि अल्लापुर स्थित मठ बाघम्बरी गद्दी में कक्ष का दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके यानी महंत के बाद मठ का संचालन कैसे हो। आइजी ने इस बाबत कहा कि पूरे घटनाक्रम की विवेचना की जाएगी।
जब तक जिया सम्मान से जिया, सभी को सम्मान दिया। अपमान में जीना नहीं चाहता।’
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत तकरीबन 60 वर्षीय नरेंद्र गिरि के जीवन के यह वो अंतिम शब्द हैं जो उन्होंने मौत को गले लगाने से पहले सुसाइड नोट में लिखा। पुलिस को आठ पन्नों का यह सुसाइड नोट उस कक्ष के बेड पर मिला जहां महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे में फंदे से लटका मिला। सुसाइड नोट की सत्यता की भी जांच होनी है कि यह वास्तव में महंत नरेंद्र गिरि ने ही लिखा या नहीं।
आइजी ने कहा, हैंड राइटिंग समेत हर पहलू की जांच
आइजी जोन केपी सिंह ने बताया कि अल्लापुर स्थित मठ बाघम्बरी गद्दी में कक्ष का दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके यानी महंत के बाद मठ का संचालन कैसे होगा। आइजी ने इस बाबत कहा कि पूरे घटनाक्रम की विवेचना की जाएगी। आइजी ने बताया कि पुलिस को इस घटना की सूचना शाम 5.20 बजे बाघम्बरी मठ से महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बबलू के द्वारा फोन पर मिली। आइजी के अनुसार बबलू को फौरन ही कहा गया कि किसी को भी वहां कुछ छूने नहीं दिया जाए। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतरवाया। वहीं आठ पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला।
सुसाइड नोट वसीयतनामा की तर्ज पर
इस नोट में उन्होंने कई शिष्यों के नाम लिखे हैं। एक तरह से उन्होंने सुसाइड नोट में अपने बाद बाघम्बरी मठ की वसीयत भी लिख दी। इसमें कई लोगों के नाम हैं। एक सवाल के जवाब में आइजी केपी सिंह ने बताया कि अपमानित करने वालों में शिष्य आनंद गिरि का भी नाम है लेकिन यह विवेचना में स्पष्ट होगा कि नरेंद्र गिरि अपने किस शिष्य से वास्तविक रूप से आहत थे। हालांकि सुसाइड नोट से यह तय है कि नरेंद्र गिरि अपने किसी शिष्य द्वारा हुए अपमान से दुखी थे। महंत नरेंद्र गिरि द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट इस पूरे मामले की जांच की दिशा तय करेगा। फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर बारीकी से जांच कर रही है।
सुबह होगा पोस्टमार्टम, आ रहे हैं मुख्यमंत्री
रात करीब साढ़े सात बजे शव वाहन मठ के भीतर पहुंच गया था। पुलिस अधिकारियों की बातों से अनुमान है कि सुबह महंत के पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसकी तैयारी की जा रही है। सीएमओ को जिला प्रशासन से इस बारे में निर्देश दिया जा चुका है। तब तक शव को डीप फ्रीजर में रखा जाएगा। सुबह नौ बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी प्रयागराज आ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या रात में आ रहे हैं।
कल ही उपमुख्यमंत्री ने लिया था आशीर्वाद
महंत नरेंद्र गिरि पिछले करीब दो दशक से साधु संतों के बीच अहम स्थान रखते थे। प्रयागराज आगमन पर बडे़ नेता हों या फिर आला पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी, वे महंत से आशीर्वाद लेने और लेटे हनुमान जी का दर्शन करने जरूर जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद सहित अन्य मंत्री और सांसद तथा विधायक मंदिर और बाघम्बरी मठ पहुंचते रहे हैं। कल यानी रविवार को भी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंदिर जाकर महंत से आशीर्वाद लिया था। पिछले दिनों पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल भी मंदिर में दर्शन पूजन करने गए थे।